इंग्लैंड दुनिया का सबसे पुराना क्रिकेट खेलने वाला देश है, उन्हें क्रिकेट का जन्मदाता भी कहा जाता है। इंग्लिश टीम ने पहला क्रिकेट टेस्ट मैच 1877 में खेला था। इसके बाद इंग्लैंड ने कई जीत, कई हार और और ढेरों विवाद का सामना किया है। विवाद ऐसी चीज़ है जो किसी भी खेल के इर्द गिर्द घूमती है। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं हैं। इंग्लिश टीम में कई विवादों के जद में आई है। हम यहां इंग्लैंड की टीम से जुड़े 5 सबसे बड़े विवादों को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
#5 माइकल अथर्टन और ‘जेब में धूल’
साल 1992 में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज़ में 2-1 से मात दी थी। उस वक़्त पाकिस्तान टीम के स्विंग किंग्स वसीम अकरम और वक़ार यूनिस पर बॉल टैंपरिंग के आरोप भी लगे थे। हांलाकि इसके 2 साल बाद इंग्लैंड के कप्तान माइकल अथर्टन पर गेंद से छेड़छाड़ करते हुए पकड़े गए थे। अथर्टन ने धूल के कण अपनी जेब में रखा हुआ था और धूल की मदद से वो गेंद को सूखा रख रहे थे। जब मैच रेफ़री पीटर बुर्ग ने पूछा कि उन्होंने धूल को जेब में क्यों रखा है तो अथर्टन ने कहा कि वो अपने हाथों को सूखा रखना चाहते हैं। एक कप्तान का मैच रेफ़री से झूठ बोलना नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त था, वो भी तब जब वो रंगे हाथों पकड़े गए थे। इस घटना के बाद इंग्लिश टीम की काफ़ी किरकिरी हुई थी। अथर्टन पर 2000 पाउंड का जुर्माना लगाया गया था। आज भी अगर बॉल टैंपरिंग की घटना होती है तो इस विवाद की याद एक बार फिर आ जाती है।
#4 समरसेट टीम ने घरेलू वनडे मैच में पहले ओवर के बाद पारी घोषित की थी
साल 1979 में बेंसन एंड हेजेज़ वनडे सीरीज़ जारी थी। सोमरसेट टीम को क्वार्टरफ़ाइनल में पहुंचने में दिक्कतें आ रहीं थीं। वोरसेस्टशायर के ख़िलाफ़ मैच में सोमरसेट के भाग्य का फ़ैसला होना था। ग्लेमॉर्गन और वोरसेस्टशायर का प्वाइंट सोमरसेट के बराबर था। क्वॉर्टरफ़ाइनल में पहुंचने के लिए सोमरसेट को अपनी बॉलिंग स्ट्राइक रेट बेहतर करनी थी। सोमरसेट के कप्तान ब्रायन रोज़ ने पहले ओवर के बाद ही अपनी टीम की पारी घोषित कर दी। सोमरसेट ने एक ओवर में महज़ 1 रन बनाए थे। वोरसेस्टशायर ने 10 गेंदों में 2 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया था। बॉलिंग स्ट्राइक रेट बेहतर होने की वजह से सोमरसेट ने क्वॉर्टरफ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई कर लिया। इस घटना के बाद सोमरसेट के कप्तान ब्रायन रोज़ को काफ़ी अलोचनाओं का सामना करना पड़ा। विज़डन पत्रिका ने ने सोमरसेट के कप्तान के बारे में कहा था कि उन्होंने ये मैच हारकर क्रिकेट के सारे सिद्धांतों की बलि दे दी। दूसरी तरफ़ स्टेडियम में दर्शक पूरे मैच का मज़ा लेने आए थे, लेकिन ये मैच महज़ 18 मिनट में ख़त्म हो गया। अब तक तो कई दर्शकों अपनी निर्धारित सीट पर भी नहीं बैठ पाए थे। टेस्ट और काउंटी क्रिकेट बोर्ड के सदस्यों ने एक वोटिंग कराई जिसके सदस्यों ने 1 के मुक़ाबले 17 वोट से सोमरसेट टीम को चैंपियनशिप से बाहर कर दिया।
#3 केविन पीटरसन टेक्सगेट
