संख्या कई कहानियों से पर्दा हटा दते हैं, खासकर खेलों में अगर हम देखें तो क्रिकेट पूरी तरह से आंकड़ों पर निर्भर है। जहां कहानियां आंकड़ों में ही कही जाती हैं। हालांकि कई बार कई खिलाड़ियों के आंकड़ों पर हम ध्यान नहीं देते हैं, जिससे उसको वह तारीफ नहीं मिलती जो मिलनी चाहिए। आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिनके आंकड़े उनकी उपलब्धियों की वजह से लोगों का ध्यान नहीं आकर्षित कर पाए हैं। खासकर गेंदबाजों के साथ क्रिकेट में दोयम दर्जे के नागरिक जैसा ट्रीट किया जाता है। ऐसे ही 5 गेंदबाज़ जिनके बारे आपने शायद ही सुना हो लेकिन उनके आंकड़े जान आप हैरान रह जाएंगे: जिम लेकर- एक टेस्ट में 19 विकेट जिम लेकर ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ थे, जिन्होंने 46 टेस्ट मैचों में 193 विकेट लिए थे। इंग्लैंड के इस पूर्व क्रिकेटर का औसत 21.24 और स्ट्राइक रेट 62.3 जो बेहद ही प्रभावी था। लेकिन इसके अलावा उनके नाम 1956 में मैनचेस्टर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डाला गया स्पेल बेहद ख़ास था। इस मैच में लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 9 विकेट लिए व दूसरी पारी में सभी दस विकेट अपने नाम किये। जिसकी मदद से उनकी टीम ने ये मैच में 170 रन व एक पारी से जीत लिया था। मैच में 19 विकेट लेने का उनका ये रिकॉर्ड आज भी बरकरार है, उनके अलावा टेस्ट में अनिल कुंबले ने एक पारी में 10 विकेट अपने नाम किए हैं। जबकि एक मैच में इंग्लैंड के ही गेंदबाज़ सिडनी बर्न्स ने 1913 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 17 विकेट लिए थे। मार्क गिलेस्पी: 2.5 ओवर में 7 रन 4 विकेट मार्क गिलेस्पी ने 32 वनडे व 11 टी-20 मैच खेले हैं। उनका करियर कोई ख़ास नहीं रहा है। लेकिन उनका नाम ये खास उपलब्धि दर्ज है। टी-20 वर्ल्डकप के पहले संस्करण 2007 में डरबन में केन्या के खिलाफ इस कीवी गेंदबाज़ ने कहर बरपाया था। जिसकी वजह से केन्या की पूरी टीम 73 रन पर ऑल आउट हो गयी थी। गिलस्पी को पहले ओवर की पहली गेंद पर डेविड ओबुया का विकेट मिल गया था। उसके बाद स्टीव टिकोलो जो केन्या के कप्तान थे। वह स्टंप के सामने पकड़े गये। उसके बाद 17वें ओवर में गिलेस्पी को दो विकेट और मिले और केन्या ऑलआउट भी हो गयी। इस तरह गिलेस्पी ने 2.5 ओवर में 7 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किये जो टी-20 क्रिकेट में उस समय का सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी विश्लेषण थे। जिसे बाद में 2009 में उमर गुल ने 5 विकेट लेकर तोड़ दिया। विल्फ्रेड रोड्स-1110 प्रथम श्रेणी मैचों में 4204 विकेट अगर सफलता का पैमाना आंकड़ों को माना जाए, तो विल्फ्रेड रोड्स सबसे सफल प्रथम श्रेणी क्रिकेटर हैं। उन्होंने सबसे ज्यादा मैच खेले व सबसे ज्यादा विकेट भी उनके नाम है। 1110 मैचों में रोड्स ने 4204 विकेट लिए हैं। इसके अलावा उनके नाम 58 शतक व 40 हजार से ज्यादा रन भी दर्ज हैं। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड के लिए 58 टेस्ट मैच भी खेले हैं। लेकिन वह उतने सफल नहीं हुए थे। उनके नाम 29.96 के औसत से 127 टेस्ट विकेट दर्ज हैं। जबकि प्रथम श्रेणी में उनका औसत 16.72 है। रोड्स के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड ये भी दर्ज है उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 287 बार 5 विकेट लिए हैं। बापू नदकर्नी- 41 टेस्ट में 1.67 का इकॉनमी रेट नेट में अपने टारगेट स्पॉट पर गेंदबाज़ी करने के लिए बापू नदकर्नी एक सिक्का रखते थे। इसी वजह से इस स्पिन गेंदबाज़ का प्रदर्शन शानदार रहा है। 41 टेस्ट मैचों में उनके नाम 88 विकेट दर्ज हैं। लेकिन उनकी इकॉनमी 1.67 की रही जो बेजोड़ है। रन रोकने के लिए वह आदर्श गेंदबाज़ थे। उन्हें अपनी गेंदबाज़ी की लाइन पर जबरदस्त पकड़ थी। मद्रास इंग्लैंड के खिलाफ 1964 में बापू ने लगातार 21 ओवर मेडन डाले थे। जबकि दोनों पारियों में उनका गेंदबाज़ी विश्लेषण कुछ इस तरह था। 32-24-23-0 और 34-24-24-1। इतनी पैनी लाइन से गेंदबाज़ी करने के बावजूद भी बापू को विकेट बहुत कम मिलते थे। लेकिन वह दूसरे छोर से गेंदबाज़ी करने वाले गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होते थे। एल्फ वैलेंटाइन- टेस्ट मैच की एक पारी में गेंदबाज़ी विश्लेषण 92-49-140-3 अगर कोई अलंकार से हम एल्फ वैलेंटाइन को सोशोभित करना चाहें, तो उन्हें गेंदबाज़ी की मशीन कह सकते हैं। उनके अन्दर लगातार गेंदबाज़ी करने की गजब की स्टेमिना थी। इसके अलावा वह शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से काफी मजबूत थे। वेस्टइंडीज के इस गेंदबाज़ ने 63 टेस्ट पारियों में 12953 गेंदें फेंकी हैं। हर पारी में उनका औसत 34.26 ओवर का रहा है। हालांकि उनका लाइन व लेंथ उतना बेहतर नहीं था।लेकिन गेंद को टर्न व ड्रिफ्ट कराने में माहिर थे। वह मध्यम गति के गेंदबाज़ थे, जबकि उस वक्त विश्व क्रिकेट में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों की तूती बोलती थी। 1950 में इंग्लैंड के खिलाफ नाटिंघम में एल्फ ने सबसे ज्यादा ओवर गेंदबाज़ी की थी। इस मैच में पहली पारी में विंडीज ने लीड लिया था, लेकिन इंग्लैंड ने दूसरी पारी में अपने शीर्ष बल्लेबाजों के प्रदर्शन के चलते वापसी की थी। इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रन बनाने से रोकने के लिए वैलेंटाइन ने 92 ओवर की गेंदबाज़ी और उसमें 49 ओवर मेडन रहे। उन्हें तीन विकेट मिले थे। जबकि सोनी रामदीन ने इस मैच में 81.2-25-135-5 बेहतरीन गेंदबाज़ी थी। मेहमान टीम मुकाबला 10 विकेट से जीत गयी। वैलेंटाइन ने तब अपना नाम रिकार्ड्स बुक में दर्ज करवा लिया था। लेखक-चैतन्य, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी