IPL की 5 सबसे बड़ी खोज जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में अपने नाम का बजाया डंका

क्रिकेट में युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए इंडियन प्रीमीयर लीग सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म साबित हुआ है। साल 2008 में आगाज के बाद आईपीएल ने न सिर्फ भारतीय टैलेंट की खोज की है बल्कि विदेशी युवा खिलाड़ियों को भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नाम बनाने का मौका दिया है। आईपीएल के जरिए युवा खिलाड़ियों को दुनिया के बेहतरीन क्रिकेटरों के साथ ड्रेसिंग रूम को साझा करने का मौका भी मिलता है ताकि वो उनके अनुभव से सीख ले सकें। भारतीय चयनकर्ता आईपीएल की प्रक्रिया को करीबी नजर से देखते हैं और आईपीएल फ्रैंचाइजी के जरिए उभरने वाली प्रतिभा को खोजकर भविष्य में भारतीय टीम के लिए तैयार करते हैं। पिछले एक दशक में आईपीएल ने कई नई प्रतिभाओं को खोजा है। इनमें से कई खिलाड़ियों ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया है और सफलता भी हासिल की है। आइए जानते हैं ऐसे ही पांच कामयाब आईपीएल के खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने भारतीय टीम में खेलते हुए भी अपने नाम का डंका बजाया:

#5 कुलदीप यादव

कुलदीप यादव को पहली बार आईपीएल 2012 में मुंबई इंडियंस के जरिए खरीदा गया था लेकिन उस समय वो टीम के लिए किसी मैच में हिस्सा नहीं बन पाए थे। साल 2014 में वो कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ जुड़ गए, लेकिन अपना पहला आईपीएल मैच खेलने के लिए उन्हें दो सीजन का इंतजार करना पड़ा। आईपीएल के 2016 के संस्करण में कुलदीप ने बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी से पूरी तरह से परेशान करके रख दिया। हालांकि इस सीजन में उन्हें सीमित अवसर मिले और उन्होंने उन अवसरों को भुनाते हुए भी शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने 3 मैच खेले और 6 विकेट हासिल किए। 'चाइनामैन' गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले कुलदीप यादव उत्तर प्रदेश से आते हैं और साल 2017 में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए अपने पदापर्ण टेस्ट मैच में ही 4 विकेट लेकर उन्होंने सबको प्रभावित कर दिया। इसके बाद उन्होंने वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारत की वनडे टीम में भी जगह दी गई और तब से ही कुलदीप भारतीय टीम में अपनी जगह बनाए हुए हैं। भारतीय टीम में अब कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी ने सफलतापूर्वक रविंद्र जडेजा और आर अश्विन की स्पिन जोड़ी की जगह ले ली है और अब ये नई स्पिन जोड़ी 2019 में होने वाले आईसीसी विश्व कप के लिए भी भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी दावेदारी पेश कर रही है। इसे भी पढ़ें: IPL 2018: नीलामी के बाद सबसे महंगे खिलाड़ियों की एकादश

#4 मनीष पांडे

कर्नाटक के मनीष पांडे ने आईपीएल के पहले तीन सत्रों में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का प्रतिनिधित्व किया। डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ शानदार शतक बनाने के बाद, पांडे आरसीबी टीम के नियमित सदस्य बन गए और अन्य बल्लेबाजों के असफल होने के बाद पारी को बखूबी संभाल लेते थे। इसके बाद उन्होंने पुणे वॉरियर्स इंडिया के लिए अगले तीन सीजन के लिए खेला लेकिन पुणे की टीम में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। इसके बाद साल 2014 के सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की और इस सीजन में 16 पारियां खेलते हुए 401 रन बना डाले। इसके साथ ही इस सीजन में पांडे ने शानदार 94 रन की पारी भी खेली, जिसकी बदौलत केकेआर ने दूसरी बार आईपीएल के खिताब को इस सीजन में अपने नाम किया। लंबे इंतजार के बाद पांडे ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच साल 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला। इसके बाद उन्हें जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया। इस दौरे में पांडे ने अंतिम मैच में 81 गेंदों में 104 रनों की शानदार पारी खेली थी। सिडनी के मैदान में खेली गई पांडे की इस पारी की बदौलत भारत ऑस्ट्रेलिया के हाथों वनडे सीरीज में व्हाइट वॉश होने से बच गया। फिलहाल पांडे भारतीय वनडे टीम से अंदर बाहर की स्थिति से गुजर रहे हैं।