केविन पीटरसन इंग्लैंड के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं लेकिन उनका विवादों से गहरा नाता है। अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में कप्तान कोच और मैनेजमेंट से उनके संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। साल 2012 में जब इंग्लैंड और दक्षिण अफ़्रीका के बीच सीरीज़ जारी थी तब पीटरसन का नाम विवादों में आया था। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड और पीटरसन के रिश्ते पहले से ठीक नहीं चल रहे थे क्योंकि लीड्स में टेस्ट ड्रॉ होने के बाद पीटरसन आईपीएल में हिस्सा नहीं ले पाए थे। ऐसी ख़बरें आईं कि पीटरसन ओर दक्षिण अफ़्रीकी टीम के खिलाड़ियों के बीच कुछ मोबाइल संदेशों का आदान-प्रदान हुआ था। कुछ संदेश ऐसे थे जिसमें पीटरसन ने इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू सट्रॉस को अपशब्द कहे थे। इसका नतीजा ये हुआ कि दूसरे टेस्ट में 149 रन की पारी खेलने की बावजूद पीटरसन को तीसरे टेस्ट से बाहर कर दिया गया।
#2 1980 के दशक में ‘बाग़ी टीम’ का दक्षिण अफ़्रीकी दौरा
बासिल डि ओलिवेरा के विवाद के बाद 1968-69 दक्षिण अफ़्रीका को विश्व क्रिकेट से ख़ारिज कर दिया गया था। हांलाकि दक्षिण अफ़्रीका की जनता और क्रिकेट प्रशासक ये चाहते थी कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हिस्सा ले। चूंकि इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड का कोई भी सदस्य दक्षिण अफ़्रीका नहीं जाते थे। ऐसे में उन्होंने कई देशों के खिलाड़ियों को ऊंची क़ीमत पर बुलाया और दक्षिण अफ़्रीका में ‘बाग़ी दौरा’ करने के लिए भेजा। इस टीम की अगुवाई ग्राहम गूच ने की थी। इस टीम ने दक्षिण अफ़्रीका में प्रतिबंध के बावजूद क्रिकेट खेला। दक्षिण अफ़्रीका की रंगभेद नीति की वजह से इस देश को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने से रोक दिया गया था। इस खेल के बाद इंग्लैंड टीम की विश्वभर में बदनामी हुई थी। देश और विदेश की मीडिया में इंग्लैंड टीम की काफ़ी आलोचना की गई थी। बाग़ी टीम को दक्षिण अफ़्रीका में खेलने के लिए भेजना किसी को भी पसंद नहीं आया। 1989 में इंग्लैंड टीम का दक्षिण अफ़्रीकी दौरा इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड पर बदनुमा दाग़ छोड़ गया।
#1 बॉडीलाइन सीरीज़
ये सिर्फ़ इंग्लिश क्रिकेट की ही नहीं विश्व क्रिकेट के 135 साल के इतिहास की सबसे विवादित घटना है। इसे में बॉडीलाइन की घटना कहा जाता है। साल 1932/33 की एशेज़ सीरीज़ के दौरान इंग्लिश कप्तान डग्लस जारडिन ने ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज़ सर डॉन ब्रैडमैन के ख़िलाफ़ रणनीति बनाई जो 139.14 के बल्लेबाज़ी औसत के हिसाब से खेल रहे थे। जारडिन ने सोचा कि अगर बैडमैन को हाई-बाउंस गेंद उनके सीने तक फेंकी जाएंगी तो उन्हें बॉल को खेलने में काफ़ी परेशानी होगी, यही सोचते हुए इंग्लैड के कप्तान ने अपने गेंदबाज़ों को ब्रैडमैन की पसलियों को निशाना बनाने को कहा। इस घटना को लेकर काफ़ी सवाल उठाए गए। ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने इस घटना को ‘बॉडीलाइन’ का नाम दिया, इतना ही नहीं इस मैच में ब्रैडमैन के पास 5 फ़ील्डर लगाए गए थे और लेग स्टंप पर शॉर्ट पिच गेंदें फेंकी जा रही थी। जाहिर है इस मैच के दौरान विपक्षी खिलाड़ी की सुरक्षा से ज़बरदस्त खिलवाड़ हुआ। ब्रैडमैन को नर्वस ब्रेक डाउन की आशंका की वजह से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पहला टेस्ट बीच में ही छोड़ना पड़ा, जिसकी वजह से इंग्लैंड ने ये सीरीज़ 4-1 से जीती और ब्रैडमैन का बैटिंग एवरेज गिरकर 56 पर आ गया था। लेखक- सोहम समद्दर अनुवादक- शारिक़ुल होदा