5 ऐसे तेज़ गेंदबाज़ जो बल्ले से भी कमाल दिखाने में माहिर हैं

LIAM PLUNKETT

पिछले क़रीब 10 सालों में एक हरफ़नमौला क्रिकेटर की मांग ज़्यादा बढ़ी है, क्रिकेट का खेल बल्लेबाज़ों के हिसाब से ज़्यादा ढल गया है। ऐसे माहौल में किसी भी टीम को ऐसे गेंदबाज़ों की भी ज़रूरत पड़ती है जो बल्ले से भी कमाल दिखा पाएं। टीम के कप्तान को एक बढ़ियां गेंदबाज़ों की तलाश होती है जो 10 ओवर की अच्छी गेंदबाज़ी कर सके और साथ ही साथ निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करते हुए अपने रनों से योगदान भी दे सके। पिछले कुछ वक़्त में कई टीम में ऐसे पुछल्ले बल्लेबाज़ आए हैं जो बढियां रन बनाते हैं जिससे टीम को फ़ायदा मिलता है। यहां हम ऐसे 5 विश्व स्तर के तेज़ गेंदबाज़ों के बारे में बताएंगे जो हाल के वक़्त में एक बेहतर बल्लेबाज़ों के तौर पर उभरे हैं। इस लिस्ट में हरफ़नमौला गेंदबाज़ शामिल नहीं हैं, सिर्फ़ मौजूदा खिलाड़ियों को ही जगह दी गई है। #5 लियाम प्लंकेट लियाम प्लंकेट के करियर को 2 हिस्सों में बांटा जा सकता है, पहला हिस्सा वो है जब प्लंकेट एक धाकड़ पेस गेंदबाज़ के तौर पर सामने आए थे, और दूसरा हिस्सा वो जब वो बल्लेबाज़ी में ढल चुके थे। उन्होंने अपने टेस्ट और वनडे करियर का आग़ाज़ साल 2005 में किया था, और उस वक़्त वो साधारण प्रदर्शन कर रहे थे। इसका नतीजा ये हुआ कि वो इंग्लैंड टीम से बाहर हो गए। काउंटी क्रिकेट में शानदार खेल की बदौलत वो टीम में वापस आए, और प्लंकेट ने गेंदबाज़ी के ज़रिए बढिया प्रदर्शन किया। फिर वो निचले क्रम के एक बेहतर बल्लेबाज़ बन गए। इस दाएं हाथ के खिलाड़ी को गेंद पर लंबे शॉट खेलने की महारत हासिल है। उन्होंने नॉटिंगघम के ट्रेंट ब्रिज मैदान में श्रीलंका के ख़िलाफ़ आख़िरी गेंद पर शानदार छक्का लगाकर मैच टाई करवाया था, इस साबित होता कि वो मुश्किल वक़्त में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। बल्लेबाज़ी का रिकॉर्ड टेस्ट- 13 मैच में 15.87 की औसत से 238 रन और एक अर्धशतक वनडे- 62 मैच में 2.64 की औसत से 516 रन और एक अर्धशतक # 4 टिम साउदी TIM SOUTHEE टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट फ़िलहाल न्यूज़लैंड की पेस बैट्री हैं। साउदी स्विंग गेंदबाज़ी करने और नियमित अंतराल पर विकेट लेने के लिए जाने जाते हैं। जब साउदी बल्लेबाज़ी में हाथ आज़मा रहे थे तो उनको कुछ ख़ास कामयाबी नहीं मिल रही थी, वो सिर्फ़ बल्ले को थोड़ा घुमा देते थे। हांलाकि 9 साल के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद वो निचले क्रम के एक बेहतर बल्लेबाज़ बन गए थे। वो न सिर्फ़ लंबे शॉट लगाते हैं बल्कि मौके के हिसाब से शानदार खेल भी दिखाते हैं। उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी को तवज्जो देना शुरु कर दिया है, उम्मीद है को एक फ़ुल टाइम हरफ़नमौला खिलाड़ी बनकर उभरेंगे। बल्लेबाज़ी का रिकॉर्ड टेस्ट- 57 मैच में 16.64 की औसत से 1331 रन और 3 अर्धशतक वनडे- 122 मैच में 12.02 की औसत से 565 रन और एक अर्धशतक # 3 कागिसो रबाडा KAGISO RABADA दक्षिणअफ्रीका के कागिसो रबाडा उस वक़्त चर्चा में आए जब वो साल 2015 में अपनी टीम के साथ भारत दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने अपनी तेज़ और सटीक गेंदबाज़ी को लेकर वाहवाही बटोरी थी। 