आईपीएल में भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्टार खिलाड़ी खेलते हैं। जहां उनके प्रदर्शन को पूरी दुनिया के चयनकर्ता बहुत ही करीबी नजर रखते हैं। कई बार ऐसा हो चुका जब राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों डायरेक्ट राष्ट्रीय स्तर पर मौका दिया है। इसके आलावा कई स्टार खिलाड़ियों का आईपीएल में खराब प्रदर्शन उनके राष्ट्रीय टीम से बाहर होने का कारण भी बना है। हालांकि ऐसे ही 5 अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जो बड़े स्टार हैं, लेकिन आईपीएल में उनका प्रदर्शन फीका रहा है, आज हम उन्हीं के बारे में बता रहे हैं: एंजेलो मैथ्यूज श्रीलंका के टेस्ट और वनडे टीम के कप्तान मैथ्यूज इस आइलैंड के कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के बाद बहुत ही प्रभावी क्रिकेटर हैं। वह एक बेहतरीन आलराउंडर हैं, माध्यम गति की गेंदबाज़ी और निचले क्रम में तगड़े शॉट मारने में वह माहिर हैं। इस वजह से वह टी-20 फॉर्मेट में काफी फिट बैठते हैं। हालाँकि वह आईपीएल में गेंद और बल्ले दोनों से प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं। इसके आलावा उनके अंदर टीम को लीड करने की भी क्षमता है। मैथ्यूज ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत केकेआर के साथ किया था। उसके बाद वह पुणे वारियर इंडिया में आये। जहाँ वह कप्तान भी बने थे। हालाँकि वह टीम के लिए प्रेरणा स्रोत का काम नहीं कर पाए थे। उसके बाद वह दिल्ली फ्रैंचाइज़ी के साथ जुड़े। जहाँ वह दिल्ली के कप्तान भी बने लेकिन वह कभी भी कमाल का खेल दिखाते हुए नजर नहीं आये। मैथ्यूज ने 46 मैचों में 23.86 के औसत और 126.27 के स्ट्राइक रेट से 692 रन बनाये। गेंदबाज़ी में भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा उन्होंने 46 मैचों में 8.06 के इकॉनमी रेट और 37.88 के औसत से 27 विकेट लिए थे। एंड्रयू फ़्लिंटॉफ़ एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ की क्षमता पर आपको जरा सा भी संदेह नहीं होना चाहिए वह बतौर आलराउंडर बेहतरीन बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ थे। इंग्लैंड के लिए वह साल 2005 और 2009 के एशेज में हीरो की तरह थे। वह एक मैच विनर थे, अपना दिन होने पर वह मैच का रुख गेंद और बल्ले दोनों से मोड़ सकते थे। चेन्नई ने उन्हें आईपीएल की नीलामी ने 1.55 मिलियन डॉलर में खरीदा जो हैरान करने वाला नहीं था। वह एक बेहतरीन आलराउंडर थे लेकिन उनका प्रदर्शन आईपीएल में अच्छा नहीं रहा। वह आईपीएल में काफी चोटिल रहे जिसकी वजह से वह 3 ही मैचों में खेल पाए थे। जिसमें 116.98 के स्ट्राइक रेट से उन्होंने मात्र 62 रन बनाये। साथ ही 9.55 के इकॉनमी रेट से 2 विकेट लिये। वास्तव में ये बहुत ही प्रदर्शन कहा जा सकता है! रवि बोपारा इंग्लिश एस्टाब्लिश्मेंट के मुताबिक रवि बोपारा ने अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं किया है। वह गेंद के बेहतरीन टाइमिंग वाले बल्लेबाजों में आते हैं। इसके आलावा वह मध्यम गति के गेंदबाज़ और चुस्त फील्डर भी हैं। कुल मिलाकर टी-20 के कम्पलीट पैकेज हैं। साल 2009 में उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने खरीदा था। लेकिन उसके बाद उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की तरह ही आईपीएल में भी उनमे लोगों दिलचस्पी लेना छोड़ दिया। उसके बाद वह सनराइजर हैदराबाद में आ गये, लेकिन उनकी फॉर्म यहां भी लचर साबित हुई और वह अपनी पिछली टीम की तरह ही यहां भी असफल साबित हुए। आईपीएल में बोपारा ने अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया। आईपीएल में 24 मैचों में 29.50 के औसत और 117.21 स्ट्राइक रेट से 531 रन बनाये थे। गेंदबाज़ी में बोपारा ने 8.50 के इकॉनमी रेट से 11 विकेट लिए थे। कैमरून वाइट जब कैमरून वाइट ने अपने करियर की शुरुआत की थी तो उन्हें एक महान खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता था। वह हार्ड हिटर बल्लेबाज़ और लेग ब्रेक गेंदबाज़ थे। साथ ही वह क्रिकेट की अच्छी समझ भी रखते थे। लेकिन उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की तरह ही उनका आईपीएल करियर भी एक जोरदार शुरुआत के बाद धूमिल हो गया। उन्होंने पहले डेक्कन चार्जेज के लिए खेला और बाद में वह आरसीबी में शामिल हो गये। उसके बाद वह हैदराबाद में शामिल हुए। जहाँ वह टीम के कप्तान भी बने। लेकिन उन्होंने इस टूर्नामेंट पर कभी अपना प्रभाव नहीं छोड़ा। वाइट ने 47 आईपीएल मैचों में 126.35 के स्ट्राइक रेट और 26.50 के औसत से 954 रन बनाये थे। ये आंकडे वाइट की क्षमता को सार्थक नहीं करते हैं। इसलिए वह कई तरह से आईपीएल के असफल खिलाड़ी साबित होते हैं। मशरफे मुर्तजा मुर्तजा दिमागी तौर पर काफी मजबूत खिलाड़ी हैं। बांग्लादेश के सीमित ओवरों के कप्तान अपने देश के पहले सुपरस्टार खिलाड़ी हैं। उन्होंने महान एंडी रोबर्ट्स को काफी प्रभावित किया था। आईपीएल में साल 2009 में उन्हें केकेआर ने 600,000 डॉलर में खरीदा था। हालाँकि मुर्तजा ने आईपीएल में एक ही मैच डेक्कन चार्जेज के खिलाफ खेले थे। जहाँ उनके एक ओवर में रोहित शर्मा ने 21 रन कूटकर अपनी टीम को जीत दिला दिया था। इसके बाद वह आईपीएल में कभी नहीं खेल पाए। मुर्तजा ने इस मैच में 4 ओवर में 58 रन दिए थे। जो वास्तव में उनके लिए दुस्वप्न साबित हुआ।