वनडे क्रिकेट की 5 बड़े अंतर वाली जीत

वनडे क्रिकट की शुरुआत सन 1971 में हुआ था। धीरे-धीरे ये फॉर्मेट क्रिकेट का सबसे लोकप्रिय फॉर्मेट बन गया। इस फॉर्मेट में कई बड़े रिकॉर्ड टूटे और कई महान खिलाड़ी हुए हैं। जिसमें जीत के अंतर का रिकॉर्ड भी टूटा है और नया बना है। टीमों ने 1 रन से लेकर 200 रन के अंतर से मुकाबले जीते हैं। लेकिन इस लेख में हम आपको बड़े अंतर वाले जीत के बारे में बताएंगे। 257 रन – भारत बनाम बरमुडा, दक्षिण अफ्रीका बनाम वेस्टइंडीज दुनिया के दो क्रिकेट पॉवरहाउस टीमों ने ये बड़ी जीत विश्वकप में दर्ज की थी। भारत इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाली पहली टीम बनी थी। ये मैच साल 2007 के विश्वकप में बरमुडा के खिलाफ पोर्टऑफ़स्पेन में हुआ था। बांग्लादेश से पहला मुकाबला हारने के बाद भारतीय टीम को बरमुडा से ये मुकाबला जीतना जरुरी हो गया था। मैच के दूसरे ओवर में रोबिन उथप्पा 3 रन बनाकर आउट हो गया थे। जिसके बाद सौरव गांगुली और वीरेंदर सहवाग ने 202 रन की साझेदारी की। सहवाग ने विश्वकप में अपना पहला शतक बनाया। जो बाद में केविन हर्डल की गेंद पर आउट हो गये। गांगुली 89 रन बनाकर आउट हुए और उसके बाद सचिन और युवराज ने 62 गेंदों में 122 रन ठोंक दिए। जिसमें युवराज ने 46 गेंदों में 83 रन बनाये थे। वहीं सचिन ने 29 गेंदों में 57 रन बनाये थे। जवाब में बरमुडा की तरफ डेविड हम्प ने नाबाद 76 रन बनाये थे। जिसकी मदद से बरमुडा की टीम 156 रन बनाये थे। भारत ये मैच 257 रन से जीत गया था। जो साल 2003 के वर्ल्डकप में नामीबिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के 256 रन की जीत से 1 रन ज्यादा था। साथ ही भारत का स्कोर 413/5 क्रिकेट विश्वकप के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले श्रीलंका ने 1996 में केंडी में केन्या के खिलाफ 398/5 रन बनाये थे। साल 2015 के वर्ल्डकप में दक्षिण अफ्रीका ने वेस्टइंडीज को 257 रन से हराया था। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए प्रोटेस टीम ने हाशिम अमला और फाफ डुप्लेसिस के अर्धशतकों और एबी डिविलियर्स की धुआंधार 66 गेंदों में 162 रन पारी की बदौलत 408/5 का स्कोर खड़ा किया। 258 रन – दक्षिण अफ्रीका बनाम श्रीलंका दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को टेस्ट सीरिज में 2-1 से हरा दिया था। जिसके बाद वनडे सीरिज शुरू हुई, जिसका पहला मैच पार्ल में खेला गया। दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का निर्णय लिया। प्रोटेस टीम के कप्तान स्मिथ जल्दी आउट हो गये, लेकिन अमला और कालिस ने 144 रन की साझेदारी करके टीम को मैच में बनाये रखा। 72 रन बनाकर कालिस आउट हुए, जिसके बाद एबी डिविलियर्स मैदान पर आये और उन्होंने अमला के साथ तीसरे विकेट के लिए 91 रन की साझेदारी की। डीविलियर्स 52 रन बनाकर आउट हो गये और जल्द ही अमला 112 रन बनाकर आउट हो गये। कुल मिलाकर प्रोटेस टीम ने 50 ओवरों में 301/8 का स्कोर बनाया। जवाब में श्रीलंका के बल्लेबाजों ने सबसे खराब प्रदर्शन किया और मोर्ने मोर्कल और लोंवाबो टोटसोबे ने पूरी टीम को 43 रन पर आउट कर दिया। श्रीलंकाई टीम का ये सबसे कम स्कोर है। इसी मैदान पर श्रीलंका ने कनाडा को 36 रन पर ऑलआउट किया था। जो विश्वकप क्रिकेट के इतिहास का सबसे कम स्कोर है। 