किसी भी टीम के लिए उसकी बल्लेबाज़ी क्रम का धराशयी हो जाने उस टीम के लिए बुरे सपने जैसा होता है। वहीं गेंदबाज़ों के लिए ये बहुत ख़ुशी का पल होता है जब कोई बल्लेबाज़ उनकी तेज़ या धुमती गेंदों के सामने संघर्ष करते हुए असहाय नज़र आते है। इसमें सबसे मज़ेदार बात ये है कि इस तरह की परिस्थिति बिना किसी चेतावनी के ही आती है।
पिछले साल भी ऐसी कई पारियां देखने को मिली जहां कई टीमों के बल्लेबाज़ी क्रम को इस तरह कि परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को पिछले साल इस तरह की कई परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, वैसे कई और टीम भी है जिसे इस तरह की अनचाही परिस्थिति का सामना करना पड़ा। क्रिकेट में, जहां ज्यादातर बल्लेबाज़ी का ही बोलबाला रहता है, इस तरह की स्थिति पैदाकर गेंदबाज़ों ने भी ख़ुद को स्थापित किया है कि ये खेल उनका भी है। आइये एक नज़र डालते है पिछले 12 महीनें में धराशायी हुए पांच बड़ी बल्लेबाज़ी क्रम पर.
# 5. इंडिया 79/10 Vs न्यूज़ीलैंड, नागपुर (13वां टी20- विश्न टी20)
पिछले साल टी20 में ज्यादा मौकों पर टीम इंडिया किवी टीम से कमज़ोर ही रही। न्यूज़ीलैंड की टीम हर क्षेत्र में बेहतर दिखी और सही मायने में 2016 के अंतर्राष्ट्रीय T20 के उद्घाटन मैच में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। पहले टी20 एशिया कप अपने नाम करने के बाद टीम इंडिया का आत्मविश्वास बहुत अच्छा हो गया था लेकिन उसके बाद अगले चार मैचों में उसे बहुत संघर्ष करना पड़ा।
नागपुर में खेले इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने वाली विलसम के नेतृत्व वाली न्यूज़ीलैंड टीम के लिए भी इतना आसान नहीं था। 20 ओवर में न्यूज़ीलैंड की पूरी टीम 7 विकेट पर 126 रन ही बना पायी। लेकिन ज़वाब में उतरी इंडियन टीम के बल्लेबाज़ इस कम स्कोर वाले मैच में भी ढ़ेर हो गए। ईश सोढ़ी और मिशेल सैंटनर ने मिलकर (8-0-29-7) दुनिया की बेहतरीन माने जाने वाले भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को ध्वस्त कर दिया।
हालांकि अश्निन और धोनी की 37 बॉल में 30 रन की एक साझेदारी ने टीम इंडिया की स्थिति को पटरी पर लाने की कोशिश की, लेकिन कम होती गेंदें और बढ़ते रन रेट के सामने टीम इंडिया की परेशानियां बढ़ती गयी। और अंत में पूरी भारतीय टीम 79 रन के स्कोर पर ढ़ेर हो गयी और कम स्कोर वाले इस मैच में भी 47 रन से हार गयी।
# 4. इंग्लैंड 64/10 Vs बांग्लादेश, मीरपुर (दूसरा टेस्ट मैच)
पिछले साल जुलाई में पहले टेस्ट में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ इंग्लैंड बेहतरीन जीत हासिल की थी लेकिन दूसरे टेस्ट में इस मज़बूत टीम को बांग्लादेश से एक बुरी हार का सामना करना पड़ा।
एक तरफ टेस्ट सीरीज़ में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 1-0 से आगे होने के बाद इंग्लैंड की टीम क्लीन स्पीप का सपना संजोए थी। तो वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश ने पहले मैच में हार से प्रेरणा लेकर दूसरे टेस्ट में बहुत ही बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। तामिम एक़बाल के शतक की बदौलत पहली पारी में बांग्लादेश ने 220 रन बनाए।
दूसरी पारी में इंग्लैंड अपने अंतिम क्रम की बल्लेबाज़ी की मदद से किसी तरह 24 रन की लीड ले पायी। वहीं तीसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने आई बांग्लादेश की टीम ने अच्छी बल्लेबाज़ी की और इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 273 रन का लक्ष्य रखा। ख़ास बात ये थी कि इस टेस्ट मैच में अभी भी दो दिन का खेल बाकी था।
एलिस्टेयर कुक और बेन डकेट ने मिलकर इंग्लैंड को 100 रन से ज्यादा की अच्छी शुरूआत दी लेकिन उसके बाद इंग्लैंड टीम बांग्लादेश की गेंदबाज़ी के चंगुल में फंस गयी। मेंहदी हसन और शाकिब अल हसन की बेहतरीन गेंदबाज़ी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ असहाय हो गए और 164 रन पर पूरी इंग्लिश टीम ढ़ेर हो गयी और बांग्लादेश ने दूसरा टेस्ट मैच 108 रन से जीत कर अपने नाम कर लिया।