#3 जसप्रीत बुमराह

साल 2013 के आईपीएल सीजन में मुंबई इंडियंस ने गुजरात के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को अपनी टीम में शामिल किया। बुमराह लोगों की नजरों में तब आए जब उन्होंने आईपीएल में अपने पहले मैच में ही तीन विकेट हासिल लिए। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आईपीएल में बुमराह के पहले विकेट बने। मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए आईपीएल में बुमराह को लसिथ मलिंगा का भी काफी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते अगले सीजन के लिए मुंबई की फ्रैंचाइजी ने आईपीएल की नीलामी प्रक्रिया में बुमराह को 1.2 करोड़ रुपये की बड़ी रकम लगाकर वापस अपने साथ जोड़ा। हालांकि बुमराह अगले दो सीजन में कुछ ज्यादा खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। इसके बाद भारतीय टीम में बुमराह को रिप्लेसमेंट के तौर पर साल 2016 में ऑस्टेलिया दौरे के लिए टीम में शामिल किया गया। इस दौरान उन्होंने 3 टी20 मुकाबलों में 6 विकेट हासिल किए। इसके बाद से ही बुमराह ने भारत की सीमित ओवरों के लिए टीम में अपनी जगह बनाई हुई है और भुवनेश्वर कुमार के साथ डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं।

#2 युज़वेंद्र चहल

हरियाणा के लेग स्पिनर युज़वेंद्र चहल को पहली बार आईपीएल 2011 में मुंबई इंडियंस ने अपने साथ जोड़ा था लेकिन अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले थे। इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने लीग के 2014 के संस्करण में चहल को 10 लाख रुपये के बेस प्राइस पर खरीदा। इस मौके को चहल ने बखूबी भुनाया और 7.01 की शानदार इकॉनमी रेट से 14 मैचों में 12 विकेट हासिल किए। इसके अगले सीजन में तो चहल ने बल्लेबाजों की नाक में दम करके ही रख दिया और टूर्नामेंट में तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ियों बने। इस दौरान उन्होंने 15 मैचों में 23 विकेट झटके। आईपीएल में उनके प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय टीम में उन्हें जगह दी गई। भारतीय क्रिकेट टीम में अपने डेब्यू के बाद से ही चहल अपनी जगह पक्की किए हुए हैं और विरोधी खेले के बल्लेबाजों को परेशान करने में सफल साबित हो रहे हैं।

#1 हार्दिक पांड्या

बड़ौदा से हार्दिक पांड्या एक ऑलराउंडर के रूप में सामने आए हैं, जो कि बल्ले के अलावा गेंद से भी शानदार कमाल दिखाते हैं। साल 2015 की आईपीएल की नीलामी प्रक्रिया में हार्दिक पांड्या को मुंबई इंडियंस के जरिए उनके बेस प्राइस 10 लाख रुपये में खरीदा गया। तब तक किसी को भी हार्दिक पांड्या की क्षमता का अंदाजा नहीं था। पांड्या लोगों के नजरों में पहली बार तब सामने आए जब उन्होंने टीम के लिए चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 8 गेंदों में 21 रनों की पारी खेली। इसके बाद अगले सीजन में उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 31 गेंदों में 61 रन बनाकर लोगों को प्रभावित किया। सैयद मुश्ताक अली ट्राफी 2016 में अपने प्रदर्शन के बाद पांड्या को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया। इसके बाद उन्हें एशिया कप और विश्व कप टी-20 टीम के लिए भी टीम में शामिल किया गया। गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाने वाले पांड्या के ऑलराउंड प्रदर्शन के कारण भारत की तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की तलाश भी खत्म हो गई। लेखक: विपुल गुप्ता अनुवादक: हिमांशु कोठारी