4 साल के बाद ऑस्ट्रेलिया ने जबरदस्त वापसी करते हुए 2013 में इंग्लैंड को एशेज सीरीज में हरा दिया | उम्मीद के विपरीत ऑस्ट्रेलिया ने ये एशेज सीरीज आसानी से अपने नाम कर लिया, कंगाउरुओं ने पर्थ टेस्ट में 150 रनों से जीत हासिल करने के साथ ही 5 मैचों की सीरीज में 3-0 की बढ़त बना ली | इंग्लैंड को पर्थ टेस्ट में हराने के बाद हर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और फैंस के आंखों में आंसू थे, जिससे इस बात का पता चलता है कि इस जीत के लिए उनके लिए क्या मायने थे | मिचेल जॉनसन ने पूरी सीरीज में अपनी कहर बरपाती गेंदों से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खूब छकाया, किसी भी इंग्लिश बल्लेबाज के पास जॉनसन का तोड़ नहीं था | तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया मजबूत स्थिति में थी | पहली पारी में 395 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने के बाद उन्होंने इंग्लैंड को 251 पर ही समेट दिया | दूसरी पारी में भी शेन वॉटसन और डेविड वॉर्नर के शतकों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था | 340 रनों पर छठा विकेट गिरने के बाद जॉर्ज बेली का साथ देने मिचेल जॉनसन क्रीज पर आए | इंग्लैंड के गेंदबाज कंगारूओं को जल्द समेटने के मूड में दिख रहे थे, लेकिन तभी एक ओवर में कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी | जॉर्ज बेली ने इंग्लैंड के सबसे होनहार गेंदबाजों में से एक जेम्स एंडरसन के एक ही ओवर में ताबड़तोड़ 28 रन कूट डाले | 1 ओवर में रनों के लिहाज से टेस्ट क्रिकेट में संयुक्त रुप से ये अब तक का सबसे बड़ा ओवर था | बेली ने एंडरसन के उस ओवर में 3 छक्के और 2 चौके जड़े | इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने तुरंत पारी घोषित कर इंग्लैंड को जीत के लिए 504 रनों का लक्ष्य दिया |