5 गेंदबाज़ जिन्होंने अपने पूरे करियर में कभी नो-बॉल नहीं फेंकी

वनडे क्रिकेट में नो-बॉल को बड़ी गलती माना जाता है क्योंकि इससे ना केवल विरोधी बल्लेबाज़ को एक अतरिक्त रन मिलता है इसके साथ साथ एक अतरिक्त डिलीवरी भी, जिसे 'फ्री-हिट' कहा जाता है। इस के अलावा फ्री-हिट में आउट होने वाले बल्लेबाज़ को आउट नहीं माना जाता, जबतक कि वो रनआउट न हो । क्रिकेट के इतिहास में नो-बॉल से जुड़े कई क्षण हैं, जो गेंदबाज़ी करने वाली टीम को भारी पड़े हैं। वर्तमान समय में ऐसे गेंदबाज को ढूंढना जिसने कभी भी नो-बॉल ना की हो, लगभग नामुमकिन है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं, पांच ऐसे गेंदबाजों के बारे में जो अनुशासन के पर्याय थे और उन्होंने अपने क्रिकट करियर में कभी भी नो-बॉल नहीं फैंकी। ताज्जुब की बात है कि इन पांच खिलाड़िओं में केवल एक ही स्पिन गेंदबाज है और बाकी सभी तेज गेंदबाज हैं। तो, आइए जानते हैं उन पांच गेंदबाजों के बारे में:

#5 लांस गिब्स

वेस्टइंडीज के इस पूर्व खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल स्पिन गेंदबाजों में से एक माना जाता है। वे इंग्लैंड के फ्रेड ट्रूमैन के बाद 300 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे खिलाड़ी और ऐसा कारनामा करने वाले पहले स्पिनर थे। इस ऑफ स्पिनर ने अपने करियर में 79 टेस्ट और 3 एकदिवसीय मैच खेले और कुल 311 विकेट अपने नाम किये। जोर्जटाउन में पैदा हुए इस क्रिकेटर ने अपने क्रिकट करियर में कभी भी नो-बॉल नहीं की और ऐसा करने वाले दुनिया के पहले और एकमात्र स्पिनर बने।

#4 डेनिस लिली

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेनिस लिली को क्रिकेट इतिहास का सबसे महान तेज गेंदबाज माना जाता है। लिली टेस्ट क्रिकेट में 350 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज़ थे। इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ ने 1971 में अपने क्रिकट करियर की शुरूआत की थी और 1984 में चोटों की वजह से क्रिकट से सन्यास लिया था। 13 वर्षों के अपने क्रिकट करियर में लिली ने 70 टेस्ट खेले और 23.92 की औसत से 355 विकेट लिए। इसके अलावा 23 बार पांच विकेट और 7 बार दस विकेट लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है। लिली ने 63 एकदिवसीय मैचों में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ी आक्रमण का नेतृत्व किया और 20.83 की औसत से 103 विकेट लिए। अपने असाधारण अनुशासन के कारण उन्होंने अपने 13 वर्षों के क्रिकट करियर में एक भी नो-बॉल नहीं की।

#3 इयान बॉथम

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकटर और दुनिया के महानतम ऑलराउंडर्स में से एक, इयान बॉथम इंग्लैंड की टेस्ट और एकदिवसीय टीम के स्टार खिलाड़ी थे। 16 साल के अपने क्रिकट करियर में बॉथम ने 102 मैचों में 28.40 की औसत से 383 विकेट लिए और बल्लेबाज़ी में 33.54 की औसत से 5,200 रन बनाए हैं। उन्होंने 116 एकदिवसीय मैचों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया और 2,113 रन के साथ ही 28.54 की औसत से 145 विकेट लिए। इंग्लैंड के इस महान खिलाड़ी ने अपने 16 वर्ष के क्रिकट करियर में एक ओवर में छह गेंदों से अधिक गेंदबाजी नहीं की।

#2 इमरान ख़ान

उस समय जब पाकिस्तानी खिलाड़ी टीम की जीत की तुलना में व्यक्तिगत प्रदर्शन पर अधिक ज़ोर देते थे, इमरान खान ने टीम में नई जान फूंकने का काम किया। इमरान ने 1982 में अपनी टीम की कप्तानी संभाली और 1987 में भारतीय टीम को भारत में हराने वाले पहले पाकिस्तानी कप्तान बने। 1992 में पाकिस्तान की विश्वकप जीत में उनका योगदान उल्लेखनीय है। इमरान ने इंग्लैंड के विरुद्ध 1992 के विश्व कप फाइनल में 72 रन बनाये थे और गेंदबाज़ी में एक महत्वपूर्ण विकेट लिया था। अपने क्रिकट करियर में इस पाकिस्तानी ऑलराउंडर ने 88 टेस्ट खेले, 3807 रन बनाए और 362 विकेट लिए है। इसके अलावा इमरान ने 175 एकदिवसीय मैचों में 3709 रन बनाए और 182 विकेट लिए हैं। ये महान आलराउंडर उन पांच गेंदबाज़ों में शामिल हैं जिन्होंने अपने क्रिकट करियर में एक ओवर में छह से ज़्यादा गेंदे नहीं की।

#1 कपिल देव

'हरियाणा हरिकेन' कपिल देव निखंज को भारत का सबसे महान ऑलराउंडर माना जाता है। अभी तक कोई भी खिलाड़ी भारत को क्रिकेट में पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले इस बल्लेबाज़ की नेतृत्व क्षमता और कौशल की बराबरी नहीं कर पाया है। भारतीय टीम में वैसे तो कई महान खिलाड़ी रहे हैं लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि कपिल देव के क्रिकट से सन्यास के बाद भारतीय टीम को कोई दूसरा 'कपिल देव' नहीं मिल सका। कपिल देव ने 1978 में टेस्ट मैच से अपने क्रिकट करियर की शुरुआत की थी और 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम का नेतृत्व किया था। 1983 के विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मैच में उन्होंने 138 गेंदों पर 175 रनों की शानदार पारी खेली थी और अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई थी। उनकी यह पारी क्रिकट इतिहास में खेली गयीं सर्वोत्तम पारीयों में से एक थी। बाद में, वे फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बने। हरियाणा में पैदा हुए इस महान क्रिकेटर ने 131 टेस्ट और 225 एकदिवसीय मैच खेले, जिनमें क्रमशः 434 विकट, 5248 रन और 253 विकेट, 5248 अपने नाम किये। वे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 5000 रन और 400 विकेट लेने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। इस के अलावा कपिल देव का नाम उन पांच गेंदबाज़ों में शामिल है जिन्होंने कभी भी अपने क्रिकट करियर में नो बॉल नहीं की। लेखक: प्रसाद मंदती अनुवादक : आशीष कुमार