2003 में 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए वेस्टइंडीज का दक्षिण अफ्रीका दौरा कुछ खास नहीं रहा | पूरी सीरीज के दौरान ब्रायन लारा एकमात्र ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने अफ्रीकी गेंदबाजों का डटकर सामना किया | वेस्टइंडीज की टीम 3-0 से वो सीरीज बुरी तरह हार गई | पूरी सीरीज के दौरान प्रोटियाज बल्लेबाज अपने रंग में दिखे, उन्होंने कैरिबियाई गेंदबाजों की जमकर पिटाई की | दक्षिण अफ्रीका के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों ने कई शतक लगाए | वहीं दूसरी तरफ साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया | उन्होंने वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को क्रीज पर पैर जमाने का मौका तक नहीं दिया | जोहानिसबर्ग में खेले गये पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने अच्छा संघर्ष किया, लेकिन पूरी सीरीज में वो इसे दोहरा ना सके | पहले टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने ग्रीम स्मिथ और जैक कैलिस के शतकों की बदौलत 561 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किय़ा | जवाब में वेस्टइंडीज ने भी उसी अंदाज में बल्लेबाजी की, लेकिन साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों की तरह वो डटकर नहीं खेल सके | पूरी टीम 410 रनों पर ऑल आउट हो गई | एकमात्र बल्लेबाज ब्रायन लारा वेस्टइंडीज के लिए संघर्ष करते रहे, लेकिन दूसरे छोर से सिवाय डेरेन गंगा के अलावा उन्हें कोई साथ नहीं मिला | डेरेन गंगा ने मैच में अर्धशतकीय पारी खेली | अपने 150 रन पूरे करने के बाद और विकेट गिरता देख ब्रायन लारा ने तेजी से रन बनाने शुरु कर दिए | विकेट की तलाश में दक्षिण अफ्रीका की तरफ से रॉबिन पीटरसन को गेंदबाजी पर लगाया गया, लेकिन लारा के मन में तो कुछ और ही चल रहा था | लारा रॉबिन पीटरसन पर टूट पड़े, उन्होंने पीटरसन के एक ओवर में 4 चौके और 2 छक्कों की मदद से 28 रन ठोंक डाले| उस समय टेस्ट क्रिकेट में एक ओवर में रनों के लिहाज से वो सबसे बड़ा स्कोर था | लेकिन इसके तुरंत बाद ब्रायन लारा आउट हो गए, और उनके आउट होते ही वेस्टइंडीज की हार लगभग तय हो गए | आखिर में दक्षिण अफ्रीका ने य़े मैच 189 रनों से अपने नाम किया |