क्रिकेटरों की आत्महत्या के बारे में आपने कम ही सुना होगा। जाहिर तौर पर क्रिकेट मैच में हार या जीत का मतलब आत्महत्या नहीं होता। जब क्रिकेट फील्ड पर ये खिलाड़ी बड़ी-बड़ी जंग जीत जाते हैं तो ऐसा क्या है कि ये अपनी जिंदगी से हार जाते हैं। अगर हम गौर करें तो क्रिकेटरों की जिंदगी इतनी आसान नहीं होती। क्रिकेट इतिहासकार और पत्रकार डेविड फ्रिथ ने अपनी किताब 'साइलेंस ऑफ द हार्ट क्रिकेटर्स सुसाइड' के दूसरे एडिसन में उन्होंने 151 क्रिकेटरों की आत्महत्या पर लिखा। डेविड फ्रिथ की ये किताब 2001 में आई थी और साल बाद भी ये आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। 151 क्रिकेटरों की लंबी लिस्ट में कोई मानसिक बीमारी से ग्रस्त था, तो कोई डिप्रेशन में था इसके अलावा शादी टूटना, आर्थिन रुप से सक्षम ना होना इन सभी वजहों से ये क्रिकेट खिलाड़ी अपने खेल के साथ साथ अपनी जिंदगी से भी दूर हो गए। इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं उन 5 क्रिकेटर्स के बारे में जिन्होंने आत्महत्या की: #5 हैरल्ड गिम्बलेट उस दौर में गिम्बलेट को बल्लेबाजी करते देखना किसी ट्रीट से कम नहीं था गिम्बलेट समरसेट के सबसे टैलेंटिड बल्लेबाजों में से एक थे। अपने डेब्यू मैच में ही गिम्बलेट ने 65 मिनट में 125 रन ठोक दिए थे। इसके बाद जल्द ही उनका चयन इंग्लैंड की नेशनल टीम में हो गया इंग्लैंड की और से खेलते हुए भी गिम्बलेट ने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया। एक बार तो गिम्बलेट उस समय विरोधी गेंदबाज की गेंदों पर 3 छक्के जड़ दिए, जब उनके साथी बल्लेबाज कम रोशनी की शिकायत कर रहे थे। हालांकि इस सबके बावजूद भी हेराल्ड गिम्बलेट अपने क्रिकेट करियर और रिटायरमेंट के बाद भी मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। 1978 में 63 साल की उम्र में गिम्बलेट ने डॉक्टर के निर्देश से ली हुई दवाईयों की ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली। अपने पीछे वो अपनी पत्नी रीटा और एक पुत्र छोड़ गए थे। रीटा से उन्होंने 1938 में शादी की थी। #4 ऑब्रे फॉकनर 1900 के दौर में फॉकनर साउथ अफ्रीका के स्टार ऑलराउंडर हुआ करते थे। फॉकनर ने साउथ अफ्रीका के लिए 25 टेस्ट मैचों में 1754 रन बनाए हैं। जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ 204 रन है। इस दौरान उनका औसत 40.79 का रहा। फॉकनर बल्ले के साथ-साथ गेंद से भी अहम योगदान देते थे। फॉकनर ने 82 विकेट चटकाए। उनका सर्वश्रेष्ठ 7 विकेट लेकर 84 रन है। फॉकनर ने पहले विश्व युद्धा में ब्रिटेन की ओर से हिस्सा लिया था। जिसके बाद वो मलेरिया से ग्रिसत हो गाए। इसके बाद ठीक होने के बाद फॉकनर ने एक बार फिर इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की। लेकिन उनकी वापसी कुछ खास नहीं रही और सिर्फ 1 मैच के बाद ही रिटायर हो गए। रिटायरमेंट के बाद फॉकनर ने लंदन में क्रिकेट स्कूल खोला, उस समय पहला क्रिकेट स्कूल था। जहां से डग राइट, इयान पिबल्स और डेनिस टोमिल्सन जैसे खिलाड़ी निकले। हालांकि ये स्कूल आर्थिक तंगी से जूझने लगा, जिसकी वजह से फॉकनर डिप्रेशन में चले गए। 