1983 में वर्ल्ड कप ने भारत की क्रिकेट की दिशा और दशा दोनों बदलकर रख दी। कपिल देव की कप्तानी वाली इंडियन टीम, टूर्नामेंट की अंडर डॉग थी और जब वो फ़ाइनल में पहुंचे, तो सब काफी हैरान हुए थे। भारत ने वेस्ट इंडीज के सामने 184 रनों का लक्ष्य रखा। भारत के शुरुआती गेंदबाज मदन लाल और बलविंदर संधु ने शानदार शुरुआत की और गॉर्डन ग्रेनेज को 1 रन पर और डेस्मंड हेन्स को 13 रन पर आउट कर दिया। हालांकि विव रिचर्ड्स उस समय 33 रन बनाकर खेल रहे थे, जिमसे 7 चौके शामिल थे और वो कभी भी मैच को पलट सकते थे। भारत को अगर यह मैच जीतना था, तो उसे कुछ अलग करने की ज़रूरत थी। कप्तान कपिल देव ने इसकी ज़िम्मेदारी खुद उठाई और विव रिचर्ड्स का एक शानदार कैच पकड़ कर उन्हें आउट कर दिया। कपिल देव मिड-विकेट पर खड़े थे और उन्होंने पीछे जाते हुए एक शानदार कैच पकड़ा और उसके बाद भारत की क्रिकेट का मानों चेहरा ही बदल गया। लेखक- रुद्रनिल, अनुवादक- मयंक महता