क्रिकेट में सबसे दिलचस्प घटनाओं में से एक 1937 की एशेज सीरीज़ में घटित हुई। ऑस्ट्रेलियाई टीम पहला दो टेस्ट मैच हार चुकी थी और श्रृंखला में बने रहने के लिए उसे तीसरा मैच जीतना जरुरी था। तीसरा टेस्ट एक बिल्ली और चूहे का खेल साबित हुआ दोनों कप्तानों ने चालाक रणनीतियों के साथ दूसरे को बाहर करने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डॉन ब्रैडमैन ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए ऐसी पिच पर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जो गेंदबाजों के लिए मददगार थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में संघर्ष किया और बारिश के कारण मैच रुक जाने तक कंगारूओं का स्कोर 181/7 तक पहुंच गया। विकेट बल्लेबाजी करने के लिए और अधिक मुश्किल हो गया क्योंकि बारिश के कारण पिच गीली हो गयी थी। यहीं पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डॉन ब्रेडमैन ने मास्टर स्ट्रोक खेला और 200 रनों पर पारी घोषित करके गीले विकेट पर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। ब्रैडमैन ने पिच को स्पष्ट रूप से समझ लिया और फिर से बल्लेबाजी शुरू करने के मूड में नहीं थे इसलिए उन्होंने अपने गेंदबाजों को एक रक्षात्मक रेखा पर गेंद करने के लिए कहा ताकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को सस्ते में आउट नहीं किया जा सके। इंग्लैंड की टीम के कप्तान सर गब्बी एलन को भी स्थिति के बारे में अच्छे से पता था और उन्होंने ब्रेडमैन से भी आगे निकलते हुए 76/9 पर पारी घोषित कर दी। सर डॉन ब्रैडमैन ने तब एक बदलाव किया जो मैच के दौरान एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। पिच गीली होने के कारण कप्तान ने अपनी बल्लेबाजी क्रम को उलट दिया। ब्रैडमैन ने अपने 10वें और 11वें नंबर के बल्लेबाजों को पारी को ओपनिंग करने के लिए और क्रीज में कुछ समय बिताने के लिए कहा ताकि पिच को नियमित बल्लेबाजों के लिए बल्लेबाज़ी करने के समय तक बेहतर बनाया जा सके। इस कदम ने आश्चर्यजनक काम किया क्योंकि दिन के आखिरी तक पुछल्ले बल्लेबाज टिके रहे और अगले दिन पिच बल्लेबाजी करने के लिए ज्यादा बेहतर हो गयी थी। ब्रैडमैन ने दूसरी पारी में 270 रन बनाये और ऑस्ट्रेलिया ने 564 के स्कोर के साथ पारी समाप्त कर दी जिससे इंग्लैंड को 689 का लक्ष्य मिला। इंग्लैंड ने अंत में यह मैच हार गया। डॉन ब्रैडमैन के इस कदम ने न केवल मैच का नतीजा बदल दिया, बल्कि ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से सीरीज जीतने में भी मदद की। लेखक- देवानाथन वरून अनुवादक- सौम्या तिवारी