10 सितंबर 1930 को उन्होंने अपने क्रिकेट स्कूल के स्टोर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उस समय फॉकनर 48 साल के थे। #3 डेविड बैर्स्टो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के मौजूदा विकेटकीपर जौनी बैर्स्टो के पिता डेविड बैरिस्टो ने इंग्लैंड के लिए 4 टेस्ट और 21 वनडे मैच खेले। डेविड यॉर्कशायर के बेहतरीन खिलाड़ी थे। उन्होंने यॉर्कशायर के लिए 459 फर्स्ट क्लास मैच और 429 लिस्ट ए मैच खेले थे। डेविड ने 18 साल की उम्र में यॉर्कशायर के लिए डेब्यू किया। जिस दिन डेविड ने डेब्यू किया था उस दिन सुबह वो अपना इंग्लिश साहित्य के पेपर देकर आए, उसके बाद उन्होंने यॉर्कशायर के लिए विकेटकीपिंग की। डेविड के बेहतरीन बल्लेबाज के तौर पर भी अपनी पहचान बना चुके थे। जो लिमिटेड ओवरों के क्रिकेट में रन चेज करने में माहिर थे। डेविड के एक बार यॉर्कशायर को तब जीत दिलाई थी, जब उन्हें जीत के लिए 80 रन चाहिए थे और उनका सिर्फ 1 विकेट बाकी था। 1990 में क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद डेविड ने क्रिकेट कमेंट्री में भी हाथ आजमाए। हालांकि यॉकशायर मैनेजमेंट से उनके विवादों के चलते वो डिप्रेशन में चले गए। 1997 में डेविड बैर्स्टो ने टेबलेट की ओवरडोस लेकर आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन वो बच गए। इसके बाद 5 जनवरी 1998 में उन्होंने मार्टोन कम ग्रेफटोन, यॉर्कशायर में आर्थिक तंगी और पत्नी की बीमारी की वजह से आत्महत्या कर ली। #2 हालिमा रफीक हालिमा पाकिस्तान की महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जो मुल्तान की रहने वाली थी। हालिमा तब सुर्खियों में आई ती जब मुल्तान क्रिकेट कल्ब के चैयरमैन सुल्तान आलम अंसारी ने मुल्तान क्रिकेट स्टेडियम में मैच के दौरान उनके साथ यौन उत्पीड़न किया था। हालिमा की इस बात का सहयोग उनकी साथी खिलाड़ियों ने भी किया था। उनके साथियों ने बताया था कि अंसारी के अलावा टीम सलेक्टर मोहम्मद जावेद भी महिला खिलाड़ियों से नेशनल और रीजनल टीम में चयन के बदले सेक्सुयल फेवर मांगते थे। हालिमा की इस शिकायत के बाद उन्हें मुल्तान क्रिकेट बोर्ड से धमकियां मिलने लगी और उन्हं परेशान किया जाने लगा। आलम अंसारी ने हालिमा पर झूठे आरोप लगाने के लिए उन पर मानहानि का मुकदमा भी दायर किया। जिसके बाद हालिमा ने 13 जुलाई 2014 को एसिड खाकर आत्महत्या की। #1 पीटर रोबक रोबक ने समरसेट के लिए 335 फर्स्ट क्लास मैच खेले। जिसमें उन्होंने 17558 रन बनाए। इसके बावजूद उन्हें कभी भी इंग्लैंड के लिए नेशनल टीम में खेलते का मौका नहीं मिला। 298 वनडे मैचों में रोबक ने 29.81 की औसत से 7244 रन बनाए। जबिक 25.09 की औसत से 51 विकेट हासिल किए। क्रिकेट से रिटायर होने के बाद रोबक ने पत्रकार के तौर पर द सिडनी मोर्निंग हेराल्ड, द ऐज के लिए कॉलम लिखे वहीं इसपीएन के लिए रेडियो कमेंट्री भी की। नवंबर 2011 में रोबक ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच सिडनी मोर्निंग हेराल्ड और ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कोरपोरेशन के लिए टेस्ट मैच कवर करने के लिए केपटाउन पहुंचे। वह 12 नवंबर को न्यूलैंड्स, केप टाउन में दक्षिणी सन होटल में रह रहे थे, जब दक्षिण अफ्रीकी पुलिस सेवा ने होटल में प्रवेश किया और 26 साल के व्यकित के कथित यौन उत्पीड़न के बारे में उनसे बात की। जिम्बाब्वे के एक व्यक्ति ने रोबक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद रोबक ने होटल के छठे फ्लोर से कूदकर आत्महत्या कर ली है।