2 साल बाद वो क्रिकेट के सभी प्रारूप में प्रोटियाज़ टीम के अहम हिस्सा बन गए। कम उम्र के बावजूद वो एक महान खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं। रबाडा अपने बल्ले से भी कमाल दिखा रहे हैं वो पिच पर खुलकर शॉट लगाते हैं। अपने शुरुआती करियर में ही उन्होंने एक शानदार खेल का प्रदर्शन किया है। इस साल के आईपीएल में वो दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा थे और उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले वक़्त में वो निचले क्रम के बेहतर बल्लेबाज़ के तौर पर उभर कर आएंगे बल्लेबाज़ी का रिकॉर्ड टेस्ट- 22 मैच में 14.39 की औसत से 259 रन वनडे- 43 मैच में 20 की औसत से 160 रन # 2 मिचेल स्टार्क STARC ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क एक ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर मश्हूर हैं वो शानदार यॉर्कर फेंकने के लिए भी जाने जाते हैं। स्टॉर्क ने बल्लेबाज़ी में भी कम जलवा नहीं दिखाया है, वो निचले क्रम में शानदार बल्लेबाज़ी करते हैं। बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी करते हुए वो 10 अंतरराष्ट्रीय शतक लगा चुके हैं, जिसमें से 9 शतक टेस्ट मैच में बनाए गए हैं। स्टार्क का सर्वाधिक निजी स्कोर 99 है जो उन्होंने साल 2013 में मोहाली में बनाए थे। स्पिंन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ खेलते हुए वो एक बल्लेबाज़ी कर रहे थे लेकिन वो शतक बनाने से महज़ एक रन से चूक गए। घरेलू मैदान में हो रहे एशेज़ टेस्ट सीरीज़ में स्टार्क से एक अच्छी गेंदाबाज़ी और बेहतर बल्लेबाज़ी की उम्मीद की जा सकती है। बल्लेबाज़ी का रिकॉर्ड टेस्ट- 68 मैच में 15.24 की औसत से 516 रन और 1 अर्धशतक वनडे- 62 मैच में 2.64 की औसत से 516 रन और एक अर्धशतक #1 भुवनेश्वर कुमार B KUMAR मौजूदा दौर में भारत के भुवनेश्वर कुमार की बल्लेबाज़ी में ज़बरदस्त सुधार आया है। पिछले 2 सालों में उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी से टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई है। सबसे ताज़ा मिसाल साल 2017 की है, जब भुवी ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेलते हुए शानदार 53 रन की पारी खेली थी। धोनी के साथ साझेदारी करते हुए भारत को एक यादगार जीत दिलाई थी। भुवनेश्वर भारतीय टीम के एक धाकड़ तेज़ गेंदबाज़ हैं उन्होंने हाल में हुए कोलकाता टेस्ट में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए मैन ऑफ द मैच हासिल किया है। वो भारत के एक मज़बूत गेंदबाज़ ऑलराउंडर के तौर पर निखर कर आए हैं, उम्मीद है कि इसका फ़ायदा टीम इंडिया को मिलेगा। बल्लेबाज़ी का रिकॉर्ड टेस्ट- 19 मैच में 20.5 की औसत से 451 रन और 3 अर्धशतक वनडे- 78 मैच में 14.12 की औसत से 516 रन और 1 अर्धशतक