2007 का साल दोनों भारत और पाकिस्तान के लिए मिला जुला रहा। जहां दोनों ही टीमे 2007 वर्ल्ड कप के पहले ही राउंड में हारकर बाहर हो गई। हालांकि दो महीने बाद दोनों ही पड़ोसी देश ने ज़बरदस्त वापसी की और साउथ अफ्रीका में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में जगह बनाई। गौतम गंभीर के 54 गेंदो पर 75 रनों की बदौलत, इंडिया ने 157 रनों का स्कोर खड़ा किया। उसके जवाब में पाकिस्तान ने मोहम्मद हफीज़ और कामरान अकमल का विकेट जल्दी गवां दिया था, लेकिन उसके बाद टीम ने अपनी पारी संभाली और लक्ष्य की तरफ आगे बड़े और एक समय तो ऐसा लग रहा था कि मिस्बाह उल हक़ पाकिस्तान को यह फ़ाइनल जिता देंगे। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन की दरकार थी। हालांकि पाकिस्तान के पास सिर्फ एक विकेट हाथ में था। पहली गेंद वाइड डालने के बाद, जोगिंदर शर्मा ने मिस्बाह को अगली गेंद पर बीट करा दिया, ओवर की दूसरी गेंद पर मिस्बाह ने लॉन्ग ऑफ के ऊपर सीधा छक्का मार दिया। आखिरी तीन गेंदो पर पाकिस्तान को जीतने के लिए चाहिए थे 6 रन, मिस्बाह ने अगली गेंद पर स्कूप शॉट खेला और गेंद डीप फ़ाइन लेग पर गई और वहाँ खड़े श्रेशांत ने कैच को पकड़ लिया। उस कैच की वजह से भारत 2007 का टी-20 विश्व कप अपने नाम कर पाया।