एमएमए का फुलफॉर्म मिक्स्ड मार्शल आर्ट होता है। इस खेल को असभ्य विज्ञान माना जाता है, जबकि वहीं क्रिकेट को भद्रजनों का खेल माना जाता है। लेकिन भले ही आप क्रिकेट के फैन हों या एमएमए फाइट के फैन हों, दोनों खेलों का अपना एक औरा है। जो लोगों को आकर्षित करता है। क्रिकेट में कई शानदार एथलीट हुए हैं, जो अपनी ताकत, तेजी और दक्षता के लिए जाने जाते हैं। वहीं एमएमए जैसे खेल में आपको ताकत और मानसिक मजबूती से लैस होना जरुरी है। ब्राक लेस्नर, रौंडा रोउजी, मैट मित्रिओन, होली होम, वालेनटीना शेवचेन्को और बहुत से स्टार एमएमए में भाग लेते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको क्रिकेट के 5 ऐसे स्टार खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जो एमएमए में भाग ले सकते हैं: एबी डीविलियर्स जब हम एमएमए की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में हॉलीवुड की फिल्मों के एक्शन सीन याद आने लगते हैं। हालांकि एमएमए एक तरह से आक्रामक खेल है। जिसमें कई सफल जेंटलमैन भी भाग ले चुके हैं। जिनमें थामसन, कोर्मिएर, जार्ज पियरे और जूनियर डॉस भी भाग ले चुके हैं। मौजूदा समय में क्रिकेट में अगर नजर दौड़ाये तो एबी डीविलियर्स में वह सारी खूबी है। वह एक सभ्य और आक्रामक क्रिकेटर के तौर पर हैं। 5 फीट 10 इंच के डीविलियर्स आधुनिक क्रिकेट के छोटे कद के क्रिकेटरों में आते हैं। उनके अंदर मैदान के किसी भी कोने में शॉट मारने की क्षमता है। साथ ही वह कई खेलों में खेल चुके हैं। ऐसे में वह एमएमए के महान फाइटर बन सकते हैं। डीविलियर्स के अंदर दबाव में खेलने की क्षमता है। साथ ही उनका फुटवर्क कमाल का है। ऐसे में उनके अंदर वह सारे गुण हैं, जो एक फाइटर में होने चाहिए। क्रिस गेल एमएमए में कई फाइटर अथाह ताकत रखते थे। जिनमें मार्क हंट, अंथोनी रम्बल, एलिस्टर ऑवेरीम और स्टिप मिओसिक जैसे नाम शामिल हैं। जो मार्शल आर्ट के साथ ताकत के लिए भी लोकप्रिय थे। ऐसे में अगर किसी क्रिकेटर को देखा जाये तो क्रिस गेल इस भूमिका में फिट बैठते हैं। क्योंकि गेल की बल्लेबाज़ी अपने-आप में तूफ़ान रहती है। गेल जिस तरह गेंदबाजों पर टूट पड़ते हैं, उसी तरह वह मैदान के बाहर भी बेहद कूल माइंड क्रिकेटर हैं। वह मैदान के चारों ओर चौके-छक्के की बरसात करते हैं। उनके लिए ये सब बेहद आसान है। उनके नाम सबसे ज्यादा टी-20 में शतक भी दर्ज है। यद्यपि ऐसा कम ही लोगों को पता होगा कि गेल को हार्ट की भयंकर बीमारी से होकर गुजरना पड़ा था। गेल ने हार नहीं मानी और उन्होंने दुनिया के शीर्ष डाक्टरों से इलाज करवाया, उसके बाद अपनी फिटनेस हासिल करके मैदान पर वापस आये। गेल एक फाइटर हैं, इसलिए एमएमए में भी उनका करियर अच्छा बन सकता है। मिचेल जॉनसन एमएमए में स्पीड और फाइटर स्पिरिट मुख्य जरुरी चीजें हैं। उदाहरण के तौर पर डिमेटेरिअस ‘माईट माउस’ जॉनसन, वूड्ली, वलेनतिना और कई ऐसे नाम जो अपने विपक्षियों पर हावी रहते हैं। अपनी स्पीड और फाइटिंग स्पिरिट से इन एमएमए लड़ाकों ने अपने विरोधियों को नाकों चने चबवायें हैं। जब हम क्रिकेट में स्पीड की बात करते हैं, तो सबसे पहला नाम शोएब अख्तर का आता है। उसके बाद ब्रेट ली, माइकल होल्डिंग, जोएल गार्नर, मैल्कम मार्शल, डेल स्टेन जैसे गेंदबाजों का नाम आता है। इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज़ मिचेल जॉनसन का नाम नहीं आता है। लेकिन मिचेल जॉनसन ने क्रिकेट में बदलाव को आगे बढ़ाने का काम किया है। मिचेल जॉनसन ने खुद को पिच पर बतौर गेंदबाज़ और कभी कभार बल्लेबाज़ के तौर पर भी मजबूत खिलाड़ी के तौर पर पेश किया है। साल 2013 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 158.8 किमी/घंटे की रफ्तार से अपने करियर की सबसे तेज गेंद फेंकी थी। जॉनसन की स्पीड एमएमए फाइटर के रूप में फिट बैठती है। इसके अलावा विपक्षी पर माइंड गेम से भी हावी हो जाते हैं। जिसका फायदा भी उन्हें मिलेगा। उन्हें बस कीवी हैवीवेट मार्क हंट के साथ ट्रेनिंग करने की जरूरत है। केविन पीटरसन एमएमए खेल में शारीरिक रूप से मजबूत होना चाहिए साथ ही आपको दिमागी तौर पर भी मजबूत होना चाहिए। इस खेल में विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देना होता है। कोनार मैगरेगर, नेट डियाज़, जॉन जोंस, कोडी गर्ब्रंड और ब्राक लिसनर जैसे फाइटर इस मामले में नम्बर एक हैं। भद्रजनों के खेल में एक बेहतरीन बल्लेबाज़ और स्पिन गेंदबाज़ की भूमिका बेहद अहम होती है। इस कला में दक्षिण अफ्रीका में जन्में केविन पीटरसन को महारथ हासिल है। 6 फीट 5 इंच के कद वाले इस क्रिकेटर ने दक्षिण अफ्रीका एक कोटा सिस्टम से आहत होकर इंग्लैंड का रुख किया था। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान स्मिथ ने उनकी आलोचना में उन्हें द ईगो नाम दिया तो वार्न ने उन्हें वाल्किंग ईगो का कहा था। पीटरसन ने चाहे जिस टीम के लिए खेला हो उनका हर उस घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय टीम से विवाद रहा है। जिसकी तरफ से खेले हैं। उनके ईगो को अगर किनारे करके देखें तो पीटरसन दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। उनकी अनऑर्थोडॉक्स क्रिकेटिंग स्किल शानदार रही है। एमएमए में ‘द ईगो’ नाम उनका बिलकुल फिट बैठ रहा है। जो उनके मार्केटिंग में मददगार साबित होगा। ईगो वाले फाइटर को लोग काफी पसंद करते हैं। उदाहरण के तौर पर कॉनोर मैग्रेगोर को लोग खूब पसंद करते हैं। ऐसे में मिचेल जॉनसन और पीटरसन एमएमए में बेहद फिट बैठ रहे हैं। विराट कोहली मिक्स्ड मार्शल आर्ट में ऑलराउंड होने के मतलब सभी बैटल में आपको जीत मिलना। एमएमए के रेसलर बॉक्सिंग, रेसलिंग, ब्राज़ीलियाई जीजू-जित्सू, मुए थाई, किकबॉक्सिंग, सैम्बो और अन्य मार्शल आर्ट में पारंगत होते हैं। इसके अलावा मार्शल आर्ट में संतुलन सबसे अहम चीज होती है। वहीं जब हम क्रिकेट की बात करते हैं, तो मौजूदा समय में अगर कोई क्रिकेटर सभी फॉर्मेट में शानदार खेल दिखा रहा है। तो वह न्यू किंग ऑफ़ वर्ल्ड क्रिकेट विराट कोहली हैं। कोहली तकनीकी रूप से दक्ष क्रिकेटरों में से एक हैं। इसके अलावा वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में शुमार करते हैं। उनकी कमाई 92 मिलियन यूएस डॉलर है। विराट की तुलना एमएमए के फाइटर कॉनोर मैग्रेगोर से हो सकती है। क्योंकि ये दोनों गुस्सैल हैं। इसके अलावा जहाँ भी रहते हैं लोगों पर हावी रहते हैं। इसके अलावा ये दोनों स्टार कमाई के मामले में भी आगे हैं। इसके अलावा कोहली कोनोर के फैन भी हैं। ऐसा उन्होंने कई बार ट्वीट के जरिये जाहिर भी किया है। कल्पना करिए अगर आयरलैंड के जिम में कोहली कॉनोर के साथ ट्रेनिंग करें!