हर साल आईपीएल हमें दो महीने के लिए लगातार मनोरंजन का साधन देता है, जिसमें कुछ ऐसे शानदार प्रदर्शन शामिल होते हैं जिन पर नजरें टिक जाती हैं। इस लीग ने भारतीय युवा क्रिकेटरों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान किया है जिसकी बदौलत वह अपनी प्रतिभा को दिखा सकते हैं और राष्ट्रीय टीम में चयन होने का एक मौका उठा सकते हैं। कई खिलाड़ियों ने अपने आईपीएल प्रदर्शन से एक अच्छा प्रभाव डाला और राष्ट्रीय टीम में अपना रास्ता बना लिया। आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स बिना किसी शक के पहले दशक में सबसे शानदार टीम रही है और उसने अपने खिलाड़ियों को एक आदर्श मंच दिया है। पूर्व भारत के कप्तान एमएस धोनी, पूर्व मुख्य चयनकर्ता क्रिस श्रीकांत और बीसीसीआई के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के शामिल होने से सीएसके भारतीय टीम के लिए एक आदर्श लॉच प्लेटफॉर्म साबित हुई है। आईये नजर डालते हैं उन पांच खिलाड़ियों पर जिन्होंने सीएसके की तरफ से खेलते हुए आईपीएल में छोड़े गये अपने प्रभाव के कारण भारतीय टीम में जगह बनायी।
#1 रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन वर्ष 2010 में तब प्रसिद्ध हुए जब एमएस धोनी ने पॉवर प्ले ओवरों में इस ऑफ स्पिनर का प्रयोग करते हुए अच्छा प्रभाव डाला। उस साल दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज ने प्रभावशाली आंकड़ों का प्रदर्शन किया। अश्विन ने सीएसके के लिए 12 आईपीएल मैचों में 13 विकेट लिए और वहीं चैंपियंस लीग टी-20 के 6 मैचों में ही इतने विकेट हासिल किए। सीएसके ने वह दोनों खिताब जीते और अश्विन को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया, इस प्रकार उन्हें राष्ट्रीय टीम में बुलावा आ गया। यह उल्लेखनीय है कि इन सभी विकेटों को लेने के लिए उसका इकॉनमी रेट 6.23 का रहा। जब टीम के नियमित स्पिनर हरभजन सिंह को आराम दिया गया, तब सीमित मौको का फायदा उठाते हुए उन्होंने अच्छी सफलता हासिल की और टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की की और 2011 में भारत की विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य बने। उस जीत के बाद तमिलनाडु के स्पिनर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम कमाया। उन्होंने न सिर्फ विकटों का ढेर लगाया बल्कि उन्होंने भारतीय पिचों पर स्पिन गेंदबाजी की कला में महारत हासिल की थी और बल्लेबाजी में भी योगदान दिया, जिसने उन्हें क्रिकेट के सभी प्रारूपों में भारतीय टीम का मुख्य अंश बना दिया। कई मील के पत्थर हासिल करने के बाद और कई रिकॉर्ड अरने नाम करने वाले अश्विन अभी भी खुद में परिवर्तन करके नए पन की तलाश में रहते हैं। वर्तमान में वह एक टीम के कप्तान की नई भूमिका में हैं क्योंकि वह आईपीएल 2018 में किंग्स-XI पंजाब टीम की अगुआई कर रहे हैं। अब तक 12 मैचों में जिनमें से 6 में उनकी टीम जीती है, उन्होंने 59.33 के औसत से केवल 6 विकेट लिए और उनका इकॉनमी रेट 8.15 की रही है। हालांकि, जब तक उनके कुशल नेतृत्व और चतुर कप्तानी पंजाब को जीतने में मदद करती हैं, तब तक प्रबंधन उनके ऊपर विश्वास रखेगा।
#2 मुरली विजय
34 वर्षीय तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय घरेलू सर्किट में एक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज़ रहे हैं लेकिन उन्हें आईपीएल को अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए श्रेय देना होगा। 2009 में अपने टेस्ट करियर की एक अनजान शुरुआत के बाद विजय ने आईपीएल के 2015 संस्करण का पूरा फादया उठाया और उन्होंने 15 मैचों में 458 रन बनाये। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका स्ट्राइक रेट 156.84 का रहा और इसमें 127 का उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर शामिल था। 2010 के आईसीसी विश्व टी-20 के लिए उन्हें भारतीय टीम में चुना गया था, लेकिन वह सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी जगह नहीं बना सके। वह 2011 में सीएसके के लिए अच्छे साबित हुए और साथ ही उन्होंने 434 रन बनाए और फाइनल में उन्होंने 95 रन की मैच विनिंग पारी खेलते हुए टीम को जिताया और मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया। हालांकि, टी-20 के स्तर पर सफलता के कारण उनका लाल गेंद से ध्यान भटका दिया जिससे टेस्ट टीम से उनको निकाल दिया गया। बाद में अपनी बल्लेबाजी तकनीक में कुछ बदलाव करके और गेंद को खेलने की कला सीखने के बाद उन्होंने टेस्ट टीम में मजबूत वापसी की, सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी जगह बना ली। डेयरडेविल्स और पंजाब के साथ अच्छे कार्यकाल के बाद विजय की घर वापसी हो चुकी है क्योंकि वह इस साल एक बार फिर से चेन्नई गैंग का हिस्सा हैं। हालांकि उन्हें इस वर्ष खेलने अभी तक केवल एक मैच खेलने को मिला है और जिसमें वह केवल 12 रन बना सके हैं। वह भारत के सबसे भरोसेमंद ओपनिंग बल्लेबाज हैं और उनका शांत स्वभाव उन्हें आने वाले विदेशी सीरीज़ में मदद करेगा।
