श्रीलंका के लेफ्ट ऑर्म स्पिनर रंगना हेराथ का पिछले 4-5 सालों में बहुत ही बढ़िया प्रदर्शन रहा है | 38 वर्षीय रंगना हेराथ ने 1999 में पर्दापण किया था, अपने करियर का बहुत सारा समय उन्होंने महान गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन की छत्र-छाया में बिताया है | 2010 में मुथैया मुरलीधरन के संन्यास लेने के बाद हेराथ की अहमियत बढ़ गई | 2012 से लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 41 मैचों में 232 विकेट लिए | हालांकि इतनी उम्र होने के बावजूद वो श्रीलंकाई टीम के मुख्य स्पिनर हैं और मैच दर मैच उनकी प्रतिभा में निखार आता जा रहा है | रंगना हेराथ की तरह क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे गेंदबाज रहे हैं जिन्होंने अपने करियर के ढलान के समय शानदार बॉलिंग की है | आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों पर - 5. ब्रेट ली ऑस्ट्रेलिया के इस तेज गेंदबाज को क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है | वनडे के साथ ब्रेट ली ने टेस्ट मैचो में अच्छी गेंदबाजी की है | उन्होंने 76 टेस्ट मैचो में 310 विकेट चटकाए | वैसे तो ब्रेट ली ने अपने पूरे करियर के दौरान ही अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन अपने करियर के आखिरी 3 से 4 सालों में वो अपने शिखर पर रहे | इस दौरान उन्होंने 39 टेस्ट मैचो में 171 विकेट लिए , जिसमें उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर 171 पर 9 विकेट भी शामिल है| ब्रेट ली टेस्ट मैचो में और अच्छा कर सकते थे, लेकिन शायद सीमित ओवरों के खेल में अपने प्रदर्शन में और सुधार लाने के लिए उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया | #4 डैरेन गौफ डैरेन गौफ 1990 और 2000 के शुरुआत में इंग्लैंड की गेंदबाजी आक्रमण के मुख्य हथियार थे | डैरेन ने 58 टेस्ट मैचों में 28 की औसत से 229 विकेट लिए | हालांकि अपने पूरे करियर के दौरान डैरेन ने बढ़िया गेंदबाजी की, लेकिन आखिरी के सालों में वो और भी ज्यादा खतरनाक गेंदबाज बन गए | 2000 से 2003 के बीच में डैरेन ने महज 24 टेस्ट मैचों में 94 विकेट लिए | हालांकि डैरेन 2006 तक इंग्लैंड के लिए सीमित ओवरों का मैच खेलते रहे, लेकिन 2007 विश्व कप मेंं टीम में शामिल ना किए जाने के बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया | #3 क्रिस केर्न्स क्रिस केर्न्स न्यूजीलैंड के महान ऑलराउंडरों में से एक हैं | एक आक्रामक बल्लेबाज होने के साथ ही क्रिस गेंदबाज भी बहुत अच्छे थे, न्यूजीलैंड की तरफ से टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में वो चौथे नंबर पर हैं | वैसे तो क्रिस ने 1980 के आखिर में ही अपना डेब्यू किया, लेकिन 10 सालों के लंबे अंतराल के बाद सही मायनों में उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आयी | क्रिस ने अपने पूरे टेस्ट करियर में 218 विकेट चटकाए, लेकिन इनमें से 115 विकेट उन्हें आखिरी के 28 टेस्ट मैचों में मिले | क्रिस ने 2004 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया, जबकि 2006 में उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया | #2 जवागल श्रीनाथ जवागल श्रीनाथ बेहतरीन तेज गेंदबाज थे | वो उन तेज गेंदबाजों में से एक थे, जिन्होंने स्पिन गेंदबाजी के लिए मशूहर भारतीय टीम में अपनी तेज गेंदबाजी की प्रतिभा का लोहा मनवाया | कर्नाटक के इस तेज गेंदबाज ने लगभग एक दशक तक भारतीय तेज गेंदबाजी की अगुवाई| श्रीनाथ ने 67 टेस्ट मैचों में 236 विकेट चटकाए | भारत का मुख्य तेज गेंदबाज होने के बावजूद श्रीनाथ अपने करियर के आखिर के कुछ सालों में सबसे ज्यादा सफल रहे | अपने करियर के आखिरी 33 टेस्ट मैचों में जवागल श्रीनाथ ने 30 से भी कम औसत से 118 विकेट झटके, इसमें उनका सबसे बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन 132 रन देकर 13 विकेट भी शामिल है | 2002 में श्रीनाथ ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला और 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए विश्व कप के बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया | #1 मिचेल जॉनसन पिछले एक दशक की अगर बात की जाए तो मिचेल जॉनसन ऑस्ट्रेलिया के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक हैं | बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अपनी तेजी और स्विंग की वजह से क्रिकेट जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई | जॉनसने को पिच से अनियमित बाउंस हासिल करने की कला भी खूब आती थी | इसी वजह से बल्लेबाजों को उनको खेलने में खासी दिक्कत होती थी | अपने करियर के आखिरी 3-4 सालों में जॉनसन ने अपनी स्पीड पकड़ी और वो बल्लेबाजों के लिए और भी खतरनाक गेंदबाज बन गए | क्वींसलैंड के इस क्रिकेटर ने 2012 से 2015 के बीच 26 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 24 से भी कम औसत से 123 विकेट चटकाए | शायद जॉनसन के करियर का सबसे यादगार मैच भी इसी समयावधि के दौरान खेला गया, जब उन्होंने लगभग अकेले ही इंग्लैंड की पूरी बैंटिग लाइन-अप को तहस-नहस कर दिया | तो कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मिचेल जॉनसन अपने करियर के आखिर के सालों में ज्यादा असरदार रहे |