मध्य प्रदेश के तब 21 वर्षीय युवा क्रिकेटर जयप्रकाश यादव भारतीय टीम की नई सनसनी बनने की राह पर थे, लेकिन तभी उन्हें ट्यूमर कैंसर का इलाज कराना पड़ा। उन्हें लगा कि वह अब दोबारा कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे जो उनके लिए सबकुछ था। इलाज के दौरान वह तीन कीमोथेरेपी दौर से गुजरे और इस प्रक्रिया में 15 किलो वजन घटाया, लेकिन कैंसर से उनकी लड़ाई जारी रही। बहादुर दिल वाले जेपी ने मैदान पर वापसी की और मध्य प्रदेश की तरफ से मैच खेला। कैंसर से पूरी तरह ठीक होने के बाद वह रेलवे के महत्वपूर्ण खिलाड़ी बने और रणजी खिताब जीता। उनका भारत के लिए खेलने का सपना भी पूरा हुआ। घरेलू क्रिकेट में निरंतर प्रदर्शन के लिए लोकप्रिय हुए यादव को वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए चुना गया। उन्होंने 12 वन-डे में भारत का प्रतिनिधित्व किया।