जावेद मियांदाद पाकिस्तान के सबसे अच्छे बल्लेबाजों में से एक थे। उन्होंने पाकिस्तान के लिए पहले छ्ह वर्ल्डकप में भी हिस्सा लिया। इसके अलावा उनके नाम वनडे में 7000 रन और टेस्ट क्रिकेट में 8000 रन बनाए थे। वो स्क्वायर ऑफ द विकेट काफी अच्छा खेलते थे, इसके अलावा वो विकटों के बीच में भी तेज़ भागते थे, वो एक आक्रमक बल्लेबाज़ भी थे। उन्हें सब उस छक्के के लिए याद रखते हैं, जो आखिरी गेंद पर चेतन शर्मा को 1987 में लगाया था। मियांदाद 1980 से लेकर 1093 तक टीम के कप्तान भी रहे। उनकी कप्तानी में टीम ने 26 वनडे और 14 टेस्ट मैच जीते। 1996 वर्ल्ड कप के बाद मियांदाद ने संन्यास ले लिया था, मियांदाद ने पाकिस्तान टीम की 3 बार कोचिंग भी की। सबसे पहले वो 1998 में टीम के कोच बने। उनकी शुरुआत भी काफी अच्छी रही और टीम ने शरजाह कप जीता और भारत के खिलाफ पहला टेस्ट ड्रॉ खेला, लेकिन उन्होंने 1999 वर्ल्ड कप से पहले अपना इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद उन्हें 2000 में दोबारा कोच बनाया गया और टीम ने पहले शरजाह कप जीता और उसके बाद वेस्टइंडीज में ट्राई सीरीज़ भी अपने नाम की, लेकिन उसके अगले साल उन्हें मैच फिक्सिंग में शामिल होने के कारण टीम से निकाल दिया गया था। वो 2003 में वापस टीम में आए और फिर से शरजाह कप जीता, लेकिन 2004 में उनकी जगह बॉब वूलमर को 2004 में कोच बना दिया गया। वो 2012 में टीम के बल्लेबाज़ी सलाहकार के रूप में एक बार फिर जुड़े।