क्रिकेट सबसे खतरनाक खेलों में से एक है जिसमें कई बार खिलाड़ी गंभीर रूप से घायल हो जाता है। ऑस्ट्रेलिया में घरेलू मैच के दौरान शॉन एबॉट की एक उछाल भरी गेंद फिलिप ह्यूज के सिर पर लगने से उनकी मौत हो गई थी। इसके अलावा रमन लांबा भी बांग्लादेश में एक घरेलू मैच के दौरान चोटिल होकर कोमा में चले गए थे जिसके 3 दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई थी।
मैच के दौरान कई बार खिलाड़ियों को गंभीर चोटें आई हैं लेकिन वे फिर भी मैच में अपने टीम को जिताने के लिए जान तक की बाजी लगाने को तैयार रहते हैं। चोटिल होने के बावजूद भी दर्शकों से भरे स्टेडियम में अपने टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करना बड़ी बात होती है लेकिन ऐसे खिलाड़ी ही इतिहास रचने का माद्दा रखते हैं।
आज हम आपको 5 ऐसे बहादुर खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने दर्द को भुलाकर अपने टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया।
#5. सर डॉन ब्रैडमैन बनाम इंग्लैंड:
'बॉडीलाइन गेंदबाजी' एक ऐसा तथ्य है जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे। एशेज सीरीज 1932-33 के दौरान क्रिकेट में बॉडीलाइन गेंदबाजी की शुरुआत हुई। उस वक्त इसे 'लेग बॉलिंग थ्योरी' के नाम से जाना गया। क्योंकि गेंद को लेग साइड पर शरीर पर फेंका जाता था और लेग की तरफ अधिक फील्डर रखे जाते थे जिसके चलते बैट्समैन खुद को बचाने की कोशिश में कैच दे बैठते थे।
इस मैच में गेंदबाज हेराल्ड लारवुड ने सर डॉन ब्रैडमैन के शरीर को निशाना बनाकर गेंदबाजी की जो गेंद उनके छाती पर आकर लगी जिसके बाद भी वो मैच खेलते रहे। डॉन ब्रैडमैन ने इस सीरीज में 56.57 की औसत से कुल 396 रन बनाए। उन्होंने दूसरे मैच में 146 गेंदों पर 109 रनों की शानदार पारी खेली।
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