साल 2011 में रिकी पोंटिंग भारत में विश्वकप को डिफेंड करने आये थे। जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 1999 से लेकर 2007 तक अपने पास बरकरार रखा था। पोंटिंग उस समय अपनी बल्लेबाज़ी और कप्तानी के लिए लगातार आलोचना के शिकार थे। लेकिन उनकी टीम किसी तरह से क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने में कामयाब हो गयी थी। लेकिन क्वार्टरफाइनल में उनका मुकाबला टूर्नामेंट की फेवरिट भारत से था। लेकिन इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने मोर्चे से अगुवाई करते हुए बेहतरीन बल्लेबाज़ी की और शतकीय पारी खेली। वाटसन और हैडिन के जल्द आउट होने की वजह से मध्यक्रम में कप्तान को जल्दी मैदान पर उतरना पड़ा। लेकिन पोंटिंग स्पिन के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाज़ी की। उन्होंने युवराज के 33 गेंदों पर 33, हरभजन के 27 गेंदों में 22 और अश्विन के 9 गेंदों पर 8 रन बनाये थे। पंटर ने इस मैच में 118 गेंदों में 104 रन की पारी खेली थी। जिसकी मदद से ऑस्ट्रेलिया ने किसी तरह से 260 रन का स्कोर बनाया था। जिसे भारत ने युवराज के 57 रन के बदौलत 48 ओवर में ही जीत लिया था। भारत भले ही ये मुकाबला जीता हो लेकिन पोंटिंग ने एक बार फिर ये साबित किया कि वह भारत के खिलाफ हमेशा अच्छा खेले हैं।