CPL में खेलने वाले पांच खिलाड़ी जो टेस्ट में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं

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भारत से पहला टेस्ट एक पारी और 92 रन से हारने वाली वेस्टइंडीज की टीम अब सीरीज में दमदार वापसी करना चाहती है। अगर उसे वापसी करना है तो वह इस वर्ष कैरीबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टेस्ट खेलने का मौका दे सकती हैं। टूर्नामेंट में खेल रहे कई खिलाड़ी खुद को छोटे प्रारूप का विशेषज्ञ बना चुके हैं, लेकिन चुनिंदा खिलाड़ियों के प्रदर्शन न सिर्फ फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बल्कि टेस्ट में भी प्रभावी हैं। हम आज आपको सीपीएल में खेल रहे ऐसे 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो वेस्टइंडीज के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं : रवि रामपॉल रवि रामपॉल ने फर्स्ट क्लास से अधिक लिस्ट ए और टी20 मैच खेले हैं, लेकिन फर्स्ट क्लास में 200 से अधिक विकेट ले चुके तेज गेंदबाज लंबे प्रारूप के लिए कारगर साबित हो सकते हैं। टेस्ट में 50 शिकार पूरे करने से एक कदम दूर रामपॉल अपनी उपयोगिता साबित कर सकते हैं। भारत से अधिक रामपॉल से किसी विरोधी टीम के खिलाफ विकेट नहीं लिए हैं। उनकी वापसी के लिए यह भी एक वजह बन सकती है। अन्य बात यह है कि उनमें निरंतर एक लाइन पर गेंदबाजी करने की क्षमता है और वह कई मिश्रण भी करते हैं जो टीम के गेंदबाजी आक्रमण को धार दे सकता है। हालांकि रामपॉल ने आखिरी टेस्ट चार वर्ष पूर्व खेला था, लेकिन वेस्टइंडीज अगर अपने गेंदबाजी आक्रमण में धार बढ़ाना चाहती है तो वह दाएं हाथ के तेज गेंदबाज को मौका दे सकती है। रामनरेश सरवन ramnaresh-sarwan-1469879434-800 मौजूदा कैरीबियाई टेस्ट टीम के मध्यक्रम में अनुभव की कमी है। शिवनरेन चंदरपॉल के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद मध्यक्रम में ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं नजर आता जो परिस्थिति के हिसाब से खेले। ऐसे में 87 टेस्ट के अनुभवी बल्लेबाज रामनरेश सरवन का टेस्ट के लिए टीम में नहीं होना हैरानीभरा फैसला लगता है। सरवन ने 40 के लगभग की औसत से करीब 6,000 टेस्ट रन बनाए हैं। वह हाल ही में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ केस जीते हैं, लेकिन उनकी फिटनेस समस्या वापसी में बाधक बन सकती है। मगर सरवन के आंकड़े उनकी वापसी को सार्थक ठहराते हैं। 2011 से वेस्टइंडीज के लिए एक भी टेस्ट नहीं खेलने वाले रामनरेश सरवन पर टेस्ट में मौका देने का दांव भरी भी पड़ सकता है, लेकिन उन्हें अनुभव के आधार पर टीम में शामिल जरुर किया जा सकता है ताकि युवा खिलाड़ी उनसे सीखकर अच्छा प्रदर्शन करें। सुनील नरेन sunil-narine-1469879413-800 सीपीएल 2016 में एक खिलाड़ी जो छोटे प्रारूप का ही विशेषज्ञ माना जाता है तो वह और कोई नहीं बल्कि सुनील नरेन हैं। सीनियर करियर में 281 मैच खेलने वाले नरेन ने फर्स्ट-क्लास में सिर्फ 13 मैच ही खेले हैं। इसलिए उन्हें लंबे प्रारूप में मौका नहीं देने का दूसरा विचार मन में नहीं आता है। मगर उनके रिकार्ड्स उनकी वापसी को सार्थक ठहराते हैं। 13 मैचों में नरेन ने 65 विकेट लिए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनील ने 6 टेस्ट में 21 विकेट लिए। हालांकि उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ 2013 में खेला था, लेकिन नरेन में बल्लेबाज को परेशान करने की खास काबिलियत है। उन्हें दूसरा मौका देने में प्रबंधन को कोई दूसरा विचार लाने की जरुरत नहीं होगी। वेस्टइंडीज के पास लेग-स्पिनर मौजूद है, लेकिन वह एक अच्छे ऑफस्पिनर की तलाश में जरुर है क्योंकि ज्यादातर उसे पार्टटाइम स्पिनरों की मदद लेना पद रही है। नरेन की वापसी से वेस्टइंडीज की यह समस्या जरुर दूर हो सकती है। अल्जारी जोसफ alzarri-1469686962-800 अल्जारी को दूसरे टेस्ट के लिए टीम में जरुर चुना गया है, लेकिन अंतिम एकादश में उन्हें मौका नहीं मिला। अल्जारी अंडर-19 विश्व कप में वेस्टइंडीज के सबसे सफल गेंदबाज थे और उन पर चयनकर्ताओं की भी नजर अटकी हुई है। इस गेंदबाज की तारीफ पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज एंडी रोबर्ट्स, इयान बिशप और कर्टली अम्ब्रोस कर चुके हैं। वेस्टइंडीज प्रबंधन इस युवा गेंदबाज को विकसित कर सकता है ताकि भविष्य में वह बल्लेबाजों के लिए खतरा बने। जोसफ ने अंडर-19 विश्व कप में 150 केएमपीएच की गति से गेंदें फेंकी थी और उनमें बल्लेबाज को मुश्किल में डालने की काबिलियत दिखी थी। वेस्टइंडीज की टीम जोसफ को मौका देकर अपने गेंदबाजी आक्रमण में धार ला सकती है। क्रिस गेल chris-gayle-test-1469879498-800 क्रिस गेल निःसंदेह टी20 क्रिकेट के बादशाह हैं। फटाफट क्रिकेट के कई रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले 36 वर्षीय गेल वेस्टइंडीज के लिए टी20 टूर्नामेंट के खेल भी रहे हैं। विश्व की घरेलू टी20 टूर्नामेंट में गेल से खतरनाक कोई और बल्लेबाज शायद ही हो। खुद गेल भी कई बार स्वीकार कर चुके हैं कि वह टेस्ट खेलना चाहते हैं। 100 से अधिक टेस्ट खेल चुके तथा 42 की औसत से 7,000 टेस्ट रन बना चुके गेल सर्वश्रेष्ठ ओपनरों में से एक हैं। अब सवाल यह उठता है कि 2014 के बाद से वह एक भी टेस्ट क्यों नहीं खेले? गेल की बात पर प्रबंधन ध्यान दे तो उसे विश्व स्तरीय खिलाड़ी ओपनिंग करते दिखेगा जो टीम के लिए बहुत बेहतर साबित हो सकता है।