पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी -20 श्रृंखला के लिए अनुभवी तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को जब भारतीय टीम में शामिल किया गया तो सबके काफी हैरानी हुई। हालांकि उनका शानदार कैरियर चोटों से जूझता रहा है, लेकिन नेहरा की प्रतिभा और कड़ी मेहनत पर कोई संदेह नहीं कर सकता है और वास्तव में यही कारण है कि वे टीम में वापस आ गए हैं। हालांकि 38 साल की उम्र में उनका चयन कितना सही है इस पर सवाल उठना लाजिमी है। क्योंकि सिर्फ 2 साल बाद ही क्रिकेट विश्व कप है और अगर चयनकर्ता उनकी जगह किसी युवा गेंदबाज को चुनते तो ज्यादा सही होता। भारतीय क्रिकेट में युवा प्रतिभाओं की कमी नहीं है। तो आइए नजर डालते हैं ऐसे ही 5 युवा गेंदबाजों पर जिन्हे नेहरा की जगह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 श्रृंखला में चुना जा सकता था।
# 5 बेसिल थम्पी
आईपीएल 2017 के इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर ख़िताब के विजेता रहे बेसिल थम्पी को एक स्लिंगर के रूप में जाना जाता है। लेकिन उनके गेंदबाजी में दो तत्व हैं - गति और एक खतरनाक यार्कर - जो उनको एक घातक गेंदबाज बनाते हैं, खासकर छोटे प्रारूपों में। उनके पास एक बहुत अच्छी धीमी गति की गेंद डालने की कला है। इस साल के आईपीएल में उनके आंकडे विशेष रूप से अच्छे नहे थे। थम्पी ने इस आईपीएल में 9.49 के खराब औसत से महज 11 विकेट लिए। हालांकि इस तेज गेंदबाज का प्रदर्शन वास्तव में उनके आंकड़ों की तुलना में बेहतर था। धीमी पिचों पर उनकी प्रभावी गेंदबाज़ी उनकी टीम गुजरात लायंस के लिए एकमात्र ब्राइट स्पॉट था। यह बात सही है कि थम्पी ने कुछ वैसा भले ही बड़ा प्रदर्शन ना किया हो लेकिन उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। 23 साल का होने के नाते, उन्हें राष्ट्रीय टीम में एक मौका दिया जाना चाहिए था और भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता था। # 4 अनिकेत चौधरी एमआरएफ पेस फाउंडेशन द्वारा तैयार किये गए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अनिकेत चौधरी ऐसे गेंदबाज हैं जो कि लगातार 140 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। अपनी तेज गेंदबाजी की वजह से ही वो उभर कर सामने आए और उन्हे मौके मिले। हालांकि 2008 में पहली बार ग्रेग चैपल की नजर उन पर पड़ी थी और साल 2011 में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में बेहतरीन खेल दिखाया। पांच साल बाद, 2016 में, उन्हें 'इंडिया-ए' टीम के लिये बुलाया गया था और वह पहले से ज्यादा मजबूत नज़र आये। ये युवा गेंदबाज अब भी अच्छी गेंदबाजी कर रहा है और अगर उन्हे सही मौका मिले तो वो भारत के बेहतरीन गेंदबाज बन सकते हैं। # 3 मोहम्मद सिराज इस साल की शुरुआत में आईपीएल नीलामी ने मोहम्मद सिराज को भारतीय क्रिकेट में एक लोकप्रिय नाम बना दिया। उन्हें नीलामी में 2.6 करोड़ रुपये में चुना गया था। हालांकि उन्हे मिले पैसे ने तो हमारा ध्याना खींचा लेकिन उनके अंदर कितनी प्रतिभा है इस पर भी गौर करना चाहिए। वो गेंद को काफी तेजी से रिलीज करते हैं जिसके चलते बल्लेबाजों को उन्हे पढ़ने का मौका ही नहीं मिलता है। 2016 के रणजी ट्रॉफी सत्र में सिराज ने हैदराबाद के गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करते हुए 41 विकेट लिए। तेज गेंदबाजों में वो टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे। इसके बाद आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए भी उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। सिराज के पास एक प्रभावी बाउंसर और एक सटीक यॉर्कर है, जो दो पहलू टी 20 में आवश्यक हैं। ऑस्ट्रेलिया की श्रृंखला में उन्हें मौका दे कर यह देखने का अच्छा अवसर था कि क्या वो अभी राष्ट्रीय टीम में खेलने लायक हैं या नहीं। # 2 संदीप शर्मा एक बुद्धिमान तेज गेंदबाज संदीप शर्मा अपने अनुशासन और नियंत्रण के साथ गति की कमी को खत्म कर देते हैं। वह एक कोण बनाने के लिए क्रीज का उपयोग करने में सक्षम है और गेंद को किसी भी हालात के बावजूद दोनों तरफ स्विंग कराने में सक्षम भी है। इनस्विंगर उनकी स्टॉक डिलीवरी है लेकिन गेंद को एक लाइन में रखने की उनकी क्षमता से अक्सर बल्लेबाज को परेशानी होती है। वह 2010 में अंडर -19 विश्वकप के दौरान चमके थे और तब से लगातार उनका प्रदर्शन निखरता ही गया है। कुछ सीजन से वो लगातार आईपीएल खेल रहे हैं जिससे उन्हे काफी अनुभव हासिल हुआ है। पावरप्ले के दौरान वो रनों की गति पर लगाम लगाने में सक्षम हैं। भारतीय टीम को इस 23 वर्षीय गेंदबाज को अवसर देना चाहिये था और विश्व कप से पहले जांचना चाहिए था कि क्या वो अभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव डाल सकते हैं या नहीं। # 1 जयदेव उनादकट सालों के उतारचढ़ाव भरे प्रदर्शन के बाद अब जा के ऐसा लग रहा है कि जयदेव उनादकट पूरी लय में गेंदबाज़ी करने लगे । बाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज की प्रतिभा के बारे में कभी कोई सवाल नहीं था, लेकिन किसी तरह वह बड़े स्तर पर खुद को खेलने लायक साबित नहींं कर पा रहे थे। 2010 के अंडर-19 विश्व कप के दौरान पहली बार सुर्खियों में आने के बाद उनको आईपीएल की कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में चुना गया। यहां तक कि भारत के लिए अपना टेस्ट मैच डेब्यू भी करने में भी वो सफल रहे। लेकिन लगातार खराब प्रदर्शन की वजह से वो अंतिम 11 में जगह नहीं बना पाए। हालांकि इस साल आईपीएल में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया । राइजिंग पुणे सूपरजाएंट्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने 12 मैचों में 24 विकेट लिए। चोट से वापसी करने के बाद उन्होंने एक सफल घरेलू सत्र का भी आनंद लिया और ऐसा दिखता है जैसे उन्होंने एक नई लय और आत्म-विश्वास हासिल कर लिया है। यह संभवतः, चयनकर्ताओं के लिए उनपर नज़र डालने का सबसे अच्छा समय था।