
175 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेलने के बाद हसी ने टेस्ट मैच में डेब्यू किया था। लेकिन एक बार मौका मिलने के बाद उन्होंने खुद को टीम में स्थापित कर लिया। उनका निकनेम मिस्टर क्रिकेट पड़ गया। उनकी खासियत ये थी कि वह किसी भी परिस्थिति में खुद को सेट कर लेते थे। हसी टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ रहे हैं। लेकिन टी-20 विश्वकप 2010 के सेमीफाइनल में जब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 17 गेंदों में 47 रन बनाते थे। जबकि उसके मुख्य बल्लेबाज़ पवेलियन में थे। हसी ने टेस्ट क्रिकेट की क्षमता का मुजायरा पेश करते हुए वह कर दिखाया जो लोगों ने सोचा नहीं था। हसी ने सईद अजमल के एक ओवर में 22 रन बनाये। जिससे आखिरी ओवर का प्रभाव ही खत्म हो गया। इस ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ने आईपीएल में भी अपने खेल का आनन्द लेते हुए चेन्नई सुपर किंग्स का स्तम्भ बन गया था। हसी ने 161 टी-20 मैचों में 37.45 के औसत से 4500 से ज्यादा रन बनाये हैं। हसी को क्रिकेट में देर से मौका मिला था, लेकिन उन्होंने अपने पूरे करियर के दौरान कभी भी उम्र व फिटनेस को आड़े नहीं आने दिया।