बल्लेबाजी | पारी | रन | औसत | स्ट्राइक रेट | 50 | 100 | बेस्ट |
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चैंपियंस ट्रॉफी रिकॉर्ड | 11 | 665 | 73.88 | 83.12 | 3 | 3 | 141* |
वर्ल्ड कप रिकॉर्ड | 21 | 1006 | 55.89 | 77.5 | 3 | 4 | 183* |
फिक्सिंग स्कैंडल के बाद चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली के कंधों पर भारतीय टीम के कप्तानी की जिम्मेदारी थीऔर सौरव गांगुली ने निराश नहीं किया। उन्होंने अपनी बेखौफ कप्तानी से भारतीय टीम में एक नई जान फूंक दी। सहवाग, जहीर खान जैसे कई खिलाड़ी उनकी कप्तानी में निखर कर सामने आए। कप्तान सौरव गांगुली ने खुद पूरे टूर्नामेंट में काफी अच्छी बल्लेबाजी की। चैंपियंस ट्रॉफी में वो भारत की तरफ से दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने करियर में इस मिनी वर्ल्ड कप में 665 रन बनाए। उनसे आगे अब भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन हैं जिन्होंने इसी चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली का रिकॉर्ड तोड़ा। 2002 में भारतीय टीम गांगुली की कप्तानी में संयुक्त रुप से विजेता रही वहीं 2000 के चैंपियंस ट्रॉफी में रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम फाइनल मुकाबला हार गई थी। 13 मैचो में 12 कैच के साथ दादा के नाम चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा कैच का भी रिकॉर्ड है। चैंपियंस ट्रॉफी की ही तरह गांगुली ने वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। 1999 के वर्ल्ड कप में वो तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इसमे श्रीलंका के खिलाफ उनके करियर का बेस्ट स्कोर 183 रन भी शामिल है। ये किसी भी भारतीय बल्लेबाज का वर्ल्ड कप में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर भी है। 2003 में जब वो भारतीय टीम के कप्तान थे तब भी उन्होंने आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया। वो टूर्नामेंट के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उनसे ज्यादा सिर्फ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के ही रन थे जो कि उस समय बेहतरीन फॉर्म में थे। सचिन ने 58.12 की औसत से 465 रन बनाए थे। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची। हालांकि ऑस्ट्रेलिया से भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।