2002 के चम्पियंस ट्रॉफी के पहले सेमी फ़ाइनल में भारत का सामना हुआ साउथ अफ्रीका से, जोकि खेला गया आर प्रेमदासा स्टेडियम में। भारत के कप्तान सोरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया। भारत ने वीरेंदर सहवाग के 59 रन और युवराज सिंह के 62 रनों की बदौलत टीम ने 261 रनों का स्कोर खड़ा किया। रनों का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम एक समय एक विकेट के नुकसान पर 192 रन बना लिए थे और लगभग फाइनल जीतने के करीब पहुँच गया। उन्होंने बस अपने कप्तान ग्रीम स्मिथ का विकेट गवांया था। उनके लिए हर्षल गिब्स 116 रन बनाकर और जैक कैलिस 97 रन बनाकर खेल रहे थे, उनको जीतने के लिए 71 गेंदो पर 68 रन की दरकार थी और उनके पास अभी भी 9 विकेट हाथ में थे। हालांकि लक उस समय भारत के साथ था और गिब्स रिटायर्ड हर्ट हो गए। हालांकि जो बल्लेबाज़ उनके बाद बैटिंग करने आए, वो टीम को जीत नहीं दिला सके। मैच का पासा तब पलटा, जब हरभजन की गेंद पर जॉनटी रोड्स ने गेंद को स्वीप किया, लेकिन वो उसे टाइम नहीं कर पाए और युवराज ने डाइव करते हुए शानदार कैच पकड़ा और टीम की उम्मीदे मैच में जीवित रखी। उसके बाद मैच में ऐसा ट्विस्ट आया कि साउथ अफ्रीका की टीम ने लगातार अंतराल पर विकेट गवां दिए और अंत में वो सिर्फ 6 विकेट पर 251 रन ही बना सकी। इंडिया ने बाद में जाकर श्रीलंका के साथ ट्रॉफी को जीता, क्योंकि दोनों टीमों के बीच होने वाला फ़ाइनल बारिश में धुल गया।