#2 उमेश यादव
टीम इंडिया को हमेशा से एक अच्छे तेज़ गेंदबाज़ों की तलाश रही है। साल 2008-09 के घरेलू सीज़न में उमेश यादव 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंकते थे। उन्होंने साल 2010 में भारतीय वनडे टीम में जगह हासिल कर ली थी। बाद में वो टेस्ट प्लेयर भी बन गए थे। हांलाकि धोनी की कप्तानी में वो उतने बेहतर गेंदबाज़ नहीं बन पाए जितनी उनसे उम्मीद की जा रही थी। टेस्ट क्रिकेट में वो विकेट के लिए जद्दोजहद करते देखे गए। विदेशी दौरे पर उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा था। धोनी की कप्तानी में वो भले ही उतने ज़्यादा नहीं उभर पाए थे लेकिन विराट कोहली ने उमेश को भरपूर मौक़ा दिया और वो टीम इंडिया के घातक गेंदबाज़ बन गए और टेस्ट मैच में उन्होंने काफ़ी कामयाबी हासिल की।
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