कुछ क्रिकेटर ऐसे होते हैं जो कि बड़े इवेंट को काफी ज्यादा पसंद करते हैं और बड़े टूर्नामेंटों में काफी बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। ऐसे प्लेयर वर्ल्ड कप या चैंपियंस ट्रॉफी जैसा बड़ा टूर्नामेंट आते ही फॉर्म में आ जाते हैं। बड़े टूर्नामेंटो में मैच विनिंग प्रदर्शन की वजह से इन खिलाड़ियों को हमेशा याद किया जाता है और क्रिकेट के पन्नों में उनके प्रदर्शन को सुनहरे अच्छरों में लिखा जाता है। हमने ऐसे ही 5 खिलाड़ियों की लिस्ट बनाई है जिन्होंने बड़े टूर्नामेंट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। राहुल द्रविड़
बैटिंग | पारी | रन | औसत | स्ट्राइक रेट | 50 | 100 | बेस्ट |
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चैंपियंस ट्रॉफी रिकॉर्ड | 15 | 627 | 48.23 | 73.33 | 6 | 0 | 76 |
वर्ल्ड कप रिकॉर्ड | 21 | 860 | 61.43 | 74.98 | 6 | 2 | 145 |
बैटिंग | पारी | रन | औसत | स्ट्राइक रेट | 50 | 100 | बेस्ट |
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चैंपियंस ट्रॉफी रिकॉर्ड | 17 | 653 | 46.64 | 77.46 | 3 | 1 | 113* |
वर्ल्ड कप रिकॉर्ड | 32 | 1148 | 45.92 | 74.4 | 9 | 1 | 128* |
गेंदबाजी | विकेट | औसत | स्ट्राइक रेट | इकॉनामी | 4 विकेट | बेस्ट |
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चैंपियंस ट्रॉफी रिकॉर्ड | 20 | 26.25 | 31.9 | 4.92 | 1 | 5-30 |
वर्ल्ड कप रिकॉर्ड | 21 | 43.05 | 60.29 | 4.28 | 0 | 3-26 |
राहुल द्रविड़ की तरह जैक कैलिस ने भी लंबे समय तक चैंपियंस ट्रॉफी में साउथ अफ्रीका के लिए काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया । टूर्नामेंट के पहले एडिशन में ही उन्होंने काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ कैलिस ने 113 रनों की नाबाद पारी खेली थी। वहीं गेंदबाजी में वेस्टइंडीज के खिलाफ 20 रन देकर 5 विकेट चटकाकर उन्होंने अपनी टीम को पहला चैंपियंस ट्रॉफी जितवाया। कैलिस को दोनो ही मुकाबलो में मैन ऑफ द् मैच चुना गया, वहीं टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हे मैन ऑफ द् टूर्नामेंट भी चुना गया था। उसके बाद साउथ अफ्रीका की टीम अब तक आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी। वर्ल्ड कप की अगर बात करें तो 1999 के वर्ल्ड कप में उन्होंने 52 की औसत से 312 रन बनाए थे। 2007 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में भी कैलिस ने साउथ अफ्रीका की तरफ से सबसे ज्यादा 485 रन बनाए थे। 2011 के वर्ल्ड कप में भी कैलिस ने शानदार 225 रन बनाए थे। हालांकि साउथ अफ्रीका की टीम वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई और कैलिस का ये आखिरी वर्ल्ड कप रहा। उसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया। 3. मुथैया मुरलीधरन
गेंदबाजी | विकेट | औसत | स्ट्राइक रेट | इकॉनामी रेट | 4 विकेट | बेस्ट |
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चैंपियंस ट्रॉफी रिकॉर्ड | 24 | 20.16 | 33.5 | 3.6 | 2 | 4-15 |
वर्ल्ड कप रिकॉर्ड | 68 | 19.63 | 30.31 | 3.89 | 4 | 4-19 |
वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधनर को भला कौन भूल सकता है। श्रीलंका और वर्ल्ड क्रिकेट में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इस लिस्ट में उनको देखकर जरा सी भी हैरानी नहीं होती क्योंकि वो एक दिग्गज स्पिनर थे। चैंपियंस ट्रॉफी और वर्ल्ड कप में श्रीलंका के लिए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। चैंपियंस ट्रॉफी में उनका सबसे शानदार प्रदर्शन 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी में रहा। उस संस्करण में भारतीय टीम के साथ श्रीलंका संयुक्त रुप से विजेता रही थी। टूर्नामेंट में उन्होंने 7 की औसत से 10 विकेट चटकाए। वहीं उनका इकॉनामी रेट टूर्नामेंट में महज 3.6 रहा। ये किसी भी गेंदबाज का चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक का बेस्ट इकॉनामी रेट है। वर्ल्ड कप में भी मुरलीधरन ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और 2003 के वर्ल्ड कप में 17 विकेट चटकाए। 2007 के वर्ल्ड कप में उन्होंने सबसे ज्यादा 26 विकेट चटकाए थे। 2. सौरव गांगुली
बल्लेबाजी | पारी | रन | औसत | स्ट्राइक रेट | 50 | 100 | बेस्ट |
