किसी भी क्रिकेटर के लिए ये तय करना मुश्किल होता है कि उसके संन्यास का सबसे सही वक़्त क्या है। कुछ खिलाड़ियों ने तब क्रिकेट को अलविदा कहा है जब वो अपने करियर के टॉप पर थे। कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें ख़राब फ़ॉर्म और फ़िटनेस की समस्या की वजह से संन्यास लेना पड़ा। इसके अलावा कई मौक़े ऐसे भी आए हैं जब क्रिकेटर ने जारी सीरीज़ के दौरान ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। हम यहां ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने चौंकाने वाला फ़ैसला लिया था।
#5 रेयान हैरिस
रेयान हैरिस ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ थे, साल 2015 की एशेज़ सीरीज़ के लिए वो कंगारू टीम में शामिल किए गए थे। हांलाकि हैरिस ने सीरीज़ के शुरू होने से एक हफ़्ते पहले ही संन्यास ले लिया। घुटने की चोट इसकी असली वजह बताई गई। चोट की वजह से उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर समाप्त हो गया। हैरिस का संन्यास लेना कंगारू टीम के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि 2013 की एशेज़ सीरीज़ में वो टॉप गेंदबाज़ थे। न्यू साउथ वेल्स के इस गेंदबाज़ में 52 टेस्ट मैच में 113 विकेट हासिल किए थे, जिमनें उनका औसत 23.52 था। अगर वो चोट का शिकार नहीं हुए होते तो वो ऑस्ट्रेलिया के सबसे महान गेंदबाज़ बन सकते थे।
#4 शॉन टेट
शॉन टेट टेस्ट क्रिकेट के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों में से एक रहे हैं। साल 2008 में उम्मीद की जा रही थी कि वो पर्थ के मैदान में भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन करेंगे। भारत 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 0-2 से पीछे था, पर्थ की तेज़ पिच टेट के लिए मददगार साबित हो सकती थी। हांलाकि इस टेस्ट मैच में शॉन टेट एक भी विकेट लेने में नाकाम साबित हुए हुए। उन्होंने 21 ओवर में 92 रन लुटाए थे। भारत ने पर्थ टेस्ट शानदार तरीक़े से जीत लिया था। टेट इस हार से इतने निराश हुए कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से अचानक अनिश्चितकाल के लिए ब्रेक ले लिया। पर्थ टेस्ट उनके करियर के लिए आख़िरी टेस्ट मैच साबित हुए और उनके सुनहरे करियर का अंत हो गया। अगर कंगारू टीम पर्थ टेस्ट जीत जाती तो टेट का करियर काफ़ी बेहतर हो सकता था।
#3 ग्रीम स्वान
इंग्लैंड के दिग्गज ऑफ़ स्पिनर ग्रीम स्वान ने साल 2013 की एशेज़ सीरीज़ के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, जिससे पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया था। उन्होंने एशेज़ सीरीज़ का पहला, दूसरा और तीसरा मैच क्रमश: ब्रिसबेन, एडिलेड और पर्थ में खेला था। उन्होंने मेलबर्न टेस्ट शुरू होने से ठीक 4 दिन पहले ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। कोहनी की चोट की वजह से स्वान को जल्दबाज़ी में ये कड़ा फ़ैसला लेना पड़ा था। साल 2013 की एशेज़ टेस्ट सीरीज़ के 3 मैच में उन्होंने महज़ 7 विकेट लिए थे। स्वान टेस्ट क्रिकेट के बेहतरीन ऑफ़ स्पिनर्स में से एक थे। साल 2009 और साल 2010 की एशेज़ टेस्ट सीरीज़ के दौरान इंग्लैंड टीम के वह अहम खिलाड़ी थे। साल 2012 में वो इंग्लैंड टीम के उन गेंदबाज़ों में भी शामिल थे जिन्होंने अपनी टीम को भारत में टेस्ट सीरीज़ जिताई थी।
#2 अनिल कुंबले
साल 2008 में भारत में हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के बाद सौरव गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। इसके अलावा टीम इंडिया के उस वक़्त के टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले ने 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ के दौरान अचानक संन्यास का ऐलान कर दिया था। दिल्ली में उन्होंने अपना आख़िरी टेस्ट मैच खेला था। कुंबले ने कुछ ही वक़्त के लिए टेस्ट में टीम इंडिया की कप्तानी भी की थी। साल 2008 में उन्होंने अपनी अगुवाई में टीम इंडिया को पर्थ की तेज़ पिच पर जीत दलाई थी। उन्होंने तनाव के मौक़ों पर टीम इंडिया को बेहतरीन ढंग से संभाला था और ज़िम्मेदार कप्तान की भूमिका निभाई थी। इस लेग स्पिनर ने अपने टेस्ट करियर में 619 विकेट हासिल किए हैं, वो भारत की तरफ़ से टेस्ट में सबसे ज़्यादा और विश्व में तीसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी हैं
#1 एमएस धोनी
साल 2014 की टेस्ट सीरीज़ ख़त्म होते ही एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उनके इस फ़ैसले नें उनके करोड़ों फ़ैस का दिल तोड़ दिलाया था। टीम इंडिया 3 टेस्ट मैच की सीरीज़ में 0-2 से पीछे हो गई थी। ऐसे में धोनी की कप्तानी पर सवाल उठ रहे थे, धोनी ने 90 टेस्ट मैच में 4876 रन बनाए हैं जिसमें 6 शतक शामिल हैं। धोनी टीम इंडिया के सबसे सफल विकेटकीपर साबित हुए हैं। भले ही उन्होंने टेस्ट से संन्यास ले लिया हो, लेकिन वो लगातार सीमित ओवर के मैच खेल रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी का टेस्ट क्रिकेट से लिया गया अचानक संन्यास आज भी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। लेखक- मीत संपत अनुवादक- शारिक़ुल होदा