5 गेंदबाज जिन्होंने अपने डेब्यू वनडे मैच में लिए सबसे ज्यादा विकेट

घरेलू स्तर पर लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज़ को जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार टीम में शामिल किया जाता है और उसके ऊपर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होता है। ऐसे में डेब्यू करने वाला खिलाड़ी अपने पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन करने सफल हो जाए, तो ये उसके लिए एक खास उपलब्धि हो जाती है। वनडे क्रिकेट में ऐसे कई गेंदबाज़ हुए हैं, जिन्होंने अपने पहले ही मैच प्रभावित करने वाला प्रदर्शन किया है। इस लेख में हम ऐसे ही कुछ चुनिंदा गेंदबाजों के बारे आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने पहले एकदिवसीय मुकाबले में शानदार और यादगार प्रदर्शन किया। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो तकरीबन 11 ऐसे गेंदबाज़ रहे हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू मैच में 5 से अधिक विकेट लिए हैं, जिनमें से हमने 5 बेहतरीन गेंदबाजों की लिस्ट तैयार की है, जो निम्न है: ऑस्टिन कॉडरिंगटन- 5/27(2003) साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए विश्वकप में 24 वर्ष बाद कनाडा की टीम ने वापसी की थी, जो इस टीम के लिए खास उपलब्धि थी। विश्वकप में वापसी करने वाली कनाडाई टीम का पहला मुकाबला बांग्लादेश के साथ डरबन के किंग्समीड के मैदान पर हुआ। जहां गेंदबाजों की मददगार पिच पर एशिया की उभरती टीम के सामने कनाडा की पूरी टीम 180 पर ऑलआउट हो गई। हालांकि कनाडा की तरफ से डेब्यू कर रहे 11 खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश की टीम को बुरी तरह से परस्त किया। तेज गेंदबाज़ ऑस्टिन कॉडरिंगटन ने हन्नान सरकार और अलोक कपाली का तो विकेट लिया ही साथ ही 27 रन देकर 5 बल्लेबाजों को उन्होंने आउट किया। जिसकी वजह से बांग्लादेश की पूरी टीम 120 रन पर ऑलआउट हो गयी। लेकिन जमैकाई मूल के ऑस्टिन ने शानदार प्रदर्शन किया और बड़े स्तर पर कनाडा को जीत दिलाई। शौल करनेन – 5/26 (1984) शौल उवैस करनेन उन श्रीलंकाई क्रिकेटरों में से एक हैं, जो टीम की शुरूआती दिनों में आए लेकिन उन्हें लाइमलाइट नहीं मिला। 1984-90 के दरम्यान शौल ने श्रीलंका के लिए 19 वनडे मुकाबले खेले थे। क्योंकि वह अपने प्रदर्शन में निरन्तरता बरकरार नहीं रख पाए इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय पटल पर लम्बे समय तक नहीं टिक सके। मोर्टुवा में श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड के बीच जो मुकाबला हुआ उसमें एक समय श्रीलंकाई टीम 81/6 विकेट गवां चुकी थी। जिसके बाद अर्जुन रणतुंगा और करनेन ने मिलकर टीम को 157 रन तक पहुंचाया। जवाब में न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाजों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, जिसकी वजह रही शौल की शानदार गेंदबाज़ी। उन्होंने 5 विकेट लिए, जिसमें मार्टिन क्रो और कप्तान ज्योफ़ होवार्थ का अहम विकेट भी शामिल रहा। इस तरह पूरी कीवी टीम 116 रन ऑलआउट हो गयी। टोनी डोडमेड – 5/21 (1988) टोनी ने वनडे व टेस्ट में 34 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया है। टोनी ने अपने डेब्यू मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था। इस ऑलराउंडर ने अपने डेब्यू टेस्ट में 6 विकेट लेकर सनसनी मचा दी थी। इसके अलावा जब टोनी ने वनडे में डेब्यू किया तो वहां भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। 1988 में टोनी को बेंसन एंड हेज वर्ल्ड सीरिज कप के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया गया था। जहां ऑस्ट्रेलिया का पहला मुकाबला श्रीलंका से हुआ। वाका के विकेट पर श्रीलंकाई टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 249 रन पर रोक दिया था। जवाब में टोनी ने शानदार गेंदबाज़ी के दम पर श्रीलंकाई टीम की कमर तोड़ दी। रणतुंगा और अरविन्द डिसिल्वा जैसे दिग्गजों को आउट करके टोनी ने ऑस्ट्रेलिया को 81 रन से जीत दिला दी। फिडेल एडवर्ड्स – 6/22 (2003) वेस्टइंडीज को तेज गेंदबाज़ी का जखीरा कहा जा सकता है, लेकिन एक लम्बे समय के बाद इस कैरेबियाई देश को फिडेल एडवर्ड्स जैसा होनहार तेज गेंदबाज़ मिला जिसने अपने पदार्पण मुकाबले में शानदार खेल दिखाया। हालांकि उनका करियर उतना शानदार नहीं रहा, जितना वह प्रतिभावान माने जाते थे। उन्हें तीनों फॉर्मेट में 241 विकेट मिले। फिडेल आज भी एक्टिव हैं, लेकिन वह अपनी शुरूआती दिनों के प्रदर्शन को दोहराने में नाकामयाब रहे हैं। अपने पहले वनडे मैच में ज़िंबाबवे के साथ दो देशों की 4 एकदिवसीय मैचों की सीरिज में 2003 में शानदार खेल दिखाते हुए 22 रन देकर 6 विकेट लिए थे। विंडीज ने ये मुकाबला 72 रनों से जीत लिया था। कगिसो रबादा – 6/16 (2015) कगिसो रबादा बीते वर्षों में शानदार तेज गेंदबाज़ के तौर पर स्थापित हुए हैं, दक्षिण अफ्रीका को अंडर 19 विश्वकप में खिताबी जीत दर्ज कराने में रबादा ने शानदार खेल दिखाया था। जिसके बाद सनफॉयल सीरिज में हाईवेल्ड लायंस की तरफ से कगिसो ने शानदार प्रदर्शन किया। टी-20 क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद साल 2015 में ही रबादा ने बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय सीरिज में अपना पहला वनडे मैच खेला। जिसमें इस दायें हाथ के गेंदबाज़ ने 16 रन देकर 6 विकेट लिए। जिसकी वजह से बांग्लादेश की पूरी टीम 160 रन पर ऑलआउट हो गयी। दक्षिण अफ्रीका ने मुकाबला 8 विकेट से जीता लेकिन सीरिज वह 1-2 से हार गये। लेखक-रामकुमार, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी

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