क्रिकेट उन खेलों में से एक हैं, जो कि काफी देशों में खेला जाता है, लेकिन ऐसे कुछ ही देश हैं, जिन्हें इस खेल में महारथ हासिल हैं। हमेशा यह देखा गया है कि आज तक कई टीमों में ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिनका प्रदर्शन शानदार रहा हो। हालांकि क्रिकेट को हमेशा ही टीम गेम कहा जाता हैं और कभी भी एक खिलाड़ी का प्रदर्शन टीम को सफल नहीं बना सकता
क्रिकेट में हमने हमेशा ऐसे कई सुपरस्टार्स देखे हैं, जिनका प्रदर्शन शानदार रहा हो, लेकिन उनकी बुरी किस्मत कहे कि वो कभी भी किसी अच्छी टीम का हिस्सा नहीं रहे। उन खिलाड़ियों की काबिलियत, इस खेल की समझ और निरंतरता, आसानी से उनको किसी भी अच्छी टीम में जगह दिला सकती थी।
आइये नज़र डालते हैं 5 ऐसे क्रिकेटर्स पर, जो किसी दूसरी टीम में आसानी से जगह बना सकते थे:
1- ब्रैंडन टेलर(ज़िम्बाब्वे)
ज़िम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रैंडन टेलर जिनका वनडे क्रिकेट में प्रदर्शन शानदार रहा, उन्होंने अपने करियर में 196 वनडे मुकाबलों में6326 रन बनाए। टेलर ने अपने करियर में 10 शतक और 38 अर्धशतक भी लगाए। इसी बीच उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 145 रनों का रहा है।
वो ज़िम्बाब्वे की तरफ से लगातार दो शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज़ भी हैं। उन्होने यह कारनामा दो बार किया हैं, एक बार 2011 में, तो दूसरी बार 2015 में। टेलर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास 2015 विश्व कप के बाद ले लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी कर ली।
2- रयान टेन डसकाटे (नीदरलैंड्स)
रयान टेन डेसकाटे को नॉन टेस्ट प्लेइंग नेशंस में से सबसे अच्छा क्रिकेटर माना जाता है। उनकी वनडे में बल्लेबाज़ी औसत 67 की हैं और साथ ही में उन्होने अपने करियर में 5 शतक और 9 अर्धशतक भी लगाए हैं। उनके नाम 24.12 की औसत से 55 विकेट हैं।
रयान को जगह जगह जाकर टी-20 लीग में हिस्सा लेने के लिए भी जाना जाता हैं, वो कई फेमस टीमों का भी हिस्सा रहे हैं, जैसे कोलकाता नाइटराइडर्स, एसेक्स, एडिलेड स्ट्राइकर्स और कैंटरबरी। टेन डेसकाटे 2011 विश्व कप में दो सेंचुरी लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज़ भी थे, उनके अलावा सचिन तेंदुलकर और एबी डीविलियर्स ने भी दो शतक लगाए थे। उनके नाम वनडे क्रिकेट में सबसे अच्छी औसत का रिकॉर्ड भी दर्ज हैं।
3- केविन ओ'ब्रायन (आयरलैंड)
आयरिश ऑल-राउंडर के नाम वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे तेज़ शतक बनाने का रिकॉर्ड दर्ज़ है। केविन ने इंग्लैंड के खिलाफ 2011 में 338 रनों का पीछा करते हुए 50 गेंदो पर अपना शतक पूरा किया था। इस आयरिश ऑल-राउंडर को हर खेमा अपनी टीम में खिलाना चाहेगी।
जब 2013 में पाकिस्तान की टीम ने आयरलैंड का दौरा किया था, तब केविन ओ'ब्रायन को ही मैन ऑफ द सीरीज़ का पुरस्कार मिला था। ब्रायन अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं, वो गेंद को आसानी से सीमा रेखा से पार करा सकते हैं। उनकी रिकॉर्ड ब्रेकिंग सेंचुरी के दौरान उन्होने उस टूर्नामेंट का सबसे लंबा छक्का भी मारा था।
4- ओले मोरटेनसन (डेनमार्क)
ओले मोरटेनसन निश्चित ही सबसे अच्छे डैनिश क्रिकेटर थे, जिन्होंने यह खेल खेला हो। उन्हें उनकी निरंतरता, अनुशासन और खतरनाक गेंदबाजी के लिए जाना जाता था। मोरटेनसन डर्बीशायर के लिए काउंटी खेला करते थे। उनकी गिनती काउंटी क्रिकेट के सबसे अच्छे गेंदबाजों में होती है। ओले ने 157 फ़र्स्ट क्लास मैच में 23.88 की औसत से 434 विकेट अपने नाम किए।
इनकी टीम के कप्तान रहे किम बार्नेट इन्हें बेस्ट तेज़ गेंदबाज कहते थे, जो कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाया। इनकी गेंदबाजी से अच्छे अच्छे बल्लेबाज़ डरते थे।
5- स्टीव टिकोलो (केन्या)
केन्या के पूर्व कप्तान, जोकि अपनी टीम को 2003 वर्ल्डकप के सेमीफ़ाइनल तक लेके गए थे। वो अपनी टीम के लिए वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी हैं। उन्होने 1996 से लेकर 2007 तक 4 विश्वकप में हिस्सा लिया हैं। यह उस सबसे ज्यादा वनडे खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट न खेल पाने वालों की सूची में भी दूसरे खिलाड़ी हैं।
टिकोलो के नाम केन्या के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी हैं। उन्होने 3,428 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक और 24 अर्ध शतक शामिल हैं। टिकोलो ने गेंदबाजी करते हुए 4.80 की इकोनोमी से 94 विकेट अपने नाम किए हैं।