272 रन – दक्षिण अफ्रीका बनाम ज़िम्बाब्वे साल 2010 में तीन मैचों की सीरिज में दक्षिण अफ्रीका ने पहले दो मैच जीतकर सीरिज अपने नाम कर लिया था। लेकिन प्रोटेस टीम बेनोनी में हो रहे इस सीरिज के तीसरे मैच को जीतकर क्लीन स्वीप करना चाहती थी। प्रोटेस को शुरू में ही 26 रन तक अपने दो विकेट गवांने पड़े। उसके बाद मैदान पर जेपी डुमिनी और एबी डीविलियर्स ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चौकों-छक्कों की बरसात कर दी। दोनों बल्लेबाजों ने शतक बनाया और 219 रन तीसरे विकेट के लिए भी जोड़े। डुमिनी ने 129 रन बनाये उन्हें निकोलसन ने आउट किया वहीं एबी ने 109 रन बनाये उन्हें हैमिल्टन मसकाद्जा ने आउट किया। उसके बाद डेविड मिलर और कोलंग इनग्राम ने दक्षिण अफ्रीका को 50 ओवर में 399/6 के स्कोर तक पहुँचाया। जवाब में दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाजों के सामने ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। जुआन थेरोन, वेन पर्नेल, एल्बी मोर्कल और जोहान बोथा ने जिम्बाब्वे को 127 रन पर समेट दिया। दक्षिण अफ्रीका ने इस मुकाबले को 272 रनों से जीत लिया। 275 रन – ऑस्ट्रेलिया बनाम अफगानिस्तान साल 2015 के विश्वकप में न्यूज़ीलैंड से हारने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम का मुकाबला पर्थ में अफगानिस्तान से हुआ। इस मैच से टीम ने वापसी भी की। टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाज़ी चुनी लेकिन सलामी बल्लेबाज़ आरोन फिंच जल्द ही आउट हो गये। उसके बाद डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ ने पारी को सम्भाला वार्नर ने 92 गेंदों में शतकीय पारी खेली। उसके बाद वार्नर ने गियर बदला और अगले 50 रन मात्र 24 गेंदों में बनाये। स्मिथ ने भी अपना अर्धशतक पूरा किया, दोनों ने मिलकर दुसरे विकेट के लिए 260 रन की साझेदारी की। इससे पहले साल 2003 के विश्वकप में रिकी पोंटिंग और डेमियन मार्टिन ने भारत के खिलाफ फाइनल में वंडर्स स्टेडियम में 234 रन की साझेदारी की थी। जो रिकॉर्ड था। 178 रन बनाकर वार्नर आउट हो गये, उसके कुछ ही देर बाद स्मिथ भी 95 रन बनाकर आउट हो गये। जिसके बाद मैदान पर विस्फोटक बल्लेबाज़ मैक्सवेल आये और 39 गेंदों में 88 रन की तूफानी पारी खेली। जिसकी मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 417/5 रन बनाये। इससे पहले विश्वकप में सबसे बड़ा स्कोर 413/5 जो भारत ने साल 2007 के विश्वकप में बरमुडा के खिलाफ बनाया था। उसे ऑस्ट्रेलिया ने अपने नाम कर लिया। जवाब में मिचेल जॉनसन, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड ने अपनी गेंदों से कहर बरपाते हुए अफगानिस्तान को 142 रन ऑलआउट कर दिया। जिससे ऑस्ट्रेलिया ने ये मुकाबला 275 रन से जीत लिया। 290 रन – न्यूज़ीलैंड बनाम आयरलैंड स्कॉटलैंड में तीन देशों के बीच त्रिकोणीय सीरिज हुई थी। जिसके पहले मैच में एबरडीन में कीवी टीम का मुकाबला आयरलैंड से हुआ। आयरलैंड ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। सलामी बल्लेबाज़ जेम मार्शल और ब्रेंडम मैकुलम ने जोरदार शुरुआत की। दोनों ने शतकीय पारी खेलते हुए पहले विकेट के लिए 274 रन बनाये। जो वनडे क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले लू विन्सेंट और स्टीफेन फ्लेमिंग ने 2005 में बुलावायो में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 204 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की थी। मैकुलम ने 135 गेंदों में 166 रन बनाये। उसके बाद रॉस टेलर ने मार्शल के साथ मिलकर 43 गेंदों में 114 रन जोड़े। मार्शल 161 रन की पारी खेलकर आउट हुए। टेलर ने अर्धशतक बनाया, न्यूज़ीलैंड ने 50 ओवर में 402/2 रन बनाये। जवाब में आयरलैंड 112 रन पर सिमट गया। माइकल मेसन और टीम साउथी ने तीन-तीन विकेट लिए। न्यूज़ीलैंड ने ये मुकाबला 290 रन से जीत लिया। जिससे भारत का रिकॉर्ड भी टूट गया। भारत ने 2007 के विश्वकप में बरमुडा को 257 रन से हराया था।