भारत ने विगत वर्षों में क्रिकेट जगत को एक से बढ़कर एक बेहतरीन खिलाड़ियों को दिया है। अगर कप्तानों की बात करें तो सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी का उल्लेख बिना यह चर्चा अधूरी रह जाएगी।
सौरव गांगुली स्वभाव से आक्रामक थे और इसलिए भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते थे। 2000 में मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद उन्होंने भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर अपना पद संभाला और भारतीय टीम की पूरी तरीके से कायापलट कर दिया। गांगुली ने हमेशा से ही अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया। जहीर खान, हरभजन सिंह, वीरेंदj सहवाग, आशीष नेहरा, युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी हमेशा से गांगुली के पसंदीदा रहे।
दूसरी ओर महेंद्र सिंह धोनी अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते है। उन्होंने भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया। धोनी आईसीसी के तीनों प्रमुख ट्रॉफी जीतने वाले विश्व के एकमात्र कप्तान हैं। 2011 में विश्वकप जीत उनकी कप्तानी करियर का सर्वोच्च उपलब्धि रहा। उन्होंने भारतीय टीम को टेस्ट और वनडे क्रिकेट में शीर्ष पर पहुंचाया।
इन दोनों महान कप्तानों ने कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के स्वरूप को हमेशा के लिए बदल दिया। नजर डालते हैं ऐसे 5 निर्णयों पर :
#5. धोनी का विराट कोहली को खराब फॉर्म के दौरान समर्थन देना
विराट कोहली अपने युवावस्था में तब सुर्खियों में आए जब उनके नेतृत्व में भारतीय अंडर-19 टीम ने विश्व कप जीता। विराट कोहली के इस विजय अभियान के बाद उन्हें तुरंत भारतीय एकदिवसीय टीम में शामिल कर लिया गया। लेकिन शुरुआत में वे अपने स्कोर को बड़े स्कोर में परिवर्तित नहीं कर पा रहे थे।
कोहली ने अपनी पहली 13 टेस्ट पारियों और 13 एकदिवसीय मुकाबलों में केवल 3-3 अर्धशतक लगाने में कामयाब हुए थे। लेकिन उन्हें तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का लगातार समर्थन मिलता रहा। इस बात की पुष्टि खुद विराट कोहली ने की, जब धोनी ने 2017 में कप्तानी से संन्यास लेने की घोषणा की। तब कोहली ने कहा था " धोनी ने शुरुआत में उनकी बहुत मदद की और एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने के लिए धोनी ने उन्हें पर्याप्त समय और टीम में स्थान दिया और कई बार टीम से बाहर होने से भी बचाया। विराट कोहली ने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार सफलता प्राप्त की है।
वह अब तक के सबसे बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों में शामिल हो गए हैं। उनके नाम 19000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन और 60 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक दर्ज है। शायद यह सब मुमकिन नहीं होता यदि उस समय धोनी ने कोहली का समर्थन नहीं किया होता।