घरेलू क्रिकेट खेलने वाले हरेक खिलाड़ी को अपने देश की तरफ से खेलने के लिए मौके नहीं मिलते हैं। क्रिकेट के पॉवरहाउस देशों में राष्ट्रीय टीम में जगह पाना बढ़ा ही कठिन होता है। खासकर अगर इसकी तुलना एसोसिएट और एफिलिएट देशों से की जाए। हालांकि क्रिकेट में कई ऐसे मौके आये हैं, जब किसी एक खिलाड़ी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दो देशो के लिए खेला है। इनमे कईयों ने अपने देश के लिए खेला और बाद में दूसरे देश की नागरिकता लेकर उनके लिए भी खेला। इसके अलावा कई खिलाड़ी दोबारा अपने देश के लिए वापस आकर खेले हैं। आइये आज हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अपने देश की राष्ट्रीयता छोड़कर दूसरे देश के साथ हो लिए: #1 केप्लेर वेसेल्स केप्लर वेसेल्स को 1990 में दक्षिण अफ्रीका के विश्व क्रिकेट में वापसी करने के बाद वहां के कप्तान के तौर पर याद किया जाता है। हालांकि प्रोटियाज़ की तरफ से खेलने से एक दशक पहले केप्लर 4 साल तक ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा रहे थे। केप्लर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 24 टेस्ट और 54 वनडे मैच खेले थे। 1985 में केप्लर ने संन्यास ले लिया जिसके 6 साल बाद उन्होंने अपनी गृह टीम दक्षिण अफ़्रीका में वापसी की। वेसेल्स ने 1991 और 1994 के बीच प्रोटियाज़ के लिए 16 टेस्ट और 55 वनडे खेले थे। उनके संन्यास के बाद हैन्सी क्रोनिये ने दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी संभाली।#2 इयोन मोर्गन इंग्लैंड के मौजूदा समय के सीमित ओवर के कप्तान इयोन मोर्गन अच्छे करियर का मज़ा ले रहे हैं। हालांकि डबलिन में पैदा हुए इस क्रिकेटर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले आयरलैंड की तरफ से अपना करियर शुरू किया था। साल 2006 से 2009 के बीच मोर्गन आयरिश टीम के लिए 23 वनडे मैच खेले थे। इसके अलावा वह 2007 आईसीसी विश्वकप में आयरिश टीम का हिस्सा थे। बड़े स्तर पर क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने के लिए मोर्गन ने साल 2009 में इंग्लैंड की तरफ से खेलना शुरू किया। इंग्लैंड के लिए मोर्गन ने अब तक 16 टेस्ट और 139 वनडे खेले हैं। साथ ही वह इस वक्त इंग्लैंड के लिमिटेड ओवर कप्तान भी हैं।#3 रोलोफ़ वान डर मर्व आलराउंडर रोलोफ़ वान डर मर्व जोहान्सबर्ग में पैदा हुए थे और उन्होंने अपना जयादातर घरेलू क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका में खेला था। साल 2009 में मर्व ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोटियाज़ के लिए टी-20 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था। उसके बाद वह कुछ समय साउथ अफ़्रीकी वनडे टीम का भी हिस्सा थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी टीम से 13 वनडे और 13 टी-20 मैच खेले हैं। साल 2015 में वह नीदरलैंड की टीम में शामिल हो गये। क्योंकि उन्हें अफ्रीका की तरफ से 5 साल तक कोई मैच खेलने को नहीं मिला। नीदरलैंड की तरफ से उन्होंने अबतक 8 टी-20 मैच खेले हैं। इसके अलावा वह हाल ही में 2016 में हुए टी-20 वर्ल्डकप के क्वालीफाइंग मुकाबलों में खेलते हुए दिखायी दिए थे।#4 अब्दुल हफ़ीज़ कारदार अब्दुल हफीज कारदार एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए टेस्ट मैच खेला था। कारदार पंजाब प्रान्त के लाहौर में पैदा हुए थे। आज़ादी के पहले वह भारत का हिस्सा था। 1946 में कारदार इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे और उन्होंने भारत के लिए 3 टेस्ट मैच खेले थे। 1948 में पाकिस्तान के निर्माण के बाद कारदार पाकिस्तान की तरफ से खेलने लगे और 1952 में भारत के खिलाफ दिल्ली में अपना डेब्यू किया। वह पाकिस्तान के पहले कप्तान भी थे। 1952 और 1958 में उन्होंने पाकिस्तान के लिए 23 टेस्ट खेले थे। अब्दुल हफीज कारदार पाकिस्तानी क्रिकेट इतिहास के आइकॉन के रूप में प्रचलित हैं।#5 डर्क नैनस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज़ डर्क नैनस ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए थे। साल 1999 से वह प्रोफेशनल क्रिकेट में एक्टिव हैं। ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट में पदार्पण करने से पहले नैनस कई क्लबों से जुड़े रहे। हालांकि उन्हें चयनकर्ताओं ने अनदेखा कर दिया तो वह नीदरलैंड की टीम से जुड़ गये। नैनस ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच आईसीसी वर्ल्डकप में डच टीम की तरफ से खेला था। उसके बाद वह एक ही मैच में और नजर आये थे। और जल्द ही उन्हें अपने देश ऑस्ट्रेलिया की सीमित ओवर की टीम में चुन लिया गया। इस तेज गेंदबाज़ ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से छोटे करियर में एक वनडे और 15 टी-20 मैच खेले हैं। लेखक: अभिनव मेसी, अनुवादक: जितेंद्र तिवारी