कप्तानों के 5 ऐसे साहसिक निर्णय जिसने श्रृंखला या प्रतियोगिता का रुख ही बदल दिया

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युवराज की जगह कप्तान धोनी खुद बल्लेबाजी करने उतरे

dhoni

2011 विश्वकप में भारतीय टीम कप की मजबूत दावेदार थी। टूर्नामेंट के दौरान भारत ने समय समय पर यह साबित किया कि वह इस कप के योग्य है और फिर आखिरकार फाइनल में भारत की एंट्री भी हो गई। फाइनल में भारत का सामना श्रीलंका की टीम से हुआ। श्रीलंका ने टॉस जीतते हुए पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और भारत को 275 का लक्ष्य दिया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और जल्द ही सचिन और सहवाग का विकेट गंवा दिया। फिर विराट कोहली और गौतम गंभीर ने साझेदारी करने की कोशिश की लेकिन कोहली 35 रन पर आउट हो गये। जिसके बाद युवराज को बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आना था लेकिन तभी कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को मैदान पर देख कर सब चौक गये। कप्तान धोनी खुद को प्रमोट कर युवराज की जगह बल्लेबाजी करने मैदान पर उतर गये थे। धोनी पिछले 3 सालों से चेन्नई सुपर किंग्स में मुथैया मुरलीधरन के साथ खेले थे और इसलिए उन्होंने महसूस किया कि वह युवराज की तुलना में मुरली से निपटने के लिए अधिक उपयुक्त हैं। यह वास्तव में इस लिहाज से भी एक बहादुर फैसला था, क्योंकि धोनी विश्व कप में उस मैच तक खराब फार्म से जूझ रहे थे। यह कदम बेहद सफल रहा क्योंकि फाइनल में धोनी ने 91 रन बनाए और इससे 28 साल बाद दूसरी बार विश्व कप जीतने में भारत ने मदद की। विश्व कप जीतने के लिए भारत पहला मेजबान देश बन गया।

Edited by Staff Editor
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