#1 सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजरूद्दीन
जब 1989 में सचिन तेंदुलकर का आगमन हुआ तब मोहम्मद अजहरुद्दीन भारत के (और संभवत: विश्व में एक) सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे, लेकिन उन दोनों को मशहूर होने के बावजूद चीजें 1996 में खराब होने लगीं। 1996 विश्व कप से आश्चर्यजनक रूप से बाहर होने और इंग्लैंड के खराब दौरे के बाद, तेंदुलकर को कप्तान के रूप में अज़हर की जगह ला दिया गया और फिर दोनों के बीच चीजे कभी समान ही नहीं रही।
तेंदुलकर ने पाया कि अजहर बल्लेबाजी करते हुए प्रयास नहीं डाल दिया और संदेह किया कि वह टीम को तोड़ने की कोशिश कर रहे है। आखिरकार, उन्होंने 1998 में अजहर के हाथों अपनी कप्तानी से हाथ धोना पड़ा लेकिन 1999 में विश्वकप से भारत के बाहर होने के बाद उन्हें एक साल बाद फिर से कप्तान बनाया गया। इस बार, तेंदुलकर ने टीम में अज़हर को रहने की अनुमति नहीं दी और यहां तक कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया के कठिन दौरे पर ले जाने से भी इनकार कर दिया।
2000 के शुरूआती दिनों में अजहर भारतीय टीम में वापस आये और सचिन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट सीरीज से इस्तीफा दे दिया और कहा कि यह कप्तान के रूप में उनकी आखिरी श्रृंखला होगी।
लेखक- सोहम समद्दर
अनुवादक- सौम्या तिवारी