उन दिनों क्लार्क का पारा घोषित करना बहुत सटीक साबित हो रहा था। पर उस मैच में ऐसा नहीं हुआ। पहला मैच धोनी के 224 रनों की बदौलत हारने के बाद दूसरा मैच ऑस्ट्रेलिया हैदराबाद में खेल रही थी। क्लार्क ने पहले दिन 85 ओवरों में 237/9 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी थी। गेंदबाज़ों के बढिया प्रदर्शन नहीं कर पाने की स्थिति में क्लार्क क्या करते यह सोचने वाली बात है। हुआ भी कुछ एेसा ही। सहवाग के आउट होने के बाद भी मुरली विजय और पुजारा ने दूसरे विकेट के लिए 370 रन की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया को पारी और 135 रनों से मैच हरा दिया। उसके बाद के अगले दोनों मैच भी ऑस्ट्रेलिया हार गई और सीरीज 4-0 से भारत के नाम हो गई।
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