आईसीसी ने साल 2004 में अपने वार्षिक पुरस्कार देने का ऐलान किया और तब से आईसीसी हर साल सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत और टीम के प्रदर्शन को पुरस्कृत करता है। आईसीसी पुरस्कारों में 'इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर' उन महत्वपूर्ण श्रेणियों में से एक है। जिसमें उस युवा और उभरते खिलाड़ी को पुरस्कार से नवाजा जाता है जिसने पिछले 12 महीनों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में फखर जमान ने शानदार 100 रन बनाए थे, ट्रैविस हेड ऑस्ट्रेलिया के लिए शानदार रहे थे। 21 वर्षीय एंडिले फेंलुकवायो ने दक्षिण अफ्रीका को सीमित ओवरों की सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वेस्टइंडीज के अल्ज़ारी जोसेफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बढ़िया युवा तेज गेंदबाज बनकर उभरे। ये प्रदर्शन बहुत शानदार रहे लेकिन इस लेख में उन युवा सितारों के बारें में बात कर रहे हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन से क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया । आईये नजर डालते हैं उन खिलाड़ियों पर जो इस साल जीत सकते हैं इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब- मानदं़: इस पुरस्कार के लिए पात्र खिलाड़ी अवधि (21 सितंबर 2016) की शुरुआत में 26 वर्ष से कम उम्र के होने चाहिए और उस तिथि से पहले पांच से अधिक टेस्ट/ या 10 वनडे नहीं खेला हो। #5 कुलदीप यादव उत्तर प्रदेश के स्लो लेफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाज ने मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की और टेस्ट क्रिकेट में भारत की राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले स्लो लेफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाज बने। भारतीय क्रिकेट के इस उभरते हुए सितारे ने अपनी ताकत के दम पर टीम इंडिया के लिए सीमित ओवर में अपनी जगह पक्की कर ली है। कुलदीप के पास शानदार विविधता है और बल्लेबाज को हवा में ही चकमा देने की क्षमता है। अपने छोटे से करियर में कुलदीप ने अबतक 33 अंतरराष्ट्रीय विकेट ले लिये हैं। कुलदीप ने लेग स्पिनर यजुवेन्द्र चहल के साथ अपनी साझेदार बनायी है और यह जोड़ी इस समय क्रिकेट की सबसे खतरनाक स्पिन जोड़ी साबित हो रही है।
शादाब खान ने 18 साल की उम्र में अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की टी 20 से शुरुआत की थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले ही मैच में शादाब ने 4-0-7-3 से गेंदबाजी प्रदर्शन करके मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड जीत सबको प्रभावित किया। केवल 19 साल की उम्र में ही शदाब खान ने अब तक 12 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय, 1 टेस्ट और 7 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। अपने बेहद छोटे से करियर में उन्होंने 32 अंतरराष्ट्रीय विकेट अपने नाम कर लिए हैं। हालांकि, अभी भी उन्हें खुद को टेस्ट टीम में स्थापित करना बाकी है पर वह पाकिस्तानी टीम के लिए सीमित ओवरों में एक नियमित गेंदबाज हैं।
#3 मैट रेनशॉइंग्लैंड में जन्म लेने वाले इस ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एडिलेड में 20 साल की उम्र में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। उन्होंने 10 टेस्ट मैच खेले हैं और 623 रन बनाये हैं जिसमें एक बेहतरीन शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं, जो 37 की एक अच्छी औसत के साथ हैं। रेनशॉ एक विशिष्ट पुराने जमाने वाले क्रिकेटर है जिसमें लंबी पारी खेलने का स्वभाव है। इस 21 वर्षीय खिलाड़ी ने भारत के दौरे पर हर किसी को अपने धैर्य और टर्निंग ट्रैंक पर खेलने की निपुणता से सबको प्रभावित किया। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में एक बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरने के लिए नवंबर में होने वाली एशेज सीरीज रेनशॉ का सबसे बड़ा इम्तिहान होगी।
#2 हसन अलीपाकिस्तान के इस 23 वर्षीय तेज गेंदबाज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी शुरुआत के साथ ही क्रिकेट की दुनिया में तूफान सा ला दिया। उन्होंने पाकिस्तान को अपने पहले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खिताब दिलाने के लिए 5 मैचों में 13 विकेट झटके। हसन बॉल को स्विंग कर सकते हैं, खतरनाकर यॉर्कर डाल सकते हैं और लाइन व लेंथ के साथ सटीक बॉलिंग करते हैं। उन्होंने टूर्नामेंट को सर्वश्रेष्ठ विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में समाप्त किया और साथ ही मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी जीता। अगस्त 2016 में अपनी पहली शुरुआत के बाद से इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने 9.82 के औसत से 56 विकेट अपने नाम दर्ज किये हैं और 2017 में सबसे अधिक विकेट लेने से कुछ ही दूरी पर हैं। अपने करियर के शुरुआत करने के एक साल बाद ही वह आईसीसी की एकदिवसीय गेंदबाजी रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंच गए।
#1 पीटर हैंड्सकॉम्बउस समय जब ऑस्ट्रेलियाई मध्य क्रम माइकल क्लार्क की सेवानिवृत्ति के बाद एक बदलाव के दौर से गुजर रहा था तब उस दौरान विक्टोरिया के मध्य क्रम के बल्लेबाज पीटर हैंड्सकोम्ब को टेस्ट टीम में शामिल किया गया था। नवंबर 2016 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एडिलेड में टेस्ट मैच से अपनी पारी की शुरुआत की और पहली पारी में एक अर्धशतक और दूसरे टेस्ट में शतक बनाया। हैण्डकॉब ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 10 टेस्ट मैचों में 743 रन बनाए हैं, जिसमें 2 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं। रांची में भारत के खिलाफ 72 रन की नाबाद मैच बचाऊ पारी किसी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज द्वारा उस श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ पारी में से एक थी। उनके पास ठोस रक्षात्मक तकनीक है और वह ऑस्ट्रेलिया में स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ बेहतर खिलाड़ियों में से एक है।
लेखक- सुजीत मोहन अनुवादक- सौम्या तिवारी