5 कप्तान जो क्रिकेट के एक फ़ॉर्मेट में क़ामयाब रहे, लेकिन दूसरे में असफल

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क्रिकेट में एक कप्तान का रोल काफ़ा अहम माना जाता है। वह कप्तान ही होता है जो पूरे मैच की रणनीति बनाता है, और यही वजह है कि जीत के बाद कप्तान को सारा देश इज़्ज़त देता है और कप्तान का दीवाना हो जाता है। लेकिन एक हार के बाद कप्तान को उतनी ही आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है। अब तक हमने कई ऐसे कप्तानों को देखा है जिन्होंने अपनी कप्तानी में कई यादगार जीत दिलाईं हैं और हीरो बन गए हैं। इनमें से कुछ ने क्रिकेट के सभी फ़ॉर्मेट में टीम की कप्तानी की है। लेकिन ऐसा भी देखा गया है कि कई महान कप्तानों ने क्रिकेट के एक स्वरूप में तो कमाल का प्रदर्शन करते हुए टीम को वर्ल्ड चैंपियन तक बनाया, लेकिन दूसरे फ़ॉर्मेट में वह असफल रहे। आज आपके सामने हम ऐसे ही 5 कप्तानों की फ़ेहरिस्त रख रहे हैं, जो क्रिकेट के एक स्वरूप में तो सफल रहे लेकिन दूसरे में नाक़ामयाब। #5 डैरेन सैमी वेस्टइडीज़ के इस पूर्व कप्तान को टी20 का सबसे शानदार कप्तान माना जाता है। 2011 में पहली बार सैमी को क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट में कैरेबियाई टीम का कप्तान बनाया गया था, और उन्होंने 2012 में वेस्टइंडीज़ को वर्ल्ड टी20 का चैंपियन बना दिया। 2014 वर्ल्ड टी20 में भी वेस्टइंडीज़ का प्रदर्शन सैमी की कप्तानी में अच्छा रहा और उन्होंने टीम को सेमीफ़ाइनल तक पहुंचाया था। 2016 वर्ल्ड टी20 से पहले वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड के साथ मतभेद को लेकर टीम से कम ही उम्मीद की जा रही थी। लेकिन डैरेन सैमी ने अपनी कप्तानी में एक बार फिर कोलकाता में खेले गए फ़ाइनल मुक़ाबले में इंग्लैंड को शिकस्त देकर वेस्टइंडीज़ को दूसरी बार वर्ल्ड टी20 का चैंपियन बना दिया। भले ही सैमी इस टूर्नामेंट में एक खिलाड़ी के तौर पर शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाए थे, लेकिन बतौर कप्तान वह बेहतरीन थे और दो बार वर्ल्ड टी20 का ख़िताब जीतने वाले वह विश्व के पहले कप्तान हैं। सैमी ने वेस्टइंडीज़ के लिए 47 मैचो में टी20 की कप्तानी की है, जिसमें उन्होंने टीम को 27 बार जीत दिलाई है, 17 में हार का सामना करना पड़ा है और 1 मैच टाई रहा है। यानी सैमी के नेतृत्व में वेस्टइंडीज़ का जीत प्रतिशत 57.44 रहा। लेकिन टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सैमी अपनी कप्तानी में वेस्टइंडीज़ को ऐसी सफलता नहीं दिला पाए। सैमी ने 30 टेस्ट मैचो में कप्तानी की जिसमें से सिर्फ़ 8 मैच में ही टीम को जीत दिला पाए और उनमें से भी 5 जीत बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ मिली। वनडे में भी सैमी 51 मैचो में कप्तान रहे, लेकिन सैमी के हाथो सिर्फ़ 19 में ही जीत लगी जबकि 30 में हार का सामना करना पड़ा। 1 मैच टाई रहा और 1 मैच रद्द हो गया था, सैमी का जीत प्रतिशत रहा 37.25। 2013 में ही सैमी को टेस्ट और वनडे की कप्तानी से हाथ धोना पड़ा था, लेकिन 2016 में टी20 चैंपियन बनाने के ठीक बाद उनसे वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड ने टी20 की भी कप्तानी छीन कर सभी को हैरान कर दिया। #4 डैनियल विटोरी daniel-vettori-vs-afghanistan-wc2015-1427892045-2352947-1473912852-800 न्यूज़ीलैंड के क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक ऑलराउंडर आए हैं, उन्हीं में से एक हैं डैनियल विटोरी। बाएं हाथ के इस स्पिन ऑलराउंडर ने न्यूज़ीलैंड को कई बार गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दिलाई है। स्टीफ़ेन फ़्लेमिंग के संन्यास के बाद विटोरी को कीवी टीम के सभी फ़ॉर्मेट में कप्तानी की ज़िम्मेदारी मिल गई थी। विटोरी ने अपनी कप्तानी में न्यूज़ीलैंड को 2007 वर्ल्डकप और 2011 वर्ल्डकप में सेमीफ़ाइनल तक पहुंचाया था। 