# 3 ऑस्ट्रेलिया 85/10 Vs दक्षिण अफ्रीका, हॉबार्ट (दूसरा टेस्ट मैच)
पांच मैच के टेस्ट मैच से उलट तीन मैचों वाले टेस्ट सीरीज़ मैच में अगर कोई टीम पहला टेस्ट मैच हार जाए तो उससे दबाव ज्यादा बढ़ जाता है और कोशिश करता है कि अगला मैच जीत कर सीरीज़ में बने रहे। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया के सबसे फॉस्ट पिचों में से एक पर्थ के मैदान पर अपना पहला टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका से 177 रन से हार चुकी थी।
दूसरे टेस्ट मैच में सीरीज़ में कमबैक करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम एक बार फिर लड़खड़ा गयी और पहली पारी में 85 रन कम स्कोर पर ही ऑल आउट हो गयी, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पिछले 32 साल में सबसे कम का स्कोर था। प्रोटियाज़ के सामने कंगारू टीम की बल्लेबाज़ी कहीं भी टिकती नज़र नहीं आई। दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज़ बॉलर वर्नॉन फिलेंडर पांच विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी को ध्वस्त कर दिया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से केवल कप्तान स्टीव स्मिथ (48) ने ही थोड़ा बहुत प्रोटियाज़ गेंदबाज़ी का सामना किया।
11 में से 9 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ तो दहाई के आकड़े तक भी नहीं पहुंच पाए। बारिश की वजह से खेल थोड़ी देर के लिए रोका भी गया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया कभी भी मैच में वापसी करते हुए नहीं दिखाई दी। हालांकि दूसरी पारी में डेविड वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा और स्वीव स्मिथ ने कुछ अच्छी बल्लेबाज़ी भी की और इसी की बदौलत एक समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर दो विकेट पर 126 रन था लेकिन बाद में पूरी टीम 161 रन पर ही ढ़ेर हो गयी और अंत में ऑस्ट्रेलिया ये मैच एक पारी और 80 रन से हार गयी।
#2. इंडिया 46/9 Vs ऑस्ट्रेलिया, कैनबेरा (चौथा वनडे मैच)
पांच वनडे मैच वाले इस सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया पहले से ही 3-0 से सीरीज़ में आगे थी। इस चौथे टेस्ट में दो भारतीय बल्लेबाज़ों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और इंडिया के सम्मान को फिर से वापस लाने की कोशिश की। मैच में भारतीय गेंदबाज़ी कमज़ोर थी जो कि गंभीर समस्या का विषय था क्योंकि ख़राब गेंदबाज़ी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 300 से ज्यादा का लक्ष्य भारत के सामने रखा।
आरोन फिंच के शतक के बदौलत कंगारू टीम ने भारत के सामने जीत के लिए 349 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया था। जवाब में भारत ने भी ज़बरदस्त शुरूआत की। भारत की ओर से शिखर धवन और विराट कोहली ने बेहतरीन शतकीय पारी खेली। लेकिन शिखर धवन के आउट होते ही भारतीय पारी लड़खड़ा गयी और मैच का रूख़ बदल गया।
धवन के आउट होते ही ना केवल 212 रन की बेहतरीन साझेदारी टूटी बल्कि मैच में कंगारूओं के ख़िलाफ़ भारत के कमबैक करने का सपना भी टूट गया। एक समय था जब भारत को जीत के लिए 76 बॉल में 72 रन ही बनाने थे लेकिन एक विकेट गिरते ही मैच का पूरा पासा ही पलट गया और ऑस्ट्रेलिया मैच 25 रन से जीत गयी क्योंकि धवन के आउट होते ही इंडिया की बाकी टीम एक के बाद गिरती गई और कभी संभल ही नहीं पाई। ऑस्ट्रेलिया की ओर से केन रिचर्डसन ने 5 विकेट लेकर इंडिया की पारी ही ध्वस्त कर दी।
# 1. वेस्टइंडीज़ 23/7 Vs इंडिया, ग्रोस आइलेट (दूसरा टेस्ट मैच)
वेस्टइंडीज़ के ग्रोस आइलेट के नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज़ टीम के बीच दूसरा मैच खेला गया। शुरूआती बल्लेबाज़ी क्रम लड़खड़ाने के बाद ऋद्धिमान शाहा और रविचंद्रन अश्विन के शानदार 213 रन की साझेदारी की बदौलत टीम इंडिया ने पहली पारी में 353 रन बनाए।
दूसरी पारी में वेस्टइंडीज़ की टीम भुवनेश्वर कुमार की गेंदबाज़ी के चक्रव्यूह में फंस गयी। भुवनेश्वर ने वेस्टइंडीज़ के पांच बल्लेबाज़ों को अपना शिकार बनाया। गौरतलब है कि एक समय वेस्टइंडीज 4 विकेट पर 202 रन के स्कोर पर थी। लेकिन उसके बाद वेस्टइंडीज़ की पूरी टीम और 23 रन ही बना पायी और 225 रन पर ऑल आउट हो गई।
बल्लेबाज़ी के कम अनुभव के कारण वेस्टइंडीज के आख़िरी 7 विकेट 23 रन बना कर ही ढ़ेर हो गयी। जिसकी बदौलत इंडिया को महत्वपूर्ण 128 रन की लीड मिल गयी। जिसने भारत को मैच जिताने अहम भूमिका अदा की और इस जीत की बदौलत चार टेस्ट मैच वाले इस सीरीज़ में भारत 2-0 से आगे हो गयी।