दिल्ली के धाकड़ बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने भारत के लिए मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में डेब्यू किया था और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बेहतरीन 105 रन बनाए थे। हालांकि गांगुली शुरुआत से ही सहवाग को मैच-विजेता खिलाड़ी मानते थे और इसलिए टेस्ट में उन्हें ओपनिंग करने के लिए भेज दिया। कई लोगों का मानना था कि सहवाग की तकनीक टेस्ट मैचों के लिहाज से सही नहीं है, लेकिन सभी बातों और विचारों को दरकिनार करते हुए कप्तान ने बल्लेबाज में विश्वास भरा और भरोसा दिलाया कि वह क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में ओपनर के रूप में सफल रह सकते हैं। बाकी इतिहास है, सहवाग ने खेल के सर्वश्रेष्ठ ओपनर्स के रूप में अपने करियर का अंत किया। मानना ही पड़ेगा कि कप्तान का जबर्दस्त स्ट्रोक था यह भी।
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