भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की गिनती हमेशा से ही वर्ल्ड क्रिकेट के बेस्ट फिनिशर्स में होती रही है। हालांकि भी भी ऐसे कई मौके आए, जब विश्व के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर मैच को फिनिश करने में नाकाम रहे। ऐसा कई बार नहीं हुआ कि धोनी अंत तक मैदान में टिके रहे हो और टीम नहीं जीती हों।
उनके करियर में ऐसा बहुत बार हुआ है, जब कोई गेंदबाज अंतिम ओवर में धोनी से बेहतर रहा हो और उनके बल्ले पर नकेल कसी हो। आइये नज़र डालते हैं 5 ऐसे मौकों पर:
# इंडिया Vs इंग्लैंड, बर्मिंघम, 3 सितंबर 2014
2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे के समय दोनों टीमों के बीच एक ही टी-20 मैच खेला गया और एक समय भारत आसानी से जीत की तरफ बढ़ रहा था। 181 रनों का पीछा करने उतरी इंडिया के धोनी मैदान में तब आए जब विराट कोहली का विकेट गिरा और टीम के 8 विकेट हाथ में थे। धोनी की शुरुआत काफी धीमी रही और ऐसा लगा रहा था कि वो एक बार फिर मैच को अंतिम ओवर्स तक ले जाने वाले हैं।
भारत को अंतिम ओवर में 17 रन की दरकार थी और टीम सिर्फ 13 रन ही बना पाई। धोनी ने उस ओवर में एक छक्का, एक चौका और उसके बाद दो रन भाग के भी लिए थे। आखिरी ओवर डालने वाले वोक्स ने इंग्लैंड के जीतने के बाद, अपने बाकी साथियों के साथ झूमना शुरू कर दिया।
# राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स Vs सनराइजर्स हैदरबाद- आईपीएल, 10 मई, 2016
यह आईपीएल 2016 का 40वां मुक़ाबला था, जिसमें चैम्पियन सनराइजर्स हैदराबाद ने धोनी की पुणे के सामने सिर्फ 137 रनों का स्कोर खड़ा किया।अगर किसी की टीम को कहा जाए कि आपको आईपीएल में 40 गेंदों पर 60 रन चाहिए और आपकी हाथ में 6 विकेट हो तो, 10 में से 8 बार आप बल्लेबाज़ी टीम का ही समर्थन करेंगे।
उस मैच में गेंदबाजों की रह आसान नहीं थी, क्योंकि उनके सामने थे महेंद्र सिंह धोनी। हालांकि धोनी की 20 गेंदो पर 30 रन की पारी भी पुणे को जीत नहीं दिला पाई और आशीष नेहरा ने अंतिम ओवर में आसानी से 14 रन बचाकर सनराइजर्स हैदरबाद को जीत दिलाई।
# भारत vs श्रीलंका- आईसीसी वर्ल्ड टी-20 फ़ाइनल, ढाका, अप्रैल 6,2014
जब भी खिलाड़ी वर्ल्ड कप फ़ाइनल खेलने के लिए मैदान में आती हैं, तो उनके दिमाग में यहीं रहता हैं कि वो अच्छा कर सके और अपने देश को खिताब जिता सके। धोनी भी उन्हीं खिलाड़ियों में से थे, जब वो श्रीलंका के खिलाफ 2014 वर्ल्ड टी-20 के फ़ाइनल में बल्लेबाज़ी में करने आए।
विराट कोहली की शानदार पारी की बदौलत टीम ने 19 ओवर्स में इंडिया ने 3 विकेट के नुकसान पर 123 रन बनाए थे। आखिरी ओवर के लिए धोनी मैदान में थे और उनके सामने थे लसिथ मलिंगा, जिन्हें की विश्व का सबसे अच्छा डेथ स्पेशलिस्ट गेंदबाज कहा जाता हैं। धोनी उस समय इन फॉर्म बल्लेबाज़ विराट कोहली को स्ट्राइक देने में नाकाम रहे।
धोनी ने अंतिम ओवर में पहली 5 गेंद खुद खेली और उनमें वो सिर्फ 3 रन ही बना पाए। भारत अंत में सिर्फ 130 रन ही बना पाई और श्रीलंका ने आसानी से यह लक्ष्य पाकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
# भारत vs न्यूज़ीलैंड, चेन्नई में, 11 सितंबर 2012
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 2011 में खेले गए दूसरे टी-20 में विराट कोहली ने 41 गेंदों में 70 रन की पारी खेलकर टीम की राह आसान हो गई और जब धोनी पिच पर आए तो टीम को 7 रन प्रति ओवर की औसत से रन बनाने थे। हालांकि विटोरी, ओर फ़्रेंकलिन की दमदार गेंदबाजी के कारण भारत यह मुक़ाबला हार गया।
जब ऐसा लग रहा था, धोनी तेज़ी से रन बनाकर टीम को जीत दिलाएंगे, पर उन्होने एक और दो रन लेकर मैच को अंतिम ओवर में ले गए, जहां टीम को 13 रन की दरकार थी। धोनी ने पहली गेंद पर चौका मारा और अगली गेंद पर एक रन लेकर युवराज को स्ट्राइक देदी, लेकिन फ़्रेंकलिन ने अगली गेंद पर युवराज को बोल्ड कर दिया, उसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए रोहित शर्मा दो गेंदो पर सिर्फ दो डबल ही ले पाए और टीम एक रन से हार गई।
# भारत vs साउथ अफ्रीका, कानपुर, 11 अक्टूबर, 2015
भारत और साउथ आफिका के बीच 2015 में हुए पहले वनडे मैच में धोनी ने अंतिम ओवर में सबको काफी निराश किया।
मैच के शुरुआत से ही भारत जीत की तरफ बढ़ रहा था, 304 रनों का पीछा करने उतरी इंडिया को रोहित शर्मा के 150 और अजिंक्य रहाने के अर्ध शतक की बदौलत टीम काफी आगे बढ़ गई। जब रोहित आउट हुए तो टीम को 23 गेंदो पर 35 रनों की दरकार थी और इंडिया के हाथ में 6 विकेट हाथ में थे और धोनी 16 गेंदो पर 9 रन बनाकर खेल रहे थे।
स्पिनर ताहिर और तेज़ गेंदबाज डेल स्टेन और कगिसो रबाड़ा ने शानदार गेंदबाजी की। सब इस बात से हैरान थे कि धोनी क्यो फुल टॉस को सीमा पार क्यों नहीं भेज पा रहे थे और लगातार सिंगल पर ही निर्भर थे।
आखिरी ओवर में इंडिया को जीत के 10 रन कि दरकार थी और धोनी के सामने थे रबाड़ा। ओवर की चौथी गेंद पर रबाड़ा की धीमी गेंद पर धोनी आउट हो गए और भारत एक जीता हुआ मैच 5 रन से हार गया।