#1 बीसीसीआई का भारत को बेहतर अभ्यास के लिए दक्षिण अफ़्रीका भेजने की जगह श्रीलंका को बुलाना
जब भी कोई टीम विदेशी दौरे पर या वैसी परिस्थितियों में क्रिकेट खेलने जाती है जो उनके माक़ूल न हो तो उसके लिए कोशिश यही रहती है कि ज़्यादा से ज़्यादा अभ्यास किया जाए। और उन परिस्थितियों में ढलने के लिए पहले ही उस देश में पहुंच जाती हैं, लेकिन भारत ने इसका ठीक उल्टा किया, बिना कोई अभ्यास मैच खेले हुए टीम इंडिया केपटाउन टेस्ट में उतरी और नतीजा सभी के सामने है। ऐसा नहीं है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पास समय की कमी थी, श्रीलंकाई दौरे के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड की मेज़बानी करनी थी ये तय था लेकिन इसके बाद दक्षिण अफ़्रीका दौरे से पहले भारत पूरी तरह ख़ाली था। यही वजह है कि दक्षिण अफ़्रीका ने पहले टीम इंडिया को 4 टेस्ट मैचों के लिए बुलाने की गुज़ारिश की थी जिसकी शुरुआत 26 दिसंबर यानी बॉक्सिंग डे टेस्ट से होनी थी, लेकिन बीसीसीआई ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और इसे 5 जनवरी कर दिया। ताकि श्रीलंका को मेज़बानी के लिए बुलाया जा सके, हालांकि ये कहा गया कि इस सीरीज़ की पिचों को इस तरह तैयार किया जाएगा जो दक्षिण अफ़्रीका का अहसास दिलाएं। कोलकाता में नज़ारा कुछ वैसा रहा लेकिन उसके बाद नागपुर और दिल्ली में कुछ नहीं बदला। इतना ही नहीं अगर बीसीसीआई चाहती तो वनडे और टी20 सीरीज़ में जो खिलाड़ी नहीं खेल रहे थे और वह टेस्ट में टीम इंडिया का हिस्सा थे उन्हें दक्षिण अफ़्रीका पहले ही भेजा जा सकता था जिससे कि उन्हें थोड़ा अभ्यास हो जाता, लेकिन बीसीसीआई की ये ग़लती या अतिआत्मविश्वास का ख़ामियाज़ा केपटाउन में टीम इंडिया और खिलाड़ियों को उठाना पड़ा।