काफी उथल-पुथल और घमासान के बाद आखिरकार रवि शास्त्री को टीम इंडिया का कोच नियुक्त कर दिया गया। वो 2019 वर्ल्ड कप तक भारतीय टीम के कोच रहेंगे। ये पहली बार नही है जब रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच बने हैं। 2014 से 2016 तक भी वो टीम इंडिया के डायरेक्टर रहे। उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद ही अनिल कुंबले को भारत का कोच बनाया गया। इसलिए कह सकते हैं कि रवि शास्त्री के पास अनुभव की कोई कमी नही है। उनका पहला असाइनमेंट भारतीय टीम के श्रीलंका दौरे से शुरु होगा, जो कि इसी महीने से शुरु होगा। रवि शास्त्री के अलावा जहीर खान को भारत का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है और राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरों के लिए बैटिंग कंस्लटेंट बनाया गया है। रवि शास्त्री के दूसरे कार्यकाल के दौरान उनके सामने कई चुनौतिया हैं, लेकिन हम यहां बात करेंगे उनके पहले कार्यकाल के बारे में। आइए जानते हैं रवि शास्त्री के पहले कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया की 5 बड़ी हार के बारे में। 1.2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 2015 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम से लोगों को काफी उम्मीदें थी कि टीम 2011 के अपने चैंपियनशिप को बरकरार रखेगी। भारतीय टीम ने शुरुआत भी अच्छी की और सेमीफाइनल तक पहुंची। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में मेजबान ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारकर भारतीय टीम बाहर हो गई। सिडनी में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम 95 रनों से हार गई। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरो में 328 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम 46.5 ओवरो में 233 रन ही बना सकी। एम एस धोनी और शिखर धवन के अलावा कोई भी भारतीय गेंदबाज कंगारु गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका। 2. 2016 टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार 2016 का टी-20 वर्ल्ड कप भारत में खेला गया। उम्मीद थी कि घरेलू पिच पर भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी। लेकिन पहले ही मैच में न्यूजीलैंड की टीम ने भारतीय टीम को हरा दिया। हालांकि इसके बाद भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी की और पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश को हराकर सेमीफाइनल का टिकट पक्का कर लिया। सेमीफाइनल में मेन इन ब्लू का मुकाबला वेस्टइंडीज की टीम से था। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरो में 192 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। लेकिन जिस वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम ने 5 साल पहले 50 ओवरों का वर्ल्ड कप जीता था। उसी स्टेडियम में उसे टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले से ही बाहर होना पड़ा। वेस्टइंडीज की टीम ने भारत के 192 रनों के लक्ष्य को 19.4 ओवरो में ही हासिल कर लिया। इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर टी-20 वर्ल्ड कप भी जीता। 3. 2014-15 के इंग्लैंड दौरे पर भारत की हार 2014 में भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया, जहां भारतीय टीम ने 5 टेस्ट, 5 वनडे और एक टी-20 मैच खेला। भारतीय टीम ने 3-1 से वनडे मुकाबला जीता लेकिन एकमात्र टी-20 मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा। यही नही 5 मैचों की टेस्ट सीरीज भी भारतीय टीम बुरी तरह से हार गई और महज एक ही मैच जीत पाई। नॉटिंघम में खेला गया पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा और लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने95 रनों से जीत दर्ज की। लेकिन इसके बाद तीसरे टेस्ट मैच में इंडियन टीम को 266 रनों से हार का सामना करना पड़ा। चौथा टेस्ट भी भारतीय टीम ने एक पारी और 54 रनों से गंवा दिया। 5वें और आखिरी टेस्ट मैच में भी यही हाल रहा। इंग्लैंड ने आखिरी टेस्ट मैच में 244 रनों से भारतीय टीम को हराकर सीरीज अपने नाम कर ली। 4. 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली हार 2014 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। जहां टीम ने बॉर्डर-गावस्कर के तहत 4 टेस्ट मैच खेले। लेकिन भारतीय टीम को एक भी मैच में जीत नहीं मिली। एडिलेड और ब्रिस्बेन में खेले गए पहले 2 टेस्ट मैच को मेजबान टीम ने 48 रन और 4 विकेट से जीता। बाकी के मेलबर्न और सिडनी में खेले गए दोनों मैच ड्रॉ रहे। इसी सीरीज के दौरान तीसरे टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अचानक से टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। सीरीज का आखिरी मैच नए कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में खेला गया। पहले टेस्ट मैच में भी महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल होने की वजह से कोहली ने कप्तानी की थी। नए कप्तान कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया लेकिन टीम मैच नहीं जीत पाई । इस सीरीज में खासकर भारतीय गेंदबाजों की जमकर आलोचना हुई। 5. 2015 में भारत का बांग्लादेश दौरा जून 2015 में भारतीय टीम ने अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश का दौरा किया, जहां उसे 3 मैचों की वनडे सीरीज और एक टेस्ट मैच खेलना था। सबको उम्मीद थी कि भारतीय टीम कमजोर बांग्लादेश को आसानी से हरा देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बांग्लादेश ने पहले दो मैचो में ही भारत को हराकर सीरीज अपने नाम कर लिया। पहले मैच में जहां भारतीय गेंदबाजों ने जमकर लुटाए तो दूसरे मैच में बल्लेबाज नहीं चल सके। नतीजा ये हुआ कि भारतीय टीम पहली बार बांग्लादेश से कोई मैच हारी। लेखक- उमैमा सईद अनुवादक- सावन गुप्ता