एशियाई ब्रैडमैन ने 1970-80 के समय में अपनी अलग पहचान बनाई थी। वह न सिर्फ टेस्ट में शानदार पारियां खेलते थे, बल्कि छोटे प्रारूप में भी खुद को ढाल लेते थे। लिस्ट ए क्रिकेट में अब्बास का प्रदर्शन शानदार रहा और उन्होंने पाक क्रिकेट को अलग स्तर पर पहुंचा दिया। उनका स्ट्राइक रेट 85 के आसपास रहता था। हालांकि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के बड़े मैदान ने अब्बास को भी चुनौती दी जब वह बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड सीरीज के 9वें मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी करने के लिए उतरे। अब्बास तब लिली और थोम्प्सन व एल्डरमन का सामना कर रहे थे और गेंद को रोक रहे थे। तीन सप्ताह पहले ही अब्बास ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के इसी गेंदबाजी आक्रमण का सामना करते हुए अद्भुत शतक लगाया था। मगर इस मर्तबा मैच और परिस्थिति अलग थी और अब्बास को इसके मुताबिक खेलना था। उनकी 84 रन की पारी वो भी बिना बाउंड्री के मैच विजयी साबित हुई, उन्हें इस पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। पाकिस्तानी खिलाड़ियों द्वारा खेली पारियों में से यह एक सर्वश्रेष्ठ पारी रही और इसने साबित कर दिया कि महान क्रिकेटर किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल सकता है।