भारत के सबसे सफल कप्तानों और स्लिप फील्डर्स में से एक रहे वाडेकर ने टीम को जीत की आदत डाली। वो बल्लेबाज़ी करने नंबर तीन पर आते थे और उन्होंने 37 टेस्ट में 2000 से ज्यादा रन बनाए। इसके अलावा उनकी कप्तानी में टीम ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में पहली सीरीज़ जीती। उन्होंने टीम की 16 टेस्ट में कप्तानी की जिसमें से भारत ने 4 टेस्ट जीते। उन्होंने अपना आग़ाज़ 25 साल की उम्र में 1966 में किया था और वो 1974 तक खेले, उसके बाद वो वाडेकर ने संन्यास ले लिया। उसके बाद उन्होंने 1992 में टीम में कोच के रूप में वापसी की और उनके जोड़ीदार बने टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन। उनके कोचिंग के दौरान टीम ने इंग्लैंड को 3-0 से शिकस्त दी, उसके अलावा भारत 1992 से लेकर 1994 तक टेस्ट में एक भी मैच नहीं हारी थी। कपिल देव एक और ऐसे वर्ल्ड कप विजेता कप्तान थे, जिन्होंने इंडिया की कोचिंग की, हालांकि वो कोच के रूप में सफल नहीं रहे।