टीम इंडिया आगामी इंग्लैंड दौरे के लिए तैयार है और टीम वनडे प्रारूप में अपना प्रभुत्व बढ़ाने की सोच रही होगी। आखिरी बार टीम इंडिया ने पिछले साल इंग्लैंड का दौरा किया था। 2017 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। केएल राहुल, दिनेश कार्तिक, उमेश यादव और सिद्धार्थ कौल ने हाल ही में समाप्त हुए आईपीएल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। नतीजतन, उन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह मिली है। सीमित ओवरों के मैचों में यह खिलाड़ी कप्तान कोहली के भरोसे पर खरा उतरना चाहेंगे। इस दौरे में किया गया अच्छा प्रदर्शन, खिलाड़ियों को विश्व कप का टिकट दिला सकता है। इसके अलावा टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया के दौरे और अगले वर्ष होने वाले विश्व कप से पहले भारत के सामने यह 5 चुनौतियां होंगी:
मध्य-क्रम की परेशानी
पिछले लगभग 36 महीनों में टीम इंडिया के लिए मध्य-क्रम सबसे ज़्यादा चिंता का विषय रहा है। भारतीय टीम ने नंबर 4 पर 11 बल्लेबाजों को खिलाया है, लेकिन कोई भी खिलाड़ी इस नंबर पर अपना स्थान पक्का नहीं कर सका है। मनीष पांडे, अजिंक्य रहाणे, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, युवराज सिंह जैसे बल्लेबाज़ों को इस स्थान पर खिलाया गया है। वर्तमान समय में पांडे, रहाणे और युवराज को आगामी इंग्लैंड दौरे के लिए भारत की वनडे टीम में शामिल नहीं किया गया है, जबकि केएल राहुल न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम से बाहर बैठने के बाद वापसी कर रहे हैं। इस बार, चयनकर्ताओं ने टीम इंडिया के मध्य क्रम के लिए केएल राहुल, दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज़ों पर भरोसा दिखाया है। टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ से पहले नंबर 4 पर भरोसेमंद बल्लेबाज की तलाश करना एक चुनौतीपूर्ण काम होगा।
ओपनिंग स्लॉट - रोहित शर्मा या केएल राहुल
वर्ष 2017 रोहित शर्मा के लिए सबसे बेहतरीन वर्ष रहा है। उन्होंने पिछले वर्ष लगभग हर वनडे टूर्नामेंट में कम से कम एक शतक ज़रूर लगाया है। 2017 में खेले गए अपने 21 मैचों में उन्होंने कुल 1293 रन बनाए, जिसमें 6 शतक शामिल थे। इसके अलावा वह एकदिवसीय मैचों में कप्तान विराट कोहली के बाद दूसरे सबसे बड़े रन-स्कोरर रहे थे। श्रीलंका के खिलाफ शानदार दोहरा शतक उनके वनडे करियर का तीसरा दोहरा शतक था और ऐसा करने वाले वह दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज़ बन गए थे। लेकिन 2018 में रोहित अपना शानदार प्रदर्शन जारी नहीं रख पाए और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 6 मैचों में उन्होंने केवल 170 रन बनाए, जिस में 115 रन उनका सर्वाधिक स्कोर था। आईपीएल में खेले गए 14 मैचों में उनके 286 रन, उनकी प्रतिभा को नहीं दर्शाते। वहीं दूसरी तरफ, केएल राहुल ने सलामी बल्लेबाज के रूप में आईपीएल में ज़बरदस्त प्रदर्शन किया है। 14 मैचों में 659 रनों के साथ वह आईपीएल 2018 में तीसरे सबसे बड़े रन स्कोरर रहे। हालांकि शिखर धवन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ और आईपीएल, दोनों में शानदार प्रदर्शन किया है और इंग्लैंड दौरे में हम दोनों बल्लेबाज़ों को पारी की शुरूआत करते देख सकते हैं।
एमएस धोनी का फ़ॉर्म