#3 मोहित शर्मा
हरियाणा के मध्यम तेज गेंदबाज मोहित शर्मा 2013 आईपीएल सत्र में तब उभर कर सामने आये जब उन्होंने 15 मैचों में सीएसके के लिए 20 विकेट झटके वो भी केवल 16.29 की औसत के साथ। उनकी इकॉनमी रेट 6.43 की थी जिसमें पावर प्ले और डेथ ओवर शामिल थे, जो कि शानदार थी। उसके बड़े प्रयासों की मदद से सीएसके फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा, जहां उसे मुंबई के हाथों हार का सामना करना पड़ा। मोहित को सफल रणजी सीजन के बाद सीएसके द्वारा अनुबंधित किया गया था, जहां उन्होंने 7 मैचों में 37 विकेट चटकाए थे। अपनी धीमी गेंद को बहुत प्रभावशाली ढंग से इस्तेमाल करते हुए ज्यादातर बल्लेबाजों को परेशान किया था। उसकी कड़ी मेहनत का ईनाम 2013 में जिम्बॉवे टूर के लिए टीम इंडिया में जगह पाकर मिला। इसके साथ ही उनकी शुरुआत काफी यादगार रही क्योंकि वह अपने पहले वनडे में मैन ऑफ द मैच से सम्मानित होने वाले दूसरे भारतीय बने। इसके बाद, हरियाणा तेज गेंदबाज राष्ट्रीय टीम में नियमित रहे और उस भारतीय टीम के सदस्य थे जिन्होंने 2014 आईसीसी विश्व टी-20 और 2015 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में भाग लिया था। 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मुंबई में खेला गया मैच उनके भारतीय टीम की तरफ से आखिरी दौर साबित हुआ जिसमें उन्होनें मेहमान टीम पर रन लुटाते हुए 7 ओवर में 84 रन दे डाले। हालांकि, वह अभी भी आईपीएल का सक्रिय हिस्सा है, किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेले हैं। सीज़न की शुरुआत में खेले गये चार मैचों में वह काफी अप्रभावी साबित हुए क्योंकि 11.35 की महंगी इकॉनमी रेट के साथ सिर्फ 5 विकेट लिए। टीम ने बाद में अंकित राजपूत की तरफ ध्यान दिया, जो 4 मैचों में 7 विकेट लेकर टीम के लिए बेहतरीन साबित हुए।
#4 पवन नेगी
दिल्ली के क्रिकेटर पवन नेगी ने पहली बार आईपीएल में 2012 और 2013 सत्रों में दिल्ली के लिए खेलते हुए कम सफलता हासिल की थी। उसे 2014 के संस्करण के लिए सीएसके द्वारा चुना गया, धोनी ने प्रभावी ढंग से उसकी नियंत्रित गेंदबाजी का प्रयोग करते हुए रनों पर लगाम लगाने में उपयोग किया। इतना ही नहीं वह अपनी बड़े बड़े छक्कों की मदद से पिच हिटर के रूप में सामने आया और ताबड़तोड़ पारियां खेलीं। 2014 चैंपिंयस लीग टी-20 में नेगी ने 2 मैचों में 7 विकेट झटके जिसमें केकेआर के खिलाफ डाला गया 5/22 का जादुई स्पेल भी शामिल है। यह लीग में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़ा था। उन्हें 2016 एशिया कप और आईसीसी विश्व टी-20 के लिए भारत टीम के लिए बुलाया गया जिसके परिणामस्वरूप आईपीएल में उनकी कीमतों पर काफी बढ़ावा हुआ और 2016 के संस्करण के लिए दिल्ली ने 8 करोड़ खर्च कर दिए। उन्होंने एशिया कप में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ भारत के लिए सिर्फ 1 टी-20 मैच खेला और एक विकेट लिया। उनका दोबारा राष्ट्रीय टीम के लिए चयन नहीं किया गया। वह आईपीएल में आरसीबी का हिस्सा रहे है, जहां वह शायद ही कभी प्लेइंग जगह बना पाते हैं। इस सीजन में उन्हें दो मैच खेलने को मिले है जिसमें उन्होंने एक विकेट लिया हैं 12.25 प्रति ओवर की दर से।
#5 मनप्रीत गोनी
पंजाब के तेज गेंदबाज मनप्रीत गोनी 2008 में आईपीएल के शुरुआती लाभार्थियों में से एक थे। सीएसके के लिए खेलते हुए गोनी ने 15 मैचों में 17 विकेट लेकर टूर्नामेंट को सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के रूप में खत्म किया। उन्होंने बल्ले के साथ भी योगदान दिया और निचले क्रम पर कई बार टीम की जरुरत के अनुसार अपने हाथ खोले। एक मजबूत घरेलू प्रदर्शन के साथ सीएसके के साथ बेहतरीन कार्यकाल ने उन्हें 2008 एशिया कप के लिए भारतीय टीम में प्रवेश करने में मदद की, जहां वह दो मैचों में टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बने। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे मैच में दो विकेट लिए, लेकिन 8 ओवरों में 65 रन दे डाले और जिसके बाद में राष्ट्रीय टीम से बाहर हो गए। उन्होंने आईपीएल में खेलना जारी रखा, विभिन्न संस्करणों में डेक्कन चार्जर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और गुजरात लॉयन्स के लिए खेले लेकिन शायद ही कोई प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहे। वह 2018 संस्करण की आईपीएल नीलामी में बिना बिके रह गये। लेखक- कुशाग्र अग्रवाल अनुवादक- सौम्या तिवारी