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चैंपियंस ट्रॉफी रिकॉर्ड | 11 | 665 | 73.88 | 83.12 | 3 | 3 | 141* |
वर्ल्ड कप रिकॉर्ड | 21 | 1006 | 55.89 | 77.5 | 3 | 4 | 183* |
फिक्सिंग स्कैंडल के बाद चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली के कंधों पर भारतीय टीम के कप्तानी की जिम्मेदारी थीऔर सौरव गांगुली ने निराश नहीं किया। उन्होंने अपनी बेखौफ कप्तानी से भारतीय टीम में एक नई जान फूंक दी। सहवाग, जहीर खान जैसे कई खिलाड़ी उनकी कप्तानी में निखर कर सामने आए। कप्तान सौरव गांगुली ने खुद पूरे टूर्नामेंट में काफी अच्छी बल्लेबाजी की। चैंपियंस ट्रॉफी में वो भारत की तरफ से दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने करियर में इस मिनी वर्ल्ड कप में 665 रन बनाए। उनसे आगे अब भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन हैं जिन्होंने इसी चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली का रिकॉर्ड तोड़ा। 2002 में भारतीय टीम गांगुली की कप्तानी में संयुक्त रुप से विजेता रही वहीं 2000 के चैंपियंस ट्रॉफी में रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम फाइनल मुकाबला हार गई थी। 13 मैचो में 12 कैच के साथ दादा के नाम चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा कैच का भी रिकॉर्ड है। चैंपियंस ट्रॉफी की ही तरह गांगुली ने वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। 1999 के वर्ल्ड कप में वो तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इसमे श्रीलंका के खिलाफ उनके करियर का बेस्ट स्कोर 183 रन भी शामिल है। ये किसी भी भारतीय बल्लेबाज का वर्ल्ड कप में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर भी है। 2003 में जब वो भारतीय टीम के कप्तान थे तब भी उन्होंने आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया। वो टूर्नामेंट के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उनसे ज्यादा सिर्फ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के ही रन थे जो कि उस समय बेहतरीन फॉर्म में थे। सचिन ने 58.12 की औसत से 465 रन बनाए थे। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची। हालांकि ऑस्ट्रेलिया से भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। 1.ग्लेन मैक्ग्रा
गेंदबाजी | विकेट | औसत | स्ट्राइक रेट | इकॉनामी रेट | 4 विकेट | बेस्ट |
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चैंपियंस ट्रॉफी रिकॉर्ड | 21 | 19.61 | 29.1 | 4.03 | 1 | 5-37 |
वर्ल्ड कप रिकॉर्ड | 71 | 18.20 | 27.54 | 3.97 | 2 | 7-15 |
ग्लेन मैक्ग्रा अपने जमाने के मशहूर दिग्गज गेंदबाज थे। पिछले 2 दशक में शायद उनसे बढ़िया गेंदबाज वर्ल्ड क्रिकेट को नहीं मिला। नई गेंद से वो जिस तरह से एक्यूरेसी जेनरेट करते थे वो लाजवाब थी। बड़े से बड़े बल्लेबाज को भी उनके सामने बल्लेबाज करना काफी कठिन होता था। 1990 से 2010 के बीच मैक्ग्रा ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपने दम पर कई मैच जिताए। इस समय वो एमआरएफ पेस फाउंडेशन के डायरेक्टर हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन 2002 में न्यूजीलैंड के खिलाफ रहा। जिसमे उन्होंने 37 रन देकर 5 विकेट चटकाए। 2006 की चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भी उन्होंने 22 रन देकर 3 विकेट चटकाकर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया। वहीं फाइनल मुकाबले में भी उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 अहम विकेट चटकाकर अपनी टीम को ट्रॉफी दिलाई। वर्ल्ड कप में ग्लेन मैक्ग्रा और भी खतरनाक हो जाते थे। वर्ल्ड कप के इतिहास में वो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। ऑस्ट्रेलिया के लगातार 3 बार वर्ल्ड कप जीतने में मैक्ग्रा की गेंदबाजी का काफी योगदान रहा। वहीं वर्ल्ड कप में ग्लेन मैक्ग्रा के नाम बेस्ट बॉलिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। 2003 के वर्ल्ड कप में नामीबिया के खिलाफ उन्होंने 15 रन देकर 7 विकेट चटकाए थे। वर्ल्ड कप में उनका औसत महज 18.20 का है जो कि वर्ल्ड कप में सबसे अच्छा है। 2007 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में वो मैन ऑफ द् टूर्नामेंट रहे। ये उनका आखिरी वर्ल्ड कप था। लेखक- कुशाग्र अग्रवाल अनुवादक- सावन गुप्ता