82 वनडे मैचो में न्यूज़ीलैंड की कप्तानी करने वाले विटोरी ने 50% जीत के रिकॉर्ड के साथ 41 मैचो में टीम को जीत दिलाई थी, जबकि 33 मैचो में हार झेलनी पड़ी थी। 7 मैच रद्द रहे थे और 1 मैच टाई हुआ था। टी20 में भी विटोरी का प्रदर्शन अच्छा ही रहा था, जहां उन्होंने 13 में जीत और 13 में ही हार मिली थी। लेकिन इस ऑलराउंडर के लिए टेस्ट कप्तानी का अनुभव अच्छा नहीं रहा, 32 टेस्ट मैचो में कप्तानी करने वाले विटोरी ने कीवियों को सिर्फ़ 6 में ही जीत दिला पाए। जबकि 10 मैच ड्रॉ रहे और 16 में हार का सामना करना पड़ा। #3 ब्रायन लारा pg-64-lara-1-getty-1473912937-800 क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में शुमार हैं वेस्टइंडीज़ के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ब्रायन लारा। ब्रायन लारा एक कप्तान के तौर पर ज़्यादा सफल नहीं हो पाए, हालांकि 2004 में वेस्टइंडीज़ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी की चैंपियन लारा की ही कप्तानी में बनी थी। कार्ल हूपर के संन्यास के बाद लारा को 2003 में वेस्टइंडीज़ टीम का कप्तान बनाया गया था। वनडे में लारा की कप्तानी में वेस्टइंडीज़ ने 125 मैचो में 59 में जीत दर्ज की थी और 59 में ही हार मिली थी, जबकि 7 मुक़ाबले रद्द हुए थे। जो एक ठीक ठाक प्रदर्शन कहा जा सकता है। टेस्ट मैचो में भी लारा ने पहली बार 1996 में कप्तानी करते हुए शानदार शुरुआत की थी। पहली दोनों ही सीरीज़ में लारा ने वेस्टइंडीज़ को जीत दिलाई थी, लेकिन इसके बाद कैरेबियाई टीम का प्रदर्शन गिरने लगा था। लारा ने 47 टेस्ट मैचो में वेस्टइंडीज़ की कप्तानी की, जिसमें वह सिर्फ़ 10 में ही जीत दिला पाए। 26 मैचो में कैरेबियाई टीम को हार का सामना करना पड़ा, जबकि 11 मैच ड्रॉ रहे। #2 कपिल देव 13585-1473913001-800 जी हां, इस फ़ेहरिस्त में अगला नाम भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार कपिल देव का है। सिर्फ़ 23 साल की उम्र में कप्तानी का दायित्व संभालने वाले इस ऑलराउंडर ने भारत को 1983 में पहली बार वनडे का वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। 1987 वर्ल्डकप में भी कपिल देव ही भारत के कप्तान थे, लेकिन तब भारत का सफ़र सेमीफ़ाइनल में थम गया था। इंग्लैंड से सेमीफ़ाइनल में भारत को हार मिली थी, और कपिल देव के लिए वनडे में बतौर कप्तान ये आख़िरी मैच हो गया। कपिल देव का रिकॉर्ड वनडे में शानदार रहा था, उन्होंने 74 मैचो में भारत की कप्तानी की जिसमें 39 मैचो में जीत दिलाई और 33 में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि दो मुक़ाबले रद्द हुए थे। कपिल देव के लिए टेस्ट कप्तानी अच्छी नहीं रही, उन्हें पहली जीत के लिए 4 साल का इंतज़ार करन पड़ा था। 34 टेस्ट मैचो में भारत की कप्तानी करने वाले कपिल के हाथो सिर्फ़ 4 में ही जीत नसीब हुई जबकि 7 में हार और 23 मैच ड्रॉ रहे। #1 माइक गैटिंग mike-gatting-ls_2932451k-1473912772-800 1980 के दशक में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक थे माइक गैटिंग। गैटिंग को 1986 में इंग्लिश टीम की कप्तानी का ज़िम्मा सौंपा गया था। डेविड गोवर से कप्तानी लेने वाले गैटिंग ने इंग्लैंड को क़रीब क़रीब पहली बार वर्ल्डकप में जीत दिला ही दी थी, जब 1987 वर्ल्डकप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथो 7 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। माइक गैटिंग ने 37 वनडे मैचो में इंग्लैंड की कप्तानी की, जिसमें उनका रिकॉर्ड बेहतरीन था। गैटिग ने 37 में 26 जीत दिलाई और सिर्फ़ 11 मैचो में ही इंग्लैंड को हार झेलनी पड़ी थी। लेकिन टेस्ट में ये आंकड़ा बिल्कुल उलट जाता है। 1986 से 1988 के बीच माइक गैटिंग ने इंग्लैंड के लिए 23 टेस्ट मैचो में कप्तानी की, जिसमें उन्हें सिर्फ़ 2 मैचो में ही जीत हासिल हुई। 5 में हार और 18 मुक़ाबले ड्रॉ रहे थे, जिसके बाद 1988 में उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया।

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