एंडी फ्लॉवर के दौर के बाद जब ये अफ्रीकन देश विश्व क्रिकेट में भयंकर टीम हुआ करती थी, पिछले 10 सालों में ब्रेंडन टेलर जिम्बॉब्वे के टॉप बल्लेबाज़ की श्रेणी में दिखे। लेकिन फ्लॉवर के जाने के बाद पिछले 12 साल में सिर्फ 3 टेस्ट ही जीतने में सफल रही। जिम्बॉब्वे की टीम टेस्ट में बेहद कंमोज़ोर पड़ गई और टी20 और वनड में भी औसत टीम बनकर रह गई। साल 2011 में टेस्ट में वापसी के बाद ब्रेंडन टेलर को जिम्बॉब्वे टीम की कमान सौंपी गई और इनके बल्लेबाज़ी के रिकॉर्ड ने नया आयाम छू लिया। अपनी कप्तानी में ब्रेंडन टेलर ने सात टेस्ट में 4 बेहतरीन शतक जड़े। दांय हाथ के इस बल्लेबाज़ ने जिम्बॉब्वे के लिए अपना आखिरी वनडे 2015 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान खेला और भारत के खिलाफ 138 रन की विदाई पारी खेली जो जिम्बॉब्वे को जीत नहीं दिला सकी। टेलर की एक प्रसिद्ध पारी 2007 के पहले वर्ल्ड टी 20 के दौरान देखने को मिली जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 60 रन बनाकर जिम्बॉब्वे को जीत दिला हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। मौजूदा समय में टेलर नॉटिंघमशायर काउंटी टीम से खेलते हैं और उन्हें जिम्बॉब्वे के महान बल्लेबाज़ों में से एक माना जाता है।