एम एस धोनी और सुरेश रैना ये वो दो खिलाड़ी हैं जिन्होंने अचानक अपने संन्यास का ऐलान कर सबको चौंका दिया। एम एस धोनी के बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि वो शायद टी20 वर्ल्ड कप में खेलेंगे हालांकि कुछ लोगों का ये भी मानना था कि वो अब नहीं खेलेंगे। लेकिन सुरेश रैना के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि वो भी एम एस धोनी के तुरंत बाद संन्यास का ऐलान कर देंगे।
एम एस धोनी के संन्यास का ऐलान करने के कुछ ही देर बाद सुरेश रैना ने भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को गुडबॉय बोल दिया। धोनी और रैना के बीच क्रिकेट के मैदान की दोस्ती संन्यास के फैसले में भी कायम रही। एम एस धोनी और सुरेश रैना ने क्रिकेट के मैदान में कई मौकों पर अपनी बल्लेबाजी से भारतीय टीम को जीत दिलाई।
इन दोनों खिलाडियों ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और सफलता की नई इबारत लिखी। 2011 वर्ल्ड कप जीत में ये दोनों साथ रहे। इसके अलावा चेन्नई सुपर किंग्स के लिए भी ये खिलाड़ी 2008 से ही साथ में खेलते आ रहे हैं और अब एक साथ संन्यास का ऐलान कर इन्होंने दोस्ती की नई मिसाल पेश की है।
एम एस धोनी और सुरेश रैना संन्यास ले चुके हैं, ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में इन दोनों बल्लेबाजों के बीच वनडे में हुए 5 सबसे बड़ी साझेदारियों के बारे में बताएंगे।
एम एस धोनी और सुरेश रैना के बीच 5 सबसे बड़ी साझेदारियां
5. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में 136 रनों की पार्टनरशिप, 2009
2009 में नागपुर में खेले गए इस वनडे मुकाबले में धोनी और रैना की जोड़ी ने कंगारु टीम के खिलाफ 136 रनों की शानदार साझेदारी की थी। एम एस धोनी ने सिर्फ 107 गेंद पर 124 रन बनाए थे और सुरेश रैना ने 50 गेंद पर 62 रनों की पारी खेली थी।
भारतीय टीम ने पहले खेलते हुए 354 रन बनाए और जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 255 रन ही बना पाई थी।
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4.इंग्लैंड के खिलाफ 2014 में 144 रनों की साझेदारी
इस मैच में सुरेश रैना ने शानदार शतक लगाकर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी। पहले खेलते हुए भारतीय टीम ने 6 विकेट पर 304 रन बनाए थे। सुरेश रैना ने सिर्फ 75 गेंद पर 100 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी। वहीं एम एस धोनी ने 52 रन बनाए थे।
132 रन पर 4 विकेट गंवाने के बाद इन दोनों बल्लेबाजों ने पांचवे विकेट के लिए 144 रनों की साझेदारी कर भारत का स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया था। जवाब में इंग्लैंड की टीम सिर्फ 161 रन पर सिमट गई थी।
3.हांगकांग के खिलाफ 2008 में 166 रनों की साझेदारी
25 जून 2008 को एशिया कप में भारत और हांगकांग के बीच कराची में एशिया कप का चौथा मुकाबला खेला जा रहा था। भारतीय टीम ने पहले खेलते हुए 4 विकेट के नुकसान पर 374 रनों का विशाल स्कोर बनाया। इसमें धोनी और रैना की साझेदारी का सबसे बड़ा योगदान था।
एम एस धोनी और सुरेश रैना ने चौथे विकेट के लिए 166 रनों की जबरदस्त साझेदारी की। एम एस धोनी 96 गेंद पर 109 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं सुरेश रैना ने भी 68 गेंद पर 101 रनों की जबरदस्त धुआंधार पारी खेली। भारतीय टीम ने ये मुकाबला 256 रनों के विशाल अंतर से जीता था।
2.इंग्लैंड के खिलाफ 2011 में 169 रनों की साझेदारी
11 सितंबर 2011 को भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में चौथा वनडे मुकाबला खेला जा रहा था। भारत ने पहले खेलते हुए 5 विकेट पर 280 रन बनाए। हालांकि एक समय भारतीय टीम सिर्फ 110 रन पर 4 विकेट गंवा चुकी थी लेकिन यहां से रैना और धोनी ने 169 रनों की शानदार साझेदारी कर टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचा दिया।
रैना ने 75 गेंद पर 84 और धोनी ने 71 गेंद पर नाबाद 78 रन बनाए। हालांकि ये मुकाबला टाई हो गया था।
1.वर्ल्ड कप 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 196 रनों की साझेदारी
इस मैच में भारतीय टीम हार की कगार पर खड़ी थी लेकिन धोनी और रैना ने मिलकर मैच जिता दिया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे ने ब्रेंडन टेलर (138) के शतक की बदौलत 287 रन का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में भारतीय पारी लड़खड़ा गई। टीम ने 92 रन के स्कोर पर विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन और अंजिक्य रहाणे के रूप में अपने चार प्रमुख बल्लेबाज गंवा दिए थे।
यहां से सुरेश रैना ने कप्तान धोनी के साथ मिलकर 196 रन की अटूट साझेदारी की और टीम को जीत दिला दी। रैना 110 और धोनी 85 रन बनाकर नाबाद रहे। धोनी ने 49वें ओवर में छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी।