क्रिकेट में हमने हैरान कर देने वाली परिस्तिथि में गेंद के साथ कमाल करते हुए बहुत बार देखा है और वो भी उन खिलाड़ियों से, जिनसे की बिल्कुल भी उम्मीद न हो। हालांकि ऐसे रिकॉर्ड हमेशा ही छिप जाते है और किसी को भी याद नहीं रहते। इंजमाम-उल-हक़, जिन्हें कि हमेशा ही उनकी बल्लेबाज़ी के लिए जाना गया, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि वो उन कुछ खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी पहली वनडे विकेट, अपनी पहली ही गेंद पर ली हो। कुछ ऐसी ही रिकॉर्ड, जैसे सैयद किरमानी ने अपने करियर में इकलौती नो-बॉल डाली और उसकी वजह से वेस्टइंडीज की टीम वह मुक़ाबला जीत गई। इस लिस्ट से ऐसे ही कुछ गेंदबाजी प्रदर्शन पर हमने नज़र डाली है। यह कुछ ज्यादा ही खास हैं, क्योंकि यह रिकॉर्ड किसी गेंदबाज द्वारा नहीं बनाया गया, बल्कि ऐसे खिलाड़ियों द्वारा, जिनसे कि गेंद के साथ ज्यादा कुछ उम्मीद नहीं की जा सकती। #1 1993 में हीरो कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सचिन द्वारा डाला गया, आखिरी ओवर
सचिन तेंदुलकर के नाम बहुत से रिकॉर्ड हैं, लेकिन उनमें से कोई भी रिकॉर्ड उनकी गेंदबाजी के लिए नहीं है। हालांकि उनके नाम क्रिकेट इतिहास में सबसे यादगार आखिरी ओवर डालने का रिकॉर्ड है, जब उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हीरो कप में भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने आखिरी ओवर में 5 रन बचाने के लिए दिए। सचिन का यह उस मैच में पहला ओवर था और यह एक बड़ा रिस्क भी था। पहली गेंद पर एक रन आया और एक रन आउट भी हुआ, जिससे क्रिस पर रह गए ब्रायन मैकमिलन और एलन डोनाल्ड। तेंदुलकर ने उसके बाद लगातार तीन डॉट बॉल डाली, उसके बाद उनकी और टीम के विकेटकीपर विजय यादव के बीच लंबी बातचीत हुई, दूसरी तरफ मैकमिलन ने डोनाल्ड को कुछ सुझाव दिया और आखिरकार उन्होंने अपना पहला रन बनाया। विजय यादव विकेट के पीछे मुस्तैद थे, मैकमिलन के बल्ले का किनारा लगा और वो सिर्फ एक रन ही ले पाए, सचिन ने टीम को एक यादगार जीत दिला दी। #2 लाला अमरनाथ इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने डोनाल्ड ब्रैडमैन को हिट विकेट आउट किया लाला अमरनाथ आज़ाद भारत के टीम के पहले कप्तान थे। हालांकि उस सीरीज में उन्होंने अपने डेब्यू मैच में बॉम्बे जिमखाना में एक शतक लगाया था और उसी सीरीज में उन्होंने गेंद के साथ अच्छा किया और मद्रास में 4 विकेट भी अपने नाम किए। अमरनाथ के नाम जो सबसे अच्छा और अनोखा रिकॉर्ड है, वो डॉन के खिलाफ ही आया, 1947 में ब्रिस्बेन में एक टेस्ट में, जहां ब्रैडमैन 336 गेंदों पर 185 रन बनाकर खेल रहे थे, लाला वो इकलौते गेंदबाज थे, जिन्होंने डॉन को हिट विकेट आउट किया। उनका नाम कई बार डॉन के साथ जोड़ा गया, जब उन्होंने विजय मर्चेंट की गैर-मौजूदगी में टीम की कप्तानी की थी। उसके बाद न्यूज़पेपर्स ने उनकी 228 और 172 रनों की पारी की काफी प्रशंसा की और लिखा, "ऑस्ट्रेलिया के लोग ब्रैडमैन को खेलते नहीं देख पा रहे हैं, लेकिन वो अमरनाथ को खेलते देख पा रहे हैं।" #3 एबी डिविलियर्स और एमएस धोनी एक ही टेस्ट में गेंद डालने वाले, पहले विकेटकीपर बने 2013 -14 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली गई सीरीज का यह पहला मैच था, जोकि न्यू वांडर्रस स्टेडियम जोहानसबर्ग खेला गया। मैच के तीसरे दिन चायकाल से पहले विकेट लेने की आशा में हाशिम अमला ने विकेट कीपिंग की और एबी डिविलियर्स ने गेंद डाली और 5 रन खर्च किए। मैच के अगले दिन एक इतिहास रचा गया जब दिन के आखिरी ओवर में धोनी ने गेंद करने का फैसला किया और विकेट कीपिंग की ज़िम्मेदारी संभाली विराट कोहली ने। यह क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ, जब दोनों टीमों के विकट कीपर्स ने एक ही मैच में गेंद डाली हो। धोनी की आउटस्विंग ने सिर्फ 4 रन दिए, उसी के साथ सबसे ज्यादा पारियों में गेंद डालने वाले विकेट कीपर बन गए। #4 विल्फ बार्बर अपनी पहली टेस्ट गेंद पर विकेट लेने के काफी करीब आए गेराल्ड होवट ने विल्फ बार्बर को 1930 के बीच में यॉर्कशायर की बल्लेबाज़ी का चौथा पिलर करार दिया, वहीं दूसरी तरफ विजड़न ने उनकी फील्डिंग को सबसे अच्छा बताया। उन्होंने अपने करियर में 16,402 रन बनाए और 182 कैच भी पकड़े, हालांकि वो गेंदबाजी के कारण इस लिस्ट में शामिल हो पाए हैं। वो इंग्लैंड के लिए सिर्फ दो मैच ही खेल पाए, उनके करियर का आगाज दक्षिण अफ़्रीका की टीम के खिलाफ 1935 में लीड्स में किया , उन्होंने उस मैच में दो गेंद डाली और एक विकेट हासिल किया, वो भी एचबी कैमरन का, लेकिन वो एक रिकॉर्ड से चूक गए, अगर वो पहली गेंद पर विकेट ले लेते, तो वो इकलौते ऐसे खिलाड़ी बन जाते जिसने टेस्ट क्रिकेट में एक गेंद डाली हो और विकेट हासिल किया हो। हालांकि विल्फ बार्बर, एएन हॉर्नबी और ब्रूस मुरे, के नाम सबसे बेस्ट बॉलिंग औसत है। तीनों के नाम एक ही विकेट हैं और तीनों ने एक भी रन खर्च नहीं किया, इसलिए उनकी औसत शून्य हैं। #5 सनथ जयसूर्या वनडे में 12,000 रन और 300 विकेट लेने वाले, इकलौते क्रिकेटर है सनथ जयसूर्या को अपने करियर के शुरुआत में एक ऐसे गेंदबाज के रूप में देखा जाता था, जोकि बल्लेबाज़ी भी कर सकते थे और उन्हें 1996 में विजड़न लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द वर्ल्ड का अवार्ड मिला और इसके साथ ही 1996 विश्व कप के बाद वो वनडे में सबसे ज्यादा रनआउट करने वाले फील्डर बने। उनके नाम 440 इंटरनेशनल विकेट दर्ज हैं। उनके करियर में जो चीज सबसे शानदार थी, वो थी कि वो इकलौते ऐसे ओपनर थे, जिनके नाम वनडे में चार बार 5 या उससे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज हो। इसी बीच उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन 29 रन देकर 6 विकेट था, जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 1993 में मोराटुवा में हासिल किया। सनथ जयसूर्या के नाम वनडे में शेन वार्न से ज्यादा विकेट हैं। वार्न ने 293 विकेट हासिल किए हैं, तो जयसूर्या के नाम 323 विकेट दर्ज हैं। लेखक- रॉय सुवरा, अनुवादक- मयंक महता