पूर्व भारतीय कप्तान के लिए आईपीएल का यह सीज़न सबसे बढ़िया रहा और उन्होंने बल्लेबाज़ के तौर अपने आईपीएल करियर के सबसे अधिक रन बनाए। बल्लेबाज के रूप में उनका यह सर्वश्रेष्ठ आईपीएल था, जिसमें उन्होंने 16 मैचों में 75.83 की औसत से 455 रन बनाए। एक समय जब एक बल्लेबाज़ के तौर पर उनकी आलोचना हो रही थी, धोनी ने शानदार प्रदर्शन कर अपने आलोचकों का मुँह बंद करा दिया। वहीं मौजूदा समय की बात करें तो धोनी इंग्लैंड दौरे में टीम इंडिया के सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी होंगे और इसके अलावा वह इंग्लैंड की परिस्थितियों से भली-भांति परिचित हैं। उनके अनुभव का लाभ टीम इंडिया को मिलेगा। अपनी चुस्त विकेटकीपिंग के अलावा, निम्न मध्य क्रम में एक फिनिशर के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हाल ही में धोनी ने पिच पर अधिक समय बिताने की इच्छा ज़ाहिर की है, ऐसे में देखना होगा कि वह इंग्लैंड के खिलाफ किस क्रम पर बल्लेबाज़ी करते हैं। उन पर युवा और अनुभवहीन भारतीय मध्य क्रम को मजबूती प्रदान करने की जिम्मेवारी होगी। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं, धोनी जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ का टीम में होना वनडे श्रृंखला में भारतीय टीम के भाग्य का फैसला कर सकता है।
पांचवां गेंदबाज़
कप्तान कोहली के लिए पांचवें गेंदबाज का सही विकल्प ढूंढ़ना उनके लिए चिंता का विषय होगा क्योंकि वह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ में अपने विजयी रथ को रुकने नहीं देना चाहते होंगे। ऐसे में टीम के आलराउंडर हार्दिक पांड्या एक बढ़िया विकल्प साबित हो सकते हैं। पांड्या टीम में एक सीम ऑलराउंडर की कमी पूरी कर सकते हैं। हालांकि, पांड्या कई मौकों पर महंगे साबित हुए हैं और वह एक विशेषज्ञ गेंदबाज़ भी नहीं हैं, ऐसी स्थिति में अगर सुरेश रैना को अंतिम ग्यारह में मौका दिया जाता है तो वह भी एक उपयोगी गेंदबाज़ साबित हो सकते हैं। इससे पहले रैना ने धोनी की कप्तानी में कई बार गेंदबाज़ी में अच्छा प्रदर्शन किया है और टीम के लिए नाज़ुक मौकों पर अहम विकेट निकाले हैं। आपको बता दें रैना ने आखिरी बार भारत के इंग्लैंड दौरे में 4 मैचों में 4.68 की इकोनॉमी रेट से 4 विकेट लिए थे। कप्तान कोहली पर इन दोनों खिलाड़ियों में से किसी एक को पांचवें गेंदबाज़ के रूप में टीम में शामिल करने की चुनौती होगी।
गेंदबाज़ी संयोजन
भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की जोड़ी ने 2017 में इंग्लैंड में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। दोनों गेंदबाज़ों ने पिछले कुछ समय से अपने खेल के स्तर को ऊँचा उठाया है और अब यह जोड़ी वनडे और टी-20 में भारत की नियमित गेंदबाज़ी जोड़ी है। वे बल्लेबाजों को नई गेंद के साथ-साथ डेथ ओवरों में भी परेशान कर सकते हैं। भुवनेश्वर और बुमराह की स्विंग और यॉर्कर्स कराने की क्षमता उन्हें इंग्लैंड की पिचों पर और भी घातक गेंदबाज़ बना देगी। युजवेन्द्र चहल और कुलदीप यादव की स्पिनर जोड़ी भी भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को और धारदार बनाती है। दोनों बाएं और दाएं हाथ के यह स्पिन गेंदबाज कप्तान कोहली के भरोसेमंद गेंदबाज़ साबित हुए हैं। ग़ौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला में दोनों ने कुल 33 विकेट लिए और भारत को वनडे सीरीज़ जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा कप्तान कोहली एक अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर उमेश यादव या सिद्धार्थ कौल में से किसी एक को टीम में शामिल कर सकते हैं। लेखक: ईशान जोशी अनुवादक: आशीष कुमार