आईपीएल 2018 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी 27 और 28 जनवरी को बेंगलुरु में समाप्त हो गयी। नीलामी में कुल 578 खिलाड़ी शामिल हुए थे जिसमें से पहले दिन 78 खिलाड़ी खरीदे गये वहीं दूसरे दिन 91 जबकि 18 खिलाड़ी टीमों द्वारा पहले ही रिटेन कर लिए गये थे। इस तरह इस साल के आईपीएल में 187 खिलाड़ी खेलते हुए दिखेंगे। आज हम आपको ऐसे 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दूसरी टीमों से खेलने के बाद आईपीएल 2018 में उसी टीम की तरफ से खेलेंगे जिसके लिए उन्होंने अपना पहला आईपीएल मैच खेला था:
#5 मुरली विजय (चेन्नई सुपर किंग्स)
भारतीय टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज और तमिलनाडु के घरेलू खिलाड़ी मुरली विजय को आईपीएल 2009 में चेन्नई सुपर किंग्स ने अनकैप खिलाड़ी के रूप में अपनी टीम में शामिल किया लेकिन विजय को उस आईपीएल में सिर्फ 4 मैच ही खेलने को मिले और उसमें वह कुछ खास नहीं कर पाये। उसके बाद आईपीएल 2010 और 2011 में सीएसके के लिए विजय का बल्ला जमकर बोला और दोनों ही साल उनकी टीम आईपीएल की विजेता रही। आईपीएल 2013 तक सीएसके का हिस्सा रहने वाले विजय को आईपीएल 2014 की नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 5 करोड़ रूपये में खरीद लिया लेकिन 2015 में ही दिल्ली की फ्रेंचाईजी ने खराब फॉर्म की वजह से उन्हें रिलीज कर दिया। इस बार किंग्स XI पंजाब ने उन्हें 3 करोड़ रूपये में अपनी टीम में खरीदा। वर्तमान समय में मुरली विजय की छवि एक टेस्ट बल्लेबाज की है और इसी वजह से उन्हें इस साल की नीलामी के पहले राउंड में को खरीददार नहीं मिला लेकिन दूसरे राउंड में उनकी पहली टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें बेस प्राइज़ यानी 2 करोड़ रूपये में खरीद लिया।
#4 जेपी डुमिनी (मुंबई इंडियंस)
दक्षिण अफ्रीका के मध्यक्रम के बल्लेबाज जेपी डुमिनी को आईपीएल 2009 की नीलामी में मुंबई इंडियंस ने 950,000 अमेरिकी डॉलर देकर खरीदा था। एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ और केविन पीटरसन के बाद डुमिनी उस नीलामी के सबसे महंगे खिलाड़ी थे। मुंबई के साथ वह 2 साल तक रहे जहाँ 21 मैचों में उन्होंने 529 रन बनाये लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 120 से भी कम का रहा। उसके बाद 2011 की नीलामी में उन्हें डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद (आईपीएल 2013 से सनराइजर्स हैदराबाद) ने खरीदा जबकि 2014 में वह दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में चले गये। इस दौरान डुमिनी दिल्ली के कप्तान भी रहे और बल्ले से भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। चोट की वजह से आईपीएल 2016 का हिस्सा नहीं रहे डुमिनी को इस बार उनकी पहली टीम मुंबई इंडियंस ने उन्हें बेस प्राइस 1 करोड़ रूपये में खरीद लिया।
#3 ग्लेन मैक्सवेल (दिल्ली डेयरडेविल्स)
यह बात काफी कम लोगों को पता है कि ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल आईपीएल 2012 में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम का हिस्सा थे जहाँ उन्हें सिर्फ 2 मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उनके बल्ले से मात्र 6 रन निकले। आईपीएल 2013 की नीलामी में मैक्सवेल की किस्मत का पिटारा खुल गया और उन्हें मुंबई इंडियंस की टीम ने 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर देकर अपनी टीम में शामिल कर लिया। धुरंधरों से भरी आईपीएल 2013 की विजेता मुंबई इंडियंस की तरफ से उन्हें सिर्फ 3 ही मैच खेलने का मौका मिला लेकिन 2014 में किंग्स XI पंजाब में शामिल हुए मैक्सवेल को उनकी टीम ने पूरा मौका दिया और उनके जबरदस्त प्रदर्शन की वजह से किंग्स XI की टीम पहली बार आईपीएल के फाइनल तक भी पहुंची। आईपीएल 2014 से 2017 तक लगातार पंजाब की टीम का हिस्सा रहने के बाद मैक्सवेल को इस साल की नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 9 करोड़ रूपये में अपनी टीम में शामिल किया और अपने पहले आईपीएल को भुलाकर मैक्सवेल इस बार दिल्ली को पहली बार विजेता बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
#2 युवराज सिंह (किंग्स XI पंजाब)
टी20 विश्वकप में ओवर की 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाने वाले युवराज सिंह आईपीएल के पहले सत्र में अपनी घरेलू फ्रेंचाईजी किंग्स XI पंजाब के साथ आइकॉन खिलाड़ी के रूप में जुड़े। उनके अलावा सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण भी अपनी-अपनी घरेलू फ्रेंचाईजी के साथ आइकॉन खिलाड़ी के रूप में जुड़े थे। ‘सिक्सर किंग’ के नाम से मशहूर युवी 2008 से 2010 तक पंजाब की टीम के साथ रहे। इस दौरान उनके बल्ले से 43 मैचों में करीब 25 की औसत से 894 निकले। आईपीएल 2011 की नीलामी में उन्हें नई टीम पुणे वारियर्स इंडिया ने खरीदा और युवी उस टीम के कप्तान भी बनाये गये और इस टीम के साथ वह 2013 तक रहे। आईपीएल 2014 और 2015 में युवी क्रमश रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम के साथ थे। दिल्ली ने उन्हें 16 करोड़ रूपये में खरीदा था और यह रकम नीलामी में अब तक किसी भी खिलाड़ी को मिलने वाली सबसे बड़ी रकम है। इतनी मोटी रकम मिलने के बावजूद युवी बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाये और दिल्ली ने उन्हें एक साल बाद ही रिलीज कर दिया। आईपीएल 2016 की नीलामी में युवराज सिंह को सनराइजर्स हैदराबाद ने खरीद लिया। वहां वह 2 साल रहे लेकिन लगातार गिरते फॉर्म की वजह से यहाँ भी युवी बल्ले से वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाये जिसके लिए वह जाने जाते हैं। आईपीएल नीलामी से कुछ दिनों पहले हुए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में युवी का बल्ला पूरी तरह खामोश रहा और इस टूर्नामेंट में उनका स्ट्राइक रेट 100 से भी कम का था। इसी वजह से नीलामी से पहले कयास लगाये जा रहे थे कि शायद उन्हें कोई खरीददार ना मिले लेकिन उनकी पहले टीम किंग्स XI पंजाब ने उन्हें उनके बेस प्राइज़ 2 करोड़ रूपये में खरीद लिया।
#1 गौतम गंभीर (दिल्ली डेयरडेविल्स)
आईपीएल 2008 की नीलामी में दिल्ली की फ्रेंचाईजी ने अपने घरेलू खिलाड़ी और 2007 टी20 विश्वकप में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज गौतम गंभीर को 725,000 अमेरिकी डॉलर में अपनी टीम में शामिल किया और पहले ही आईपीएल में उन्होंने 14 मैचों में 41.07 की औसत और 140.89 की स्ट्राइक रेट से 534 रन बना डाले। गंभीर की इस प्रदर्शन की बदौलत उनकी टीम सेमीफाइनल तक भी पहुंची लेकिन अगले 2 सालों में दिल्ली के लिए खेलते हुए गंभीर ने बल्ले से कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। आईपीएल 2009 और 2010 को मिलाकर गंभीर ने 26 मैचों में सिर्फ 563 रन ही बनाये और उनका स्ट्राइक रेट भी करीब 115 का ही रह गया। इसी वजह से दिल्ली ने उन्हें आईपीएल 2011 की नीलामी से रिलीज कर दिया लेकिन कोलकाता नाइटराइडर्स ने गंभीर को 2.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर देकर अपनी टीम में शामिल कर लिया। गंभीर उस नीलामी के सबसे महंगे खिलाड़ी भी थे। केकेआर ने अपने टीम की कमान उनके हाथों में सौंपी और पहले 3 आईपीएल तक सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुँचने वाली केकेआर की टीम उनकी कप्तानी में आईपीएल 2012 और 2014 की विजेता बन गयी। पिछले साल गौतम गंभीर ने इच्छा जताई थी कि वह अपनी घरेलू फ्रेंचाईजी दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलना चाहते हैं और इस साल नीलामी से पहले केकेआर ने उन्हें रिटेन भी हिन् किया। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि दिल्ली फिर से गंभीर को खरीद ले और नीलामी में ऐसा ही हुआ। दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने 2.8 करोड़ में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया और कोच रिकी पॉन्टिंग ने उन्हें टीम का कप्तान भी घोषित कर दिया।