सालों के उतारचढ़ाव भरे प्रदर्शन के बाद अब जा के ऐसा लग रहा है कि जयदेव उनादकट पूरी लय में गेंदबाज़ी करने लगे । बाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज की प्रतिभा के बारे में कभी कोई सवाल नहीं था, लेकिन किसी तरह वह बड़े स्तर पर खुद को खेलने लायक साबित नहींं कर पा रहे थे। 2010 के अंडर-19 विश्व कप के दौरान पहली बार सुर्खियों में आने के बाद उनको आईपीएल की कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में चुना गया। यहां तक कि भारत के लिए अपना टेस्ट मैच डेब्यू भी करने में भी वो सफल रहे। लेकिन लगातार खराब प्रदर्शन की वजह से वो अंतिम 11 में जगह नहीं बना पाए। हालांकि इस साल आईपीएल में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया । राइजिंग पुणे सूपरजाएंट्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने 12 मैचों में 24 विकेट लिए। चोट से वापसी करने के बाद उन्होंने एक सफल घरेलू सत्र का भी आनंद लिया और ऐसा दिखता है जैसे उन्होंने एक नई लय और आत्म-विश्वास हासिल कर लिया है। यह संभवतः, चयनकर्ताओं के लिए उनपर नज़र डालने का सबसे अच